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मानसून सीजन के बीच चारधाम यात्रा जारी, अब तक 231 लोगों ने गंवाई जान, क्लिक कर जानें डिटेल - Monsoon Season in Uttarakhand

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 20, 2024, 9:20 PM IST

Monsoon Season in Uttarakhand, death in uttarakhand chardham उत्तराखंड में मानसून सीजन के साथ ही चारधाम यात्रा चल रही है. 15 जून से 20 जुलाई तक, नेचुरल आपदा की वजह से 23 लोगों की मौत हुई है. सड़क हादसों की वजह से 38 लोगों की मौत और 123 लोग घायल हुए हो चुके हैं. उत्तराखंड चारधाम यात्रा के दौरान अभी तक 170 लोगों की मौत हृदय गति रुकने की वजह से हो चुकी है

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मानसून सीजन के बीच चारधाम यात्रा जारी (Etv Bharat)

देहरादून: उत्तराखंड चारधाम यात्रा में लगातार मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. चारधाम यात्रा के साथ ही प्राकृतिक आपदा और सड़क हादसे में अभी तक 231 लोगो की मौत हो चुकी है. 134 लोगों के घायल होने के साथ ही एक व्यक्ति लापता है. चारधाम यात्रा के इतर मानसून सीजन के दौरान प्राकृतिक आपदा और सड़क हादसों में जान गवाने वाले की संख्या भी तेजी से बढ़ती जा रही है. पिछले 35 दिनों में ही 61 लोगों की मौत हो चुकी है. मौसम विभाग ने अगले दो दिन प्रदेश भर में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.

मौसम विभाग केंद्र के अनुसार, 21 और 22 जुलाई को प्रदेश के तीन जिले चंपावत, नैनीताल और उधमसिंह नगर में भारी से अत्यंत भारी बारिश की संभावना है. जिसके चलते मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है. इसी के साथ पौड़ी और अल्मोड़ा जिले में भारी से बहुत भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. बाकी बचे प्रदेश के अन्य 8 जिलों में कही कही भारी बारिश की संभावना जताते हुए येलो अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए प्रदेश के खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं.

उत्तराखंड में हर साल प्राकृतिक आपदा और सड़क हादसे में सैकड़ो लोगों की मौत हो जाती है. बावजूद इसके अभी तक ऐसा कोई मेकेनिज्म तैयार नहीं हो पाया है. जिसके चलते सड़क हादसे और आपदा के चलते होने वाली मौतों पर लगाम लगाया जा सके. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, 15 जून से मानसून सीजन शुरू होने के बाद से 20 जुलाई यानी इन 35 दिनों के भीतर 61 लोगों की मौत चुकी है. इसके साथ ही 134 लोगों के घायल होने के साथ ही एक व्यक्ति लापता है.

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, 15 जून से 20 जुलाई तक, नेचुरल आपदा की वजह से 23 लोगों की मौत हुई है. 11 लोगों के घायल होने के साथ एक व्यक्ति लापता हो गया है. अल्मोड़ा जिले में दो लोगों की मौत और एक व्यक्ति घायल, चमोली जिले में 4 लोगों की मौत और 5 व्यक्ति घायल, चंपावत जिले में दो लोगों की मौत और एक व्यक्ति घायल, पौड़ी जिले में दो लोगों की मौत और तीन व्यक्ति घायल, उधमसिंह नगर जिले में 9 लोगों की मौत और एक व्यक्ति घायल, हरिद्वार जिले में एक व्यक्ति की मौत, नैनीताल जिले में दो लोगों की मौत एवं उत्तरकाशी जिले में एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है.

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, 15 जून से 20 जुलाई तक, सड़क हादसों की वजह से 38 लोगों की मौत और 123 लोग घायल हुए हो चुके हैं. सबसे अधिक रुद्रप्रयाग जिले में 21 लोगो की मौत और 27 लोग घायल, टिहरी जिले में 5 लोगों की मौत और 18 लोग घायल, पौड़ी जिले में 5 लोगों की मौत और 6 लोग घायल, देहरादून जिले में 2 लोगों की मौत और 8 लोग घायल, उत्तरकाशी जिले में 2 लोगों की मौत और 3 लोग घायल, चमोली जिले में एक मौत और 19 लोग घायल, अल्मोड़ा जिले में 1 की मौत और 8 लोग घायल एवं चंपावत जिले में 1 की मौत और 1 व्यक्ति घायल हुआ है.

उत्तराखंड चारधाम यात्रा के दौरान अभी तक 170 लोगों की मौत हृदय गति रुकने की वजह से हो चुकी है. जिसमें सबसे अधिक केदारनाथ धाम में 80, बदरीनाथ धाम में 42, यमुनोत्री धाम में 30, गंगोत्री धाम में 14 और हेमकुंड साहिब में 4 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. चारधाम यात्रा में अभी भी करीब 4 महीने का वक्त बचा हुआ है.

पढे़ं- उत्तराखंड चारधाम में अबतक 29 लाख से ज्यादा भक्तों ने किए दर्शन, 170 की गई जान - Uttarakhand Chardham Yatra 2024

देहरादून: उत्तराखंड चारधाम यात्रा में लगातार मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. चारधाम यात्रा के साथ ही प्राकृतिक आपदा और सड़क हादसे में अभी तक 231 लोगो की मौत हो चुकी है. 134 लोगों के घायल होने के साथ ही एक व्यक्ति लापता है. चारधाम यात्रा के इतर मानसून सीजन के दौरान प्राकृतिक आपदा और सड़क हादसों में जान गवाने वाले की संख्या भी तेजी से बढ़ती जा रही है. पिछले 35 दिनों में ही 61 लोगों की मौत हो चुकी है. मौसम विभाग ने अगले दो दिन प्रदेश भर में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.

मौसम विभाग केंद्र के अनुसार, 21 और 22 जुलाई को प्रदेश के तीन जिले चंपावत, नैनीताल और उधमसिंह नगर में भारी से अत्यंत भारी बारिश की संभावना है. जिसके चलते मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है. इसी के साथ पौड़ी और अल्मोड़ा जिले में भारी से बहुत भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. बाकी बचे प्रदेश के अन्य 8 जिलों में कही कही भारी बारिश की संभावना जताते हुए येलो अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए प्रदेश के खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं.

उत्तराखंड में हर साल प्राकृतिक आपदा और सड़क हादसे में सैकड़ो लोगों की मौत हो जाती है. बावजूद इसके अभी तक ऐसा कोई मेकेनिज्म तैयार नहीं हो पाया है. जिसके चलते सड़क हादसे और आपदा के चलते होने वाली मौतों पर लगाम लगाया जा सके. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, 15 जून से मानसून सीजन शुरू होने के बाद से 20 जुलाई यानी इन 35 दिनों के भीतर 61 लोगों की मौत चुकी है. इसके साथ ही 134 लोगों के घायल होने के साथ ही एक व्यक्ति लापता है.

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, 15 जून से 20 जुलाई तक, नेचुरल आपदा की वजह से 23 लोगों की मौत हुई है. 11 लोगों के घायल होने के साथ एक व्यक्ति लापता हो गया है. अल्मोड़ा जिले में दो लोगों की मौत और एक व्यक्ति घायल, चमोली जिले में 4 लोगों की मौत और 5 व्यक्ति घायल, चंपावत जिले में दो लोगों की मौत और एक व्यक्ति घायल, पौड़ी जिले में दो लोगों की मौत और तीन व्यक्ति घायल, उधमसिंह नगर जिले में 9 लोगों की मौत और एक व्यक्ति घायल, हरिद्वार जिले में एक व्यक्ति की मौत, नैनीताल जिले में दो लोगों की मौत एवं उत्तरकाशी जिले में एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है.

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, 15 जून से 20 जुलाई तक, सड़क हादसों की वजह से 38 लोगों की मौत और 123 लोग घायल हुए हो चुके हैं. सबसे अधिक रुद्रप्रयाग जिले में 21 लोगो की मौत और 27 लोग घायल, टिहरी जिले में 5 लोगों की मौत और 18 लोग घायल, पौड़ी जिले में 5 लोगों की मौत और 6 लोग घायल, देहरादून जिले में 2 लोगों की मौत और 8 लोग घायल, उत्तरकाशी जिले में 2 लोगों की मौत और 3 लोग घायल, चमोली जिले में एक मौत और 19 लोग घायल, अल्मोड़ा जिले में 1 की मौत और 8 लोग घायल एवं चंपावत जिले में 1 की मौत और 1 व्यक्ति घायल हुआ है.

उत्तराखंड चारधाम यात्रा के दौरान अभी तक 170 लोगों की मौत हृदय गति रुकने की वजह से हो चुकी है. जिसमें सबसे अधिक केदारनाथ धाम में 80, बदरीनाथ धाम में 42, यमुनोत्री धाम में 30, गंगोत्री धाम में 14 और हेमकुंड साहिब में 4 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. चारधाम यात्रा में अभी भी करीब 4 महीने का वक्त बचा हुआ है.

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