छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश में एक नई तरह की राजनीति शुरू हुई है वह भी उस सीट पर जो बीजेपी के केंद्रीय हाई कमान के लिए सिरदर्द बनी हुई है. मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में पहले कमलनाथ ने एमपी की सबसे ऊंची हनुमान जी की प्रतिमा बनवाई. अब बीजेपी के जिला अध्यक्ष ने सबसे ऊंचे शंकर भगवान की प्रतिमा स्थापित की है. इस प्रतिमा के लिए 2018 में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भूमि पूजन किया था.
कमलनाथ के हनुमानजी तो बीजेपी के शंकर जी
करीब 10 साल पहले पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने नागपुर रोड के सिमरिया में मध्य प्रदेश की सबसे ऊंची 101 फीट की हनुमान प्रतिमा की स्थापना करवाई और इस धाम का नाम सिद्धेश्वर हनुमान मंदिर रखा गया. कमलनाथ कहते हैं कि ''मैं भी धार्मिक हूं, मुझे अपनी भक्ति दिखाने की जरूरत नहीं है. मैंने अपने पैसे से अपनी जमीन पक मंदिर बनवाया लेकिन कभी इसे राजनीतिक मंच पर नहीं लाया.'' हालांकि वे राजनीति के मंच से ही ये बातें कहते नजर आए हैं. वहीं भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष विवेक बंटी साहू के परिवार ने जबलपुर रोड के सिहोरा में श्री रामेश्वरम पूजा धाम में 81 फीट के भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करवाई है. दावा किया जा रहा है कि यह प्रतिमा भी मध्य प्रदेश की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा है.
कमलनाथ बोले मैं भी हिन्दू
विधानसभा चुनाव के पहले कमलनाथ ने अपने बनवाए हनुमान मंदिर में ही प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा करवाई थी और मंच से कहा था कि मुझे गर्व है कि मैं हिंदू हूं. इसके बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री प्रह्लाद पटेल ने कहा था कि ''कमलनाथ सिर्फ छिंदवाड़ा की सीमा के भीतर हिंदू हैं. यही बात वे दूसरी जगह जाकर क्यों नहीं बोल पाते.'' इसके साथ ही भाजपा के नेता नरोत्तम मिश्रा ने भी कहा था कि कमलनाथ अवसरवादी हिंदू हैं.
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने रखी थी आधारशिला
अप्रैल 2018 में श्री रामेश्वरम पूजा धाम की आधारशिला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने रखी थी. उनके साथ महाराजा ऑफ नागपुर श्रीमंत राजे मुधे जी भोसले भी मौजूद थे. इस मंदिर का संचालन भी बीजेपी के जिला अध्यक्ष विवेक बंटी साहू के दादा के नाम पर बनाए गए ट्रस्ट के द्वारा किया जाता है.
गणेश पूजन का दर्शन के लिए खोला था मंदिर
मध्य प्रदेश के सबसे ऊंची शिव प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा शिवरात्रि के मौके पर की जा रही है. हालांकि विधानसभा चुनाव के पहले ही पंडित रामभद्राचार्य जी के द्वारा गणेश पूजन कर इस मंदिर को दर्शन के लिए खोल दिया गया था. इसी के पहले कमलनाथ ने भी अपने मंदिर में दो बड़ी कथाएं कराई थी.