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उत्तराखंड के चमोली और टिहरी में फटा बादल, 200 साल पुराना शिव मंदिर बहा, गदेरे के तेज बहाव से टूटा पुल - Cloud burst in Chamoli - CLOUD BURST IN CHAMOLI

Cloud Burst In Chamoli Uttarakhand उत्तराखंड के चमोली जिले में भारी बारिश ने जमकर कहर बरपाया है और कई जगह बादल फटने से तबाही मची है. चमोली जिले के थराली में पिंडर नदी के तेज बहाव में 200 साल पुराना शिव मंदिर बह गया. वहीं भारी बारिश के कारण देवाल में हरनी-बोरागाड़ गदेरे पर बना स्टील गार्डर पैदल टूट गया.

Cloud Burst In Chamoli
चमोली में आसमानी आफत से बेहाल लोग (Photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 23, 2024, 10:46 AM IST

Updated : Aug 23, 2024, 11:10 AM IST

चमोली में फटा बादल (Video- ETV Bharat)

चमोली (उत्तराखंड): जनपद में बीते रात हुई भारी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. वहीं लगातार बारिश होने से हाईवे जगह-जगह बाधित हो गए, जिससे आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई. ऋषिकेश बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग नंदप्रयाग, छीनका,गुलाबकोटी, पगलानाला व कंचनगंगा के समीप मलबा आने से बाधित हो गया. वहीं थराली में पिंडर नदी के तेज बहाव में 200 साल पुराना शिव मंदिर बह गया. वहीं देवाल ब्लॉक के हरनी-बोरागाड़ गदेरे पर बना स्टील गार्डर पैदल टूट गया. वहीं टिहरी में बादल फटने से बूढ़ाकेदार क्षेत्र के गेन्वाली गांव में भूस्खलन से स्कूल भवन को नुकसान पहुंचा है.

चमोली जिले में ज्योर्तिमठ में सिंहधार वार्ड में लोगों के घरों में नाले का पानी घुस गया. जिससे लोग रात भर सो नहीं पाए. इससे पूर्व भी यहां जगह-जगह पैदल मार्ग धंसने लगे थे. जिसके बाद लोगों के घर में पानी भरना शुरू हो गया है. चमोली जनपद के पिंडर क्षेत्र में भी बारिश का कहर देखने को मिला है. भारी बारिश से पिंडर नदी व प्राणमाती नदी का जलस्तर बढ़ गया है. जलस्तर बढ़ने से नदी किनारे रह रहे लोगों को प्रशासन ने देर रात ही सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे. बारिश होने से थराली गांव में 200 साल पुराना शिव मंदिर बह गया.

वहीं सरस्वती शिशु मंदिर एवं बेतालेश्वर मंदिर में देर रात पानी भर गया. वहीं देवाल ब्लॉक के हरनी-बोरागाड़ पर बना स्टील गार्डर पैदल पुल टूट गया. पिंडर में लगातार बढ़ते जलस्तर को देखते हुए पुलिस, प्रशासन ने नदी किनारे के घरों को सुरक्षा की दृष्टि से खाली करा लिया था. पूरी रात पुलिस एवं तहसील के अधिकारी नगर क्षेत्र में गश्त करते रहे. थराली से लेकर रतगांव तक नदी ने कृषि भूमि को काफी नुकसान पहुंताया है. लोनिवि थराली के सहायक अभियंता जेके टम्टा ने बताया कि थराली-देवाल-वांण राजमार्ग समेत देवाल से आगे कई स्थानों पर मार्ग अवरूद्ध हो गया है. जिसे खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं.

टिहरी में भारी बारिश का कहर: भारी बारिश से टिहरी जिले के बूढ़ाकेदार क्षेत्र के गेन्वाली गांव में भूस्खलन से स्कूल भवन को नुकसान पहुंचा है. सूचना पर डीएम मयूर दीक्षित ने राजस्व, एसडीआरएफ और पुलिस की टीम मौके पर भेजकर नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए हैं. ग्रामीणों ने बताया कि मलबा आने से गांव के 3-4 घरों को नुकसान पहुंचा है. जबकि उच्च प्राथमिक विद्यालय के भवन में पेड़, मलबा, पत्थर घुसने से काफी नुकसान हुआ है.

पढ़ें-केदारनाथ हाईवे पर फाटा के पास भूस्खलन, मलबे में दबकर 4 नेपाली मजदूरों की मौत

चमोली में फटा बादल (Video- ETV Bharat)

चमोली (उत्तराखंड): जनपद में बीते रात हुई भारी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. वहीं लगातार बारिश होने से हाईवे जगह-जगह बाधित हो गए, जिससे आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई. ऋषिकेश बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग नंदप्रयाग, छीनका,गुलाबकोटी, पगलानाला व कंचनगंगा के समीप मलबा आने से बाधित हो गया. वहीं थराली में पिंडर नदी के तेज बहाव में 200 साल पुराना शिव मंदिर बह गया. वहीं देवाल ब्लॉक के हरनी-बोरागाड़ गदेरे पर बना स्टील गार्डर पैदल टूट गया. वहीं टिहरी में बादल फटने से बूढ़ाकेदार क्षेत्र के गेन्वाली गांव में भूस्खलन से स्कूल भवन को नुकसान पहुंचा है.

चमोली जिले में ज्योर्तिमठ में सिंहधार वार्ड में लोगों के घरों में नाले का पानी घुस गया. जिससे लोग रात भर सो नहीं पाए. इससे पूर्व भी यहां जगह-जगह पैदल मार्ग धंसने लगे थे. जिसके बाद लोगों के घर में पानी भरना शुरू हो गया है. चमोली जनपद के पिंडर क्षेत्र में भी बारिश का कहर देखने को मिला है. भारी बारिश से पिंडर नदी व प्राणमाती नदी का जलस्तर बढ़ गया है. जलस्तर बढ़ने से नदी किनारे रह रहे लोगों को प्रशासन ने देर रात ही सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे. बारिश होने से थराली गांव में 200 साल पुराना शिव मंदिर बह गया.

वहीं सरस्वती शिशु मंदिर एवं बेतालेश्वर मंदिर में देर रात पानी भर गया. वहीं देवाल ब्लॉक के हरनी-बोरागाड़ पर बना स्टील गार्डर पैदल पुल टूट गया. पिंडर में लगातार बढ़ते जलस्तर को देखते हुए पुलिस, प्रशासन ने नदी किनारे के घरों को सुरक्षा की दृष्टि से खाली करा लिया था. पूरी रात पुलिस एवं तहसील के अधिकारी नगर क्षेत्र में गश्त करते रहे. थराली से लेकर रतगांव तक नदी ने कृषि भूमि को काफी नुकसान पहुंताया है. लोनिवि थराली के सहायक अभियंता जेके टम्टा ने बताया कि थराली-देवाल-वांण राजमार्ग समेत देवाल से आगे कई स्थानों पर मार्ग अवरूद्ध हो गया है. जिसे खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं.

टिहरी में भारी बारिश का कहर: भारी बारिश से टिहरी जिले के बूढ़ाकेदार क्षेत्र के गेन्वाली गांव में भूस्खलन से स्कूल भवन को नुकसान पहुंचा है. सूचना पर डीएम मयूर दीक्षित ने राजस्व, एसडीआरएफ और पुलिस की टीम मौके पर भेजकर नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए हैं. ग्रामीणों ने बताया कि मलबा आने से गांव के 3-4 घरों को नुकसान पहुंचा है. जबकि उच्च प्राथमिक विद्यालय के भवन में पेड़, मलबा, पत्थर घुसने से काफी नुकसान हुआ है.

पढ़ें-केदारनाथ हाईवे पर फाटा के पास भूस्खलन, मलबे में दबकर 4 नेपाली मजदूरों की मौत

Last Updated : Aug 23, 2024, 11:10 AM IST
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