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24 साल का हुआ झारखंड, स्थापना दिवस आज, चुनावी सरगर्मियों के बीच फीका हुआ जश्न - JHARKHAND FOUNDATION DAY

झारखंड राज्य का आज स्थापना दिवस है. आज ही भगवान बिरसा मुंडा की जयंती भी है.

Jharkhand foundation day
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 15, 2024, 6:35 AM IST

Updated : Nov 15, 2024, 8:56 AM IST

रांची: आज झारखंड स्थापना के 24 साल पूरे हो गए. आज ही के दिन 15 नवंबर 2000 को झारखंड को अलग राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ था. तब से लेकर अब तक झारखंड अपनी अलग पहचान बनाने में अग्रसर है. हर साल झारखंड स्थापना दिवस के मौके पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. लेकिन इस साल चुनावी सरगर्मी के कारण झारखंड स्थापना दिवस का जश्न फीका रहा.

15 नवंबर 2000 को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर बिहार से अलग प्रांत के रूप में गठित झारखंड ने अपनी स्थापना के 24 साल पूरे कर लिए हैं. इस दौरान यह राज्य कई राजनीतिक उथल-पुथल का गवाह रहा है. इन सबके बीच इस साल चुनावी सरगर्मी ने इस अवसर पर राजकीय समारोह के जश्न को जरूर फीका कर दिया है.

हालांकि, इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 15 नवंबर को कोकर स्थित बिरसा समाधि स्थल पर जाकर पारंपरिक रूप से श्रद्धांजलि देने वाले हैं. मुख्यमंत्री बिरसा चौक स्थित भगवान बिरसा की प्रतिमा पर भी श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. इसके अलावा राज्यपाल संतोष गंगवार समेत कई गणमान्य लोग भी बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि देंगे.

झारखंड के बारे में

  • संसद ने 2 अगस्त 2000 को बिहार पुनर्गठन विधेयक पारित कर अलग झारखंड राज्य का गठन किया
  • 15 नवंबर 2000 को बिहार से 18 जिलों को अलग करके झारखंड बनाया गया
  • देश का 28वां राज्य बना झारखंड
  • झारखंड शब्द दो शब्दों - 'झार' और 'खंड' से मिलकर बना है. 'झार' का अर्थ है जंगल और 'खंड' का अर्थ है भूमि
  • भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर झारखंड राज्य का गठन हुआ, जो एक अलग राज्य का तोहफा था
  • 24 साल के इस झारखंड ने कई राजनीतिक उतार-चढ़ाव देखे

मोरहाबादी में होते रहे हैं राजकीय कार्यक्रम

राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मोरहाबादी मैदान और बिरसा संग्रहालय में चहल-पहल रहा करती है. मोरहाबादी मैदान में राजकीय कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहे हैं, जिसमें राज्यपाल और मुख्यमंत्री के हाथों आम जनता को सरकारी योजनाओं की सौगात मिलती है. वहीं लोग भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी लुत्फ उठाते हैं. लेकिन इस बार यह नहीं हो रहा है.

बिरसा संग्रहालय में भी चहल-पहल रहती थी. करोड़ों की लागत से विकसित इस बिरसा संग्रहालय में इस अवसर पर कई कार्यक्रम आयोजित होते रहे हैं. 15 नवंबर 2021 को जनजाति गौरव दिवस के अवसर पर पीएम मोदी ने इसका उद्घाटन किया था. इस बार चुनाव के कारण कोई विशेष कार्यक्रम नहीं होगा, हालांकि लोग यहां भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि देने जरूर आएंगे.

यह भी पढ़ें:

बिरसा मुंडी की 150वीं जयंती कौन थे बिरसा मुंडा क्यों होती है इनकी भगवान की तरह पूजा, यहां जानिए

टूटी सड़क, फूटी किस्मत और दर्द से कराहते मौत! इस गांव की यही है कहानी

झारखंड स्थापना दिवस पर सौगातों की झड़ीः सीएम ने कहा- बीती बातों को छोड़ भविष्य में राज्य की बेहतरी के लिए आगे आयें

रांची: आज झारखंड स्थापना के 24 साल पूरे हो गए. आज ही के दिन 15 नवंबर 2000 को झारखंड को अलग राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ था. तब से लेकर अब तक झारखंड अपनी अलग पहचान बनाने में अग्रसर है. हर साल झारखंड स्थापना दिवस के मौके पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. लेकिन इस साल चुनावी सरगर्मी के कारण झारखंड स्थापना दिवस का जश्न फीका रहा.

15 नवंबर 2000 को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर बिहार से अलग प्रांत के रूप में गठित झारखंड ने अपनी स्थापना के 24 साल पूरे कर लिए हैं. इस दौरान यह राज्य कई राजनीतिक उथल-पुथल का गवाह रहा है. इन सबके बीच इस साल चुनावी सरगर्मी ने इस अवसर पर राजकीय समारोह के जश्न को जरूर फीका कर दिया है.

हालांकि, इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 15 नवंबर को कोकर स्थित बिरसा समाधि स्थल पर जाकर पारंपरिक रूप से श्रद्धांजलि देने वाले हैं. मुख्यमंत्री बिरसा चौक स्थित भगवान बिरसा की प्रतिमा पर भी श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. इसके अलावा राज्यपाल संतोष गंगवार समेत कई गणमान्य लोग भी बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि देंगे.

झारखंड के बारे में

  • संसद ने 2 अगस्त 2000 को बिहार पुनर्गठन विधेयक पारित कर अलग झारखंड राज्य का गठन किया
  • 15 नवंबर 2000 को बिहार से 18 जिलों को अलग करके झारखंड बनाया गया
  • देश का 28वां राज्य बना झारखंड
  • झारखंड शब्द दो शब्दों - 'झार' और 'खंड' से मिलकर बना है. 'झार' का अर्थ है जंगल और 'खंड' का अर्थ है भूमि
  • भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर झारखंड राज्य का गठन हुआ, जो एक अलग राज्य का तोहफा था
  • 24 साल के इस झारखंड ने कई राजनीतिक उतार-चढ़ाव देखे

मोरहाबादी में होते रहे हैं राजकीय कार्यक्रम

राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मोरहाबादी मैदान और बिरसा संग्रहालय में चहल-पहल रहा करती है. मोरहाबादी मैदान में राजकीय कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहे हैं, जिसमें राज्यपाल और मुख्यमंत्री के हाथों आम जनता को सरकारी योजनाओं की सौगात मिलती है. वहीं लोग भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी लुत्फ उठाते हैं. लेकिन इस बार यह नहीं हो रहा है.

बिरसा संग्रहालय में भी चहल-पहल रहती थी. करोड़ों की लागत से विकसित इस बिरसा संग्रहालय में इस अवसर पर कई कार्यक्रम आयोजित होते रहे हैं. 15 नवंबर 2021 को जनजाति गौरव दिवस के अवसर पर पीएम मोदी ने इसका उद्घाटन किया था. इस बार चुनाव के कारण कोई विशेष कार्यक्रम नहीं होगा, हालांकि लोग यहां भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि देने जरूर आएंगे.

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Last Updated : Nov 15, 2024, 8:56 AM IST
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