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इस लहसुन की खेती बना देगी धन्ना सेठ, ऐसे करें लहसुन का बिजनेस, फिर साल भर होगी पैसों की बारिश - Ooty Garlic Demand IN MP

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 8, 2024, 10:57 AM IST

अगर आप किसान हैं और खेती के जरिए मोटी कमाई करना चाहते हैं तो आप लहसुन की खेती आपके लिए अच्छा बिजनेस आइडिया है. दरअसल छिंदवाड़ा जिले में ऊटी लहसुन की खेती कर किसान मालामाल हो गए हैं. आप भी लहसुन की खेती से छप्पड़फाड़ कमाई कर सकते हैं.

CHHINDWARA GARLIC FARMING
लहसुन की खेती करे मालामाल (ETV Bharat Graphics)

LAHSUN KI KHETI BUSINESS IDEA: सिर्फ 90 दिनों की मेहनत किसानों को लखपति बना सकती है. क्योंकि लहसुन एक ऐसी फसल है जिसकी खेती पिछले साल जिन किसानों ने की वे मालामाल हो गए हैं. एक बार फिर लहसुन की खेती का समय आ गया है. जिसे लेने के लिए किसान मध्य प्रदेश से तमिलनाडु तक दौड़ लगा रहे हैं. दरअसल लहसुन एक ऐसी फसल है जिसकी डिमांड पूरे साल भर बनी रहती है.

CHHINDWARA GARLIC FARMING
लहसुन की खेती कर मालामाल हो रहे किसान (ETV Bharat)

ऊटी के लहसुन की डिमांड 50 हजार रुपए क्विंटल तक
मध्य भारत में लहसुन की फसल सितंबर से लगाना शुरू हो जाता है. लेकिन पिछले साल लहसुन से मालामाल हुए किसानों को देखते हुए एक महीने पहले ही किसानों ने तैयारी शुरू कर दी है. सबसे ज्यादा डिमांड तमिलनाडु के ऊटी के लहसुन की है. इसे खरीदने के लिए मध्य भारत के हजारों किसान तमिलनाडु के ऊटी मंडी की दौड़ लगा रहे हैं. वहां से लहसुन खरीद कर ला रहे हैं. ऊटी के लहसुन की कीमत फिलहाल ₹500 किलो और 50 हजार रुपए क्विंटल तक है.

खेतों से निकालकर पहुंच रहा मंडी, इन बातों का रखें ख्याल
कृषि वैज्ञानिक डॉ विजय पराड़कर ने बताया कि, ''कोयंबतूर में ऊटी लहसुन की खेती अप्रैल महीने से शुरू हो जाती है, जो जुलाई के अंतिम महीने से निकलना शुरू हो जाता है. इस लहसुन की डिमांड इतनी है की कोयंबतूर में किसान खेतों से निकलकर सीधे मंडी में लाते हैं और मंडी से लहसुन किसान खरीद कर ले जाते हैं. लहसुन को करीब 15 से 20 दिनों तक सुखाया जाता है, ताकि इसकी अंकुरण क्षमता सही ढंग से हो सके. लहसुन को लगाने से पहले मठे या फिर किसी भी फंगीसाइड से उपचारित करना चाहिए ताकि अंकुरण ठीक से हो सके.''

Ooty GARLIC MAKE FARMER MILLIONAIRE
ऊटी लहसुन की एमपी में डिमांड (ETV Bharat)

देशी लहसुन से दोगुनी उपज, किसानों को बनाता है लखपति
लहसुन की खेती करने वाले किसान राजेंद्र पवार ने बताया कि, ''देसी लहसुन की अपेक्षा ऊटी लहसुन की उपज भी दोगुनी होती है और बाजार में इसका रेट भी ज्यादा मिलते हैं. इसे खरीदने के लिए तमिलनाडु के मेटूपलयम और वेडागुपट्टी शहर में सप्ताह में एक बार मंडी लगती है.'' वहां से लहसुन खरीदकर लाए किसानों ने बताया है कि, ''एक एकड़ में लहसुन की लागत करीब ढाई से 3 लाख रुपए होती है और 70 से 80 मन यानि लगभग 28 से 32 क्विंटल औसत उत्पादन होता है. पिछले साल दाम बहुत अच्छे थे तो किसानों को 5 लाख रुपये तक का मुनाफा प्रति एकड़ में हुआ था.''

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बढ़ रहा रकबा सीसीटीवी से होती है खेतों की निगरानी
कृषि विभाग के SADO प्रमोद उट्टी ने बताया कि छिंदवाड़ा में उद्यानिकी फसलों का कुल रकबा 1 लाख 30 हेक्टेयर है, पिछले साल करीब 1500 हेक्टेयर में लहसुन की फसल लगाई गई थी. कई साल बाद लहसुन के दाम किसानों को बहुत अच्छे मिले थे, इसलिए रकबा बढ़ने की उम्मीद है. किसान देशी लहसुन की जगह पर ऊटी के लहसुन को ज्यादा लगाते हैं. पिछले साल लहसुन के दाम इतने ज्यादा थे कि खेतों से लहसुन की चोरी रोकने के लिए किसानों ने सीसीटीवी तक लगाए थे.''

LAHSUN KI KHETI BUSINESS IDEA: सिर्फ 90 दिनों की मेहनत किसानों को लखपति बना सकती है. क्योंकि लहसुन एक ऐसी फसल है जिसकी खेती पिछले साल जिन किसानों ने की वे मालामाल हो गए हैं. एक बार फिर लहसुन की खेती का समय आ गया है. जिसे लेने के लिए किसान मध्य प्रदेश से तमिलनाडु तक दौड़ लगा रहे हैं. दरअसल लहसुन एक ऐसी फसल है जिसकी डिमांड पूरे साल भर बनी रहती है.

CHHINDWARA GARLIC FARMING
लहसुन की खेती कर मालामाल हो रहे किसान (ETV Bharat)

ऊटी के लहसुन की डिमांड 50 हजार रुपए क्विंटल तक
मध्य भारत में लहसुन की फसल सितंबर से लगाना शुरू हो जाता है. लेकिन पिछले साल लहसुन से मालामाल हुए किसानों को देखते हुए एक महीने पहले ही किसानों ने तैयारी शुरू कर दी है. सबसे ज्यादा डिमांड तमिलनाडु के ऊटी के लहसुन की है. इसे खरीदने के लिए मध्य भारत के हजारों किसान तमिलनाडु के ऊटी मंडी की दौड़ लगा रहे हैं. वहां से लहसुन खरीद कर ला रहे हैं. ऊटी के लहसुन की कीमत फिलहाल ₹500 किलो और 50 हजार रुपए क्विंटल तक है.

खेतों से निकालकर पहुंच रहा मंडी, इन बातों का रखें ख्याल
कृषि वैज्ञानिक डॉ विजय पराड़कर ने बताया कि, ''कोयंबतूर में ऊटी लहसुन की खेती अप्रैल महीने से शुरू हो जाती है, जो जुलाई के अंतिम महीने से निकलना शुरू हो जाता है. इस लहसुन की डिमांड इतनी है की कोयंबतूर में किसान खेतों से निकलकर सीधे मंडी में लाते हैं और मंडी से लहसुन किसान खरीद कर ले जाते हैं. लहसुन को करीब 15 से 20 दिनों तक सुखाया जाता है, ताकि इसकी अंकुरण क्षमता सही ढंग से हो सके. लहसुन को लगाने से पहले मठे या फिर किसी भी फंगीसाइड से उपचारित करना चाहिए ताकि अंकुरण ठीक से हो सके.''

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ऊटी लहसुन की एमपी में डिमांड (ETV Bharat)

देशी लहसुन से दोगुनी उपज, किसानों को बनाता है लखपति
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