रायपुर/दिल्ली: छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला मामले में जेल में बंद निलंबित आईएएस रानू साहू और दीपेश टांक को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. दोनों को 7 अगस्त तक अंतरिम जमानत दी गई है. दोनों आरोपियों को ईडी के मामले में अंतरिम जमानत मिली है. हालांकि दोनों आरोपी जेल से बाहर आयेंगे या नहीं इस पर संशय बरकरार है. ईओडब्ल्यू ने आय से अधिक संपत्ति मामले को लेकर नई एफआईआर दर्ज की है. वहीं, इस मामले में मंगलवार 9 जुलाई को जमानत याचिका पर सुनवाई होनी है.
साल भर बाद मिली जमानत:प्रवर्तन निदेशालय ने कोयला घोटाला मामले में रानू साहू को पिछले साल 22 जुलाई 2023 को गिरफ्तार किया था. इसके बाद रानू साहू ने लोअर कोर्ट में याचिका दायर की थी, जो कि खारिज होने के बाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार 7 अगस्त तक के लिए रान साहू को जमानत दे दिया है. इधर, कोयला घोटाले मामले में एसीबी और ईओडब्लू ने नई एफआईआर दर्ज की है. ये एफआईआर निलंबित आईएएस रानू साहू, निलंबित अधिकारी सौम्या चौरसिया और समीर विश्नोई के खिलाफ दर्ज की गई है. जांच एंजेसी ने यह मामला भ्रष्टाचार निवारण अधिनयम के तहत दर्ज किया है. तीनों के खिलाफ अलग-अलग मामले में एफआईआर दर्ज की गई है.
9 करोड़ से अधिक संपत्ति खरीदने का लगा है आरोप: जानकारी के मुताबिक ईडी ने छत्तीसगढ़ में 500 करोड़ रुपये के कोयला घोटाले का खुलासा किया था. ईओडब्ल्यू ने जांच में सौम्या चौरसिया और उसके परिवार ने अपनी आय से अधिक 9 करोड़ 20 लाख रुपये की 29 अचल संपत्ति खरीदने की बात कही है. यह संपत्ति साल 2021 से 2022 के बीच खरीदी गई है.
बता दें कि साल 2023 में 22 जुलाई को रानू साहू को ईडी ने गिरफ्तार किया था. वहीं, जमानत मिलने से निलंबित आईएएस को बड़ी राहत मिली है. हालांकि अब तक ये साफ नहीं हो पाया है कि वो जेल से बाहर आएंगी या नहीं.