रायपुर: नक्सलवाद को लेकर छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने माओवादियों से हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की है. उन्होंने इसके लिए असम के फॉर्मूले को उदाहरण के तौर पर पेश किया है. विजय शर्मा ने नक्सलियों से अपील की है कि वह बम बारूद और हिंसा का रास्ता त्याग दें. इसके साथ ही मुख्यधारा में जुड़कर समाज की सेवा करें. वे सांसद बनें, विधायक बने और समाज के लिए काम करें.
विजय शर्मा ने असम का दिया उदाहरण: रायपुर में मीडिया से बात करते हुए डिप्टी सीएम ने यह सारी बातें रखीं हैं. विजय शर्मा ने असम का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह वहां सशस्त्र आंदोलन करने वाले लोग मुख्य धारा में जुड़े और आज लोगों की सेवा कर रहे हैं. असम में सशस्त्र आंदोलन करने वाले लोग चुनाव लड़े और आज विधायक और मंत्री बने हुए हैं.
असम में बोडोलैंड का सशस्त्र आंदोलन चलता था.बहुत सारे लोगों ने एक साथ सरेंडर किया और आज सारे लोग समाज की मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं. आज इनमें से कई लोग सांसद और विधायक हैं. उन्हें भी बस्तर बुलाया गया है वे भी आदिवासी समाज से हैं और वह यहां आकर बताएंगे कि उन्होंने दूसरा रास्ता कैसे अपनाया है. कैसे समाज में अच्छा काम कर रहे हैं. ऐसे में बंदूक लेकर जंगल में घूमने का क्या औचित्य है- विजय शर्मा, डिप्टी सीएम, छत्तीसगढ़
विजय शर्मा ने तेलंगाना का दिया उदाहरण: डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने इसके साथ तेलंगाना का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि तेलंगाना की महिला बाल विकास मंत्री डी.अनसूया सीताक्का भी कभी नक्सली थी. वह हथियार लेकर जंगल में घूमती थी ,लेकिन आज वे महिला बाल विकास मंत्री हैं. वह कांग्रेस की सरकार में अच्छा काम कर रहीं हैं. उन्हें भी बुलाया गया है, जिससे छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को छोड़ने की प्रेरणा उन लोगों में आए जो हिंसा का रास्ता चुने हुए है.
"नरसंहार के रास्ते पर न चलें नक्सली": डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि नक्सली नेताओं को टारगेट कर कर रहे हैं. बीजेपी नेताओं को निशाना बना रहे हैं. यह कायराना हरकत है. उन्होंने नक्सलियों से हिंसा का रास्ता छोड़ने और आम जनता का नरसंहार न करने की अपील की है. उन्होंने नक्सलियों से हथियार छोड़कर समाज की मुख्य धारा में शामिल होने की अपील की है. जिससे समाज की सेवा हो सके.