भुवनेश्वर : लोकसभा चुनाव से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि 2024 के संसदीय चुनाव के लिए सभी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. राजीव कुमार ने कहा, 'हम 2024 के संसदीय चुनाव और राज्य विधानसभा चुनाव कराने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. सभी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं.'
सीईसी के मुताबिक, '50 फीसदी मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की सुविधा होगी. 37809 मतदान केंद्रों में से 22,685 मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था होगी. अगर वहां कोई गड़बड़ी होती है तो तुरंत एक्शन होगा. दिव्यांग व्यक्तियों, युवाओं और महिलाओं पर मुख्य फोकस रखा जाएगा, इसके लिए 300 मतदान केंद्र होंगे जिनका प्रबंधन दिव्यांग व्यक्तियों द्वारा किया जाएगा.' उन्होंने कहा कि '700 बूथ पर युवा कर्मचारी तैनात किए जाएंगे जिससे अगर युवा वोट करने पहुंचें तो उन्हें यह अहसास हो कि हमारे जैसा कोई वोट ले रहा है.'
गौरतलब है कि निर्वाचन आयोग ने गुरुवार रात ओडिशा की यात्रा के साथ लोकसभा चुनावों के लिए राज्यों की तैयारियों की अपनी समीक्षा फिर से शुरू की है. जनवरी में आयोग ने आंध्र प्रदेश में तैयारियों की समीक्षा की थी, जहां लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होने हैं. सूत्रों ने बताया कि आयोग पश्चिम बंगाल, बिहार, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों का भी दौरा करेगा. यह 13 मार्च को जम्मू कश्मीर का दौरा करेगा.
'चुनावी बॉन्ड मुद्दे पर न्यायालय के आदेश का पालन करेगा आयोग' : मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने शनिवार कहा कि चुनाव आयोग चुनावी बॉन्ड योजना के संबंध में उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन करेगा. कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि आयोग हमेशा सूचना प्रवाह और भागीदारी में पारदर्शिता के आधार पर काम करता है.
उन्होंने कहा, 'शीर्ष अदालत को दिए अपने हलफनामे में आयोग ने कहा कि वह पारदर्शिता के पक्ष में है और जब आदेश जारी किया जाएगा तो वह उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार कदम उठाएगा.'
ईवीएम के प्रयोग के बिना चुनाव कराने को लेकर उच्चतम न्यायालय में लंबित मामले से जुड़े एक सवाल पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, 'फैसला आने दीजिए...अगर जरूरत पड़ी तो अदालत के निर्देश के मुताबिक बदलाव किए जाएंगे.'
उच्चतम न्यायालय ने आगामी लोकसभा चुनाव से पहले गुरुवार को एक ऐतिहासिक फैसले में चुनावी बॉन्ड योजना को 'असंवैधानिक' करार देते हुए निरस्त कर दिया तथा चंदा देने वालों, बॉन्ड के मूल्यों और उनके प्राप्तकर्ताओं की जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.
लोकसभा चुनाव से पहले आए इस फैसले में उच्चतम न्यायालय ने इस योजना को तत्काल बंद करने तथा इस योजना के लिए अधिकृत वित्तीय संस्थान 'भारतीय स्टेट बैंक' (एसबीआई) को 12 अप्रैल, 2019 से अब तक खरीदे गए चुनावी बॉण्ड का विस्तृत ब्योरा छह मार्च तक निर्वाचन आयोग को सौंपने का भी निर्देश दिया.