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मध्य प्रदेश में टाइगर्स की खूबसूरत दुनिया, वन्यप्राणियों की खातिर इस गांव में इंसानों ने छोड़ दिया अपना घर बार - Tigers Day Special - TIGERS DAY SPECIAL

पेंच टाइगर रिजर्व से सटे करमाझिरी गांव के ग्रामीणों ने जंगली जानवरों के लिए अपना घर और गांव छोड़ने का ऐलान किया है. ग्रामीणों ने एक सामूहिक चौपाल के बाद ये निर्णय लिया है.

PEOPLE LEAVE VILLAGE FOR ANIMALS
जानवरों को बसाने के लिए ग्रामीणों ने खाली कर दिए अपने घर और जमीन (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 6, 2024, 8:44 PM IST

Updated : Jul 29, 2024, 11:17 AM IST

छिंदवाड़ा। लगातार बढ़ रही आबादी के चलते जहां जंगली जानवरों के आशियाना यानी जंगल काटकर गांव और घर बसाने की खबरें आती हैं उसके उलट पेंच टाइगर रिजर्व से सटे करमाझिरी गांव के ग्रामीणों ने मिसाल पेश की है. यहां के ग्रामीणों ने जंगली जानवर के लिए अपना घर और गांव छोड़ने का ऐलान किया है. दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार ने इस गांव की जमीन को अधिग्रहित करने का फैसला किया है. इन ग्रामीणों को जोगीवाड़ा गांव में शिफ्ट किया जाएगा.

People leave village for animals
ग्रामीणों ने सामूहिक चौपाल लगाकर किया फैसला (ETV Bharat)

जानवरों के घर बसाने के लिए गांव छोड़ रहे ग्रामीण

पेंच नेशनल पार्क के बफर जोन से लगे वन ग्राम करमाझिरी गांव में 450 एकड़ जमीन है. जहां की आबादी करीब 1000 लोगों की है. पेंच नेशनल पार्क में जानवरों की संख्या अधिक होने की वजह से जानवर गांव में कई बार घुस आते हैं. ग्रामीणों ने सामूहिक चौपाल लगाकर निर्णय लिया है कि जंगल में जानवरों के लिए जगह कम पड़ रही है इसलिए क्यों ना अपना गांव खाली करके किसी दूसरी जगह बसा लिया जाए, ताकि जंगली जानवरों को रहने के लिए पर्याप्त जगह मिल सके और इसकी सूचना उन्होंने बकायदा वन विभाग सहित सरकार को भी दी है.

ग्रामीणों ने पेश की मिसाल

आमतौर पर देखा जाता है कि जब सरकार किसी भी प्रोजेक्ट के लिए ग्रामीण या किसानों से जमीन अधिग्रहण करती है तो इसका विरोध देखने को मिलता है, लेकिन इस गांव के लोगों ने ऐसा बिल्कुल नहीं किया. ग्रामीणों ने जंगली जानवरों की सुविधा के लिए चौपाल लगाकर फैसला लिया और अनोखी मिसाल पेश कर दी. बता दें कि जुलाई 2022 में मध्य प्रदेश सरकार ने पेंच नेशनल पार्क से सटे वन ग्राम करमाझिरी को वन अभ्यारण्य घोषित किया था.

People leave village for animals
जानवरों का घर बसाने के लिए गांव छोड़ रहे ग्रामीण (ETV Bharat)

ग्रामीणों को किया जाएगा शिफ्ट

जंगली जानवरों के लिए अपना घर और जमीन छोड़कर जाने वाले ग्रामीणों को पास के गांव जोगीवाड़ा में शिफ्ट किया जाएगा. इसके लिए एक परिवार को 15 लाख रुपए का मुआवजा और जीवन यापन करने के लिए करीब 5 एकड़ खेती करने के लिए जमीन दी जाएगी, जिससे कि ग्रामीण अपनी आगे की जिंदगी आराम से व्यतीत कर सकें.

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अभ्यारण्य बनने से जंगली जानवरों का बढे़गा इलाका

साल 2022 में करमाझिरी अभ्यारण्य में सिवनी जिले के 1410.420 हेक्टेयर वन क्षेत्र को शामिल किया गया है. इसके गठन से टाइगर रिजर्व के प्रबंधन को मजबूती मिलेगी और शाकाहारी व मांसाहारी वन्य-प्राणियों को अतिरिक्त रहवास स्थल उपलब्ध हो सकेगा. साथ ही प्रदेश में वन्य प्राणी बहुल क्षेत्र को शामिल करते हुए संरक्षित क्षेत्र के रकबे में बढ़ोत्तरी होगी. अब तक मध्य प्रदेश में 24 अभ्यारण्य हैं. पेंच टाइगर रिजर्व के उप संचालक रजनीश सिंह ने बताया कि "आमसभा में करमाझिरी के ग्रामीणों ने जंगली जानवरों के लिए अपना घर छोड़कर दूसरी जगह विस्थापन की सहमति दे दी है. केंद्र सरकार से पहले फेज की मंजूरी मिल चुकी है. ग्रामीणों की सहमति के बाद दूसरे चरण के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा."

छिंदवाड़ा। लगातार बढ़ रही आबादी के चलते जहां जंगली जानवरों के आशियाना यानी जंगल काटकर गांव और घर बसाने की खबरें आती हैं उसके उलट पेंच टाइगर रिजर्व से सटे करमाझिरी गांव के ग्रामीणों ने मिसाल पेश की है. यहां के ग्रामीणों ने जंगली जानवर के लिए अपना घर और गांव छोड़ने का ऐलान किया है. दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार ने इस गांव की जमीन को अधिग्रहित करने का फैसला किया है. इन ग्रामीणों को जोगीवाड़ा गांव में शिफ्ट किया जाएगा.

People leave village for animals
ग्रामीणों ने सामूहिक चौपाल लगाकर किया फैसला (ETV Bharat)

जानवरों के घर बसाने के लिए गांव छोड़ रहे ग्रामीण

पेंच नेशनल पार्क के बफर जोन से लगे वन ग्राम करमाझिरी गांव में 450 एकड़ जमीन है. जहां की आबादी करीब 1000 लोगों की है. पेंच नेशनल पार्क में जानवरों की संख्या अधिक होने की वजह से जानवर गांव में कई बार घुस आते हैं. ग्रामीणों ने सामूहिक चौपाल लगाकर निर्णय लिया है कि जंगल में जानवरों के लिए जगह कम पड़ रही है इसलिए क्यों ना अपना गांव खाली करके किसी दूसरी जगह बसा लिया जाए, ताकि जंगली जानवरों को रहने के लिए पर्याप्त जगह मिल सके और इसकी सूचना उन्होंने बकायदा वन विभाग सहित सरकार को भी दी है.

ग्रामीणों ने पेश की मिसाल

आमतौर पर देखा जाता है कि जब सरकार किसी भी प्रोजेक्ट के लिए ग्रामीण या किसानों से जमीन अधिग्रहण करती है तो इसका विरोध देखने को मिलता है, लेकिन इस गांव के लोगों ने ऐसा बिल्कुल नहीं किया. ग्रामीणों ने जंगली जानवरों की सुविधा के लिए चौपाल लगाकर फैसला लिया और अनोखी मिसाल पेश कर दी. बता दें कि जुलाई 2022 में मध्य प्रदेश सरकार ने पेंच नेशनल पार्क से सटे वन ग्राम करमाझिरी को वन अभ्यारण्य घोषित किया था.

People leave village for animals
जानवरों का घर बसाने के लिए गांव छोड़ रहे ग्रामीण (ETV Bharat)

ग्रामीणों को किया जाएगा शिफ्ट

जंगली जानवरों के लिए अपना घर और जमीन छोड़कर जाने वाले ग्रामीणों को पास के गांव जोगीवाड़ा में शिफ्ट किया जाएगा. इसके लिए एक परिवार को 15 लाख रुपए का मुआवजा और जीवन यापन करने के लिए करीब 5 एकड़ खेती करने के लिए जमीन दी जाएगी, जिससे कि ग्रामीण अपनी आगे की जिंदगी आराम से व्यतीत कर सकें.

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अभ्यारण्य बनने से जंगली जानवरों का बढे़गा इलाका

साल 2022 में करमाझिरी अभ्यारण्य में सिवनी जिले के 1410.420 हेक्टेयर वन क्षेत्र को शामिल किया गया है. इसके गठन से टाइगर रिजर्व के प्रबंधन को मजबूती मिलेगी और शाकाहारी व मांसाहारी वन्य-प्राणियों को अतिरिक्त रहवास स्थल उपलब्ध हो सकेगा. साथ ही प्रदेश में वन्य प्राणी बहुल क्षेत्र को शामिल करते हुए संरक्षित क्षेत्र के रकबे में बढ़ोत्तरी होगी. अब तक मध्य प्रदेश में 24 अभ्यारण्य हैं. पेंच टाइगर रिजर्व के उप संचालक रजनीश सिंह ने बताया कि "आमसभा में करमाझिरी के ग्रामीणों ने जंगली जानवरों के लिए अपना घर छोड़कर दूसरी जगह विस्थापन की सहमति दे दी है. केंद्र सरकार से पहले फेज की मंजूरी मिल चुकी है. ग्रामीणों की सहमति के बाद दूसरे चरण के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा."

Last Updated : Jul 29, 2024, 11:17 AM IST
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