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केंद्र ने आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर से जुड़े विवाद की जांच के लिए पैनल का गठन किया - IAS officer Puja Khedkar Row - IAS OFFICER PUJA KHEDKAR ROW

IAS officer Puja Khedkar Row: केंद्र सरकार ने प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर से जुड़े विवाद की जांच के लिए एक सदस्यीय पैनल का गठन किया है. पूजा पर भारतीय प्रशासनिक सेवा में पद हासिल करने के लिए शारीरिक विकलांगता श्रेणी और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटे के तहत लाभों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है.

IAS officer Puja Khedkar Row
आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की फाइल फोटो. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 12, 2024, 8:50 AM IST

नई दिल्ली: सूत्रों ने बताया कि केंद्र ने गुरुवार को प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर से जुड़े विवाद की जांच के लिए एक सदस्यीय पैनल का गठन किया है. उन्होंने बताया कि कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के अतिरिक्त सचिव इस मामले की जांच करेंगे.

32 वर्षीय खेडकर पर भारतीय प्रशासनिक सेवा में पद हासिल करने के लिए शारीरिक विकलांगता श्रेणी और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटे के तहत लाभों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है. उन्हें धमकाने और अधिकारपूर्ण व्यवहार के आरोपों के चलते सोमवार को पुणे से वाशिम स्थानांतरित कर दिया गया था.

गुरुवार को उन्होंने विदर्भ क्षेत्र के वाशिम जिला कलेक्ट्रेट में सहायक कलेक्टर के रूप में कार्यभार संभाला. इस बीच, पुणे पुलिस ने कहा कि वह विवादित आईएएस अधिकारी की निजी कार पर लाल-नीली बत्ती और 'महाराष्ट्र सरकार' लिखे होने के अनधिकृत इस्तेमाल की गहन जांच करेगी.

एक अधिकारी ने बताया कि खेडकर की ओर से इस्तेमाल की गई ऑडी कार एक निजी कंपनी के नाम पर पंजीकृत है और वाहन के खिलाफ पहले भी चालान जारी किए जा चुके हैं. 32 वर्षीय परिवीक्षाधीन आईएएस अधिकारी को प्रशिक्षण पूरा होने से पहले ही पुणे से विदर्भ क्षेत्र के वाशिम जिले में स्थानांतरित कर दिया गया था, क्योंकि उन्होंने अलग केबिन और स्टाफ जैसी मांगों को लेकर विवाद खड़ा कर दिया था.

गुरुवार को उन्होंने वाशिम जिला कलेक्ट्रेट में सहायक कलेक्टर के रूप में कार्यभार संभाला. ऐसे भी आरोप हैं कि खेडकर ने सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए कथित तौर पर फर्जी विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाण पत्र जमा किए थे.

गुरुवार को जब पुणे पुलिस की एक टीम बत्ती और वीआईपी नंबर के उल्लंघन को लेकर ऑडी कार का निरीक्षण करने पुणे के पाषाण इलाके में खेडकर के बंगले पर गई, तो उन्होंने बंगले के गेट बंद पाए. पुणे के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बाद में कहा कि ऑडी कार से जुड़े कथित उल्लंघनों के संबंध में मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी. यह पाया गया है कि खेडकर की ओर से इस्तेमाल की गई कार एक निजी कंपनी के नाम पर पंजीकृत है.

उन्होंने कहा कि इस मामले की गहन जांच की जाएगी क्योंकि उनके निजी वाहन पर लाल-नीली बत्ती लगी हुई थी जबकि उस पर 'महाराष्ट्र शासन' की नेमप्लेट भी लगी हुई थी. उस कार के खिलाफ पहले भी चालान जारी किए गए थे, लेकिन हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि वाहन ने किन उल्लंघनों में लिप्त रहा.

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नई दिल्ली: सूत्रों ने बताया कि केंद्र ने गुरुवार को प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर से जुड़े विवाद की जांच के लिए एक सदस्यीय पैनल का गठन किया है. उन्होंने बताया कि कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के अतिरिक्त सचिव इस मामले की जांच करेंगे.

32 वर्षीय खेडकर पर भारतीय प्रशासनिक सेवा में पद हासिल करने के लिए शारीरिक विकलांगता श्रेणी और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटे के तहत लाभों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है. उन्हें धमकाने और अधिकारपूर्ण व्यवहार के आरोपों के चलते सोमवार को पुणे से वाशिम स्थानांतरित कर दिया गया था.

गुरुवार को उन्होंने विदर्भ क्षेत्र के वाशिम जिला कलेक्ट्रेट में सहायक कलेक्टर के रूप में कार्यभार संभाला. इस बीच, पुणे पुलिस ने कहा कि वह विवादित आईएएस अधिकारी की निजी कार पर लाल-नीली बत्ती और 'महाराष्ट्र सरकार' लिखे होने के अनधिकृत इस्तेमाल की गहन जांच करेगी.

एक अधिकारी ने बताया कि खेडकर की ओर से इस्तेमाल की गई ऑडी कार एक निजी कंपनी के नाम पर पंजीकृत है और वाहन के खिलाफ पहले भी चालान जारी किए जा चुके हैं. 32 वर्षीय परिवीक्षाधीन आईएएस अधिकारी को प्रशिक्षण पूरा होने से पहले ही पुणे से विदर्भ क्षेत्र के वाशिम जिले में स्थानांतरित कर दिया गया था, क्योंकि उन्होंने अलग केबिन और स्टाफ जैसी मांगों को लेकर विवाद खड़ा कर दिया था.

गुरुवार को उन्होंने वाशिम जिला कलेक्ट्रेट में सहायक कलेक्टर के रूप में कार्यभार संभाला. ऐसे भी आरोप हैं कि खेडकर ने सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए कथित तौर पर फर्जी विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाण पत्र जमा किए थे.

गुरुवार को जब पुणे पुलिस की एक टीम बत्ती और वीआईपी नंबर के उल्लंघन को लेकर ऑडी कार का निरीक्षण करने पुणे के पाषाण इलाके में खेडकर के बंगले पर गई, तो उन्होंने बंगले के गेट बंद पाए. पुणे के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बाद में कहा कि ऑडी कार से जुड़े कथित उल्लंघनों के संबंध में मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी. यह पाया गया है कि खेडकर की ओर से इस्तेमाल की गई कार एक निजी कंपनी के नाम पर पंजीकृत है.

उन्होंने कहा कि इस मामले की गहन जांच की जाएगी क्योंकि उनके निजी वाहन पर लाल-नीली बत्ती लगी हुई थी जबकि उस पर 'महाराष्ट्र शासन' की नेमप्लेट भी लगी हुई थी. उस कार के खिलाफ पहले भी चालान जारी किए गए थे, लेकिन हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि वाहन ने किन उल्लंघनों में लिप्त रहा.

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