कानपुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सली हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन के जवान शैलेंद्र कुमार का पार्थिव शरीर मंगलवार को कानपुर के महाराजपुर थाना क्षेत्र स्थित उनके गांव नौगवां गौतम पहुंचा. करीब डेढ़ बजे जब पार्थिव शरीर घर पहुंचा तो वहां मौजूद हजारों की भीड़ में सभी की आंखें नम हो गईं. शहीद शैलेंद्र के लिए नारे लगे, वह हमेशा अमर रहें, भारत माता की जय के नारों संग भी पूरी गली गूंज उठी.
सैन्य अफसरों ने जैसे ही शव को परिजनों के पास रखा तो करीब 45 घंटे से अपने लाडले का इंतजार कर रहीं मां बिजमा देवी बोलीं, देखना अभी मेरा लल्ला जग जाएगा, वह सो रहा है. मां के अलावा पत्नी कोमल का रो-रोकर बुरा हाल था. भाई-बहन भी चिल्ला-चिल्ला कर रो रहे थे.
सभी का कहना था, शैलेंद्र की कोई गलती नहीं थी. वह तो हमेशा ही भारत मां की सेवा करना चाहता था. मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने शव पर माला व पुष्प भी अर्पित किए. कई लोग तो हाथों में तिरंगा झंडा लेकर पहुंच गए थे. वहीं, इस मामले पर जिला प्रशासन के अफसरों का कहना था कि पूरे सम्मान के साथ शहीद शैलेंद्र का अंतिम संस्कार किया जाएगा.
कानपुर सीमा में प्रवेश करते ही वाहन के साथ चलते रहे युवा: शहर के सैकड़ों युवा व आमजन सुबह से ही शहीद शैलेंद्र के पार्थिव शरीर की प्रतीक्षा कर रहे थे. जैसे ही सैन्य अफसरों का काफिला कानपुर सीमा में पहुंचा तो सैकड़ों की संख्या में युवा शहीद शैलेंद्र के पार्थिव शरीर के वाहन के साथ नौगवां गौतम स्थित आवास पर साथ आए. पूरे रास्ते भर युवाओं ने शहीद शैलेंद्र अमर रहे व भारत माता की जय के नारे लगाए. युवाओं का कहना था, कि हम सब देशवासी एकजुट होकर नक्सलियों व आतंकियों का सामना करेंगे. हमारी सरकार से मांग है, कि देश से नक्सलवाद व आतंकवाद को खत्म किया जाए.