ETV Bharat / bharat

धनबाद में सीबीआई की दबिशः शिकंजे में आया पवन, तालाब से निकाला मोबाइल और दस्तावेजों से भरा बोरा - NEET paper leak

CBI action in NEET paper leak. नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई ने एक बार फिर से धनबाद में दबिश दी है. यहां से पवन नाम के शख्स को शिकंजे में लिया है. जिससे पूछताछ के बाद सीबीआई की टीम ने सुदामडीह के एक तालाब से तालाब से मोबाइल फोन और दस्तावेज से भरा बोरा बरामद किया है.

CBI took action in Dhanbad in NEET paper leak case
ग्राफिक्स इमेज (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 26, 2024, 6:29 PM IST

धनबादः नीट पेपर लीक केस की जांच लगातार चल रही है. देश के साथ साथ झारखंड के कई हिस्सों में सीबीआई दबिश दे चुकी है. इसी कड़ी में शुक्रवार को जांच एजेंसी की टीम एक बार फिर से धनबाद पहुंची. यहां से उन्होंने पवन को हिरासत में लिया है. पूछताछ के बाद पवन की निशानदेही पर एक तालाब से मोबाइल और दस्तावेजों से भरा बोरा बरामद किया गया है.

तालाब में फेंका गया था दस्तावेज से भरा बोरा

नीट पेपर लीक मामले में पिछले दिनों सीबीआई ने सरायढेला से अमन, बंटी और राहुल को गिरफ्तार किया था. तीनों से पूछताछ में अमित और पवन समेत कई लोगों का नाम आया. शुक्रवार को सीबीआई को पता चला कि पवन धनबाद में है और सदर थाना क्षेत्र के पास एक मिश्रित भवन के पास अपने घर में छिपा है. इसी सूचना के आलोक में सीबीआई की टीम पटना से धनबाद पहुंची और पवन को शिकंजे में लिया. सीबीआई की टीम द्वारा पूछताछ में पवन ने बताया कि सुदामडीह स्थित एक तालाब में कई दस्तावेज और उपकरण बोरा में भरकर फेंका गया है. सीबीआई पवन को सुदामडीह ले गई और तालाब से बोरे को बरामद किया. इसके बाद सीबीआई पवन और बोरा को जब्त करते हुए अपने साथ पटना ले गई.

इस घटना के बाद पवन की मां अपने बेटे की तलाश में सरायढेला स्थित सीबीआई ऑफिस पहुंची. जहां अधिकारियों ने पवन की मां से कहा कि धनबाद सीबीआई की टीम ने उसे गिरफ्तार नहीं किया है. उसे दूसरे राज्य की सीबीआई ने हिरासत में लेकर अपने साथ पटना ले गई है. जहां उससे नीट परीक्षा पेपर लीक के बारे में पूछताछ की जा रही है. सूत्रों का दावा है कि अब तक नीट परीक्षा लीक मामले में 37 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. सीबीआई सरायढेला स्थित कार्मिक नगर के अमित सिंह को तलाश कर रही है, लेकिन वह एक महीने से फरार चल रहा है, जो अमन सिंह का भाई है.

कौन है अमित सिंह

नीट परीक्षा लीक मामले में जुलाई के प्रथम सप्ताह में सरायढेला के अमन सिंह के बाद बंटी और राहुल भी सीबीआई के हत्थे चढ़ गये. सूत्रों के अनुसार संजीव मुखिया के करीबी चिंटू और मुकेश से मिली जानकारी के बाद आरोपी अमन सिंह को गिरफ्तार किया गया. अमन का बड़ा भाई बीटेक डिग्री होल्डर अमित सिंह एडमिशन कराने का काम करता है. अमन सिंह, पेपर लीक केस में फरार रॉकी का बेहद खास माना जा रहा है. बता दें कि नीट पेपर लीक मामले के तार धनबाद से जुड़ने के बाद पेपर लीक के किंगपिन अमन सिंह को गिरफ्तार किया गया था. उसके अकाउंट से काफी रकम की निकासी के बाद बंटी और राहुल को गिरफ्तार किया गया.

अमन सिंह के घर से मिले थे कैश और कागजात

सूत्रों के अनुसार सीबीआई की टीम ने अमन सिंह के घर में तलाशी ली थी. इसके के बाद कोयला कारोबार से भुगतान के लिए रखे गए करीब चार लाख रुपये, तीन बैंक खाता, चार मोबाइल, गांव की जमीन और दो गाड़ी के कागजात जब्त कर ले गई थी.

धनबाद और हजारीबाग से जुड़े तार

सूत्रों के अनुसार नीट पेपर लीक केस में फरार रॉकी का अमन सिंह काफी करीबी है. राॅकी संजीव मुखिया का भांजा है, जो रांची में होटल के कारोबार से जुड़ा है. रॉकी ने नीट पेपर लीक के बाद उसका जवाब तैयार करने के लिए सॉल्वर्स का जुगाड़ किया था. रॉकी, झारखंड में संजीव मुखिया गिरोह का मास्टरमाइंड है. रांची और पटना के एमबीबीएस स्टूडेंट्स को सॉल्वर्स के तौर पर इस्तेमाल किया गया है. नीट पेपर लीक मामले में हजारीबाग से जमालुद्दीन, ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल शामिल हैं. धनबाद से गिरफ्तार युवकों के तार हजारीबाग के ओएसिस स्कूल से जुड़े है.

फाइल ट्रांसफर के लिए ऐनी डेस्क का इस्तेमाल

सूत्रों के अनुसार अभी तक की जांच में यह साफ हो चुका है कि प्रश्नपत्र हजारीबाग के ओएसिस स्कूल से ही गायब हुआ था. प्रश्नपत्र और हल किए गए उत्तर एक जगह से दूसरी जगह तक भेजने के लिए शातिरों ने उपकरणों के उपयोग में भी सावधानी बरती थी. फाइल ट्रांसफर करने के लिए एनी डेस्क का सहारा लिया गया था. फाइल ट्रांसफर करने के लिए मोबाइल, वाट्सएप का उपयोग करने के बजाय एनी डेस्क का सहारा लिया गया था. हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के लैब में लगे कंप्यूटर के इस्तेमाल से प्रश्नपत्र पटना और अन्य जगह पहुंचे थे.

क्या है एनी डेस्क?

बता दें कि एनी डेस्क ऐसा साफ्टवेयर है, जिसकी मदद से हम कहीं भी बैठकर ऑनलाइन दूसरे के मोबाइल, लैपटाप, कंप्यूटर या अन्य डिवाइस को संचालित कर सकते हैं. गिरोह के लोगों ने हजारीबाग और पटना समेत अलग-अलग शहरों के गेस्ट हाउस में दर्जन भर से अधिक मेडिकल छात्रों को प्रश्नपत्र हल करने के लिए लगा रखे थे. प्रश्नों को हल करवाने के बाद अभ्यर्थियों को परीक्षा के प्रश्न और उत्तर उपलब्ध करा दिए गए थे. जिन अभ्यर्थियों से डील हुई थी, उन्हें पहले ही गेस्ट हाउस में लाकर रखा गया था.

15-15 लाख रुपये की डील

सूत्रों के अनुसार प्रति छात्र लगभग 15-15 लाख रुपये की डील होने की बात अबतक की सीबीआई जांच में सामने आई है. नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के प्राचार्य और उपप्राचार्य को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. हजारीबाग से एक पत्रकार और एक गेस्ट हाउस संचालक की भी गिरफ्तारी हुई है. ये सभी परीक्षा के दौरान, उससे पहले और परीक्षा के बाद लगातार एक-दूसरे के संपर्क में थे. गिरफ्तार लोगों से सीबीआई लगातार पटना में पूछताछ कर रही है.

हजारीबाग के ओएसिस स्कूल में परीक्षा के दिन सुबह 9 से 9.30 बजे के बीच प्रश्नपत्र लीक हो गया था. सीबीआई की टीम जब ओएसिस पहुंची थी तो उनकी जांच पहले प्रश्नपत्र के बक्से और लिफाफे तक ही सीमित थी. क्योंकि जांच में बक्से और लिफाफे में छेड़छाड़ के प्रमाण शुरुआत में ही मिल गए थे. जांच आगे बढ़ी तो सीबीआई की टीम ने स्कूल के कंप्यूटर लैब को खंगाला, जहां एक कंप्यूटर में ऐनी डेस्क साफ्टवेयर डाउनलोड पाया गया. फॉरेसिंक टीम ने जब इसकी हिस्ट्री निकाली तो पाया कि इसका इस्तेमाल 5 मई को किया गया था. इसके बाद स्कूल के प्राचार्य व एनटीए के सिटी को-आर्डिनेटर एहसान उल हक व उप प्राचार्य मो. इम्तियाज आलम से सख्ती से पूछताछ की गई. इसके बाद स्थानीय पत्रकार जमालुद्दीन का नाम सामने आया. पूछताछ में पुख्ता प्रमाण मिलने के बाद ही तीनों की गिरफ्तारी सीबीआई की टीम ने की थी.

फिर से हजारीबाग पहुंची सीबीआई

हजारीबाग के ओएसिस स्कूल से नीट पेपर लीक होने का पुख्ता प्रमाण मिलने के बाद सीबीआई के टीम ने हजारीबाग में दोबारा दबिश दी. बुधवार को ओएसिस स्कूल में टीम द्वारा छानबीन की गयी. इसके बाद गुरुवार को चार गाड़ियों से बिहार पुलिस के साथ सीबीआई रामनगर स्थित राज गेस्ट हाउस पहुंची, यहां भी तीन घंटे छानबीन की गई. सीबीआई यहां पटना से दो संदिग्धों को लेकर पहुंची थी.

सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि इनमें एक गेस्ट हाउस संचालक राजकुमार सिंह और दूसरा आरोपित पंकज कुमार था. सिविल इंजीनियर पंकज को ही मामले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. उसपर ही ओएसिस स्कूल के प्राचार्य तथा उप प्राचार्य की मदद से प्रश्नपत्र चोरी करने का आरोप है. सीबीआई ने गुरुवार को दोबारा गेस्ट हाउस के एक-एक कमरे की तलाशी ली, जांच के बाद गेस्ट हाउस को दोबारा सील कर दिया. परीक्षा के एक दिन पहले इसी गेस्ट हाउस में छात्रों को ठहराया गया था. करीब 20 से 25 छात्रों के यहां रुकने की बात सामने आई है. सॉल्व करवाने के बाद उन्हें नीट परीक्षा की तैयारी कराई जा रही थी. कुछ ब्लूट्रूथ डिवाइस भी यहां से जब्त किए गए थे, जांच एजेंसी की टीम कुछ छात्रों के एडमिट कार्ड लेकर भी यहां पहुंची थी.

इसे भी पढ़ें- नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई की टीम फिर पहुंची हजारीबाग, संदिग्धों के साथ ठिकानों पर की गई जांच - NEET paper leak case

इसे भी पढे़ं- नीट पेपर लीक मामले में रिम्स से हिरासत में ली गयी छात्रा का रामगढ़ कनेक्शन, घर में बंद है ताला! - NEET paper leak

इसे भी पढ़ें- नीट पेपर लीक मामला, रिम्स तक पहुंचा सीबीआई जांच का दायरा, फर्स्ट इयर की छात्रा हिरासत में, प्रश्न पत्र सॉल्वर गैंग से कनेक्शन की आशंका - NEET paper leak case

इसे भी पढ़ें- नीट पेपर लीक मामला: सीबीआई की टीम ने हजारीबाग में फिर की छापेमारी, एक गिरफ्तार - NEET paper leak case

धनबादः नीट पेपर लीक केस की जांच लगातार चल रही है. देश के साथ साथ झारखंड के कई हिस्सों में सीबीआई दबिश दे चुकी है. इसी कड़ी में शुक्रवार को जांच एजेंसी की टीम एक बार फिर से धनबाद पहुंची. यहां से उन्होंने पवन को हिरासत में लिया है. पूछताछ के बाद पवन की निशानदेही पर एक तालाब से मोबाइल और दस्तावेजों से भरा बोरा बरामद किया गया है.

तालाब में फेंका गया था दस्तावेज से भरा बोरा

नीट पेपर लीक मामले में पिछले दिनों सीबीआई ने सरायढेला से अमन, बंटी और राहुल को गिरफ्तार किया था. तीनों से पूछताछ में अमित और पवन समेत कई लोगों का नाम आया. शुक्रवार को सीबीआई को पता चला कि पवन धनबाद में है और सदर थाना क्षेत्र के पास एक मिश्रित भवन के पास अपने घर में छिपा है. इसी सूचना के आलोक में सीबीआई की टीम पटना से धनबाद पहुंची और पवन को शिकंजे में लिया. सीबीआई की टीम द्वारा पूछताछ में पवन ने बताया कि सुदामडीह स्थित एक तालाब में कई दस्तावेज और उपकरण बोरा में भरकर फेंका गया है. सीबीआई पवन को सुदामडीह ले गई और तालाब से बोरे को बरामद किया. इसके बाद सीबीआई पवन और बोरा को जब्त करते हुए अपने साथ पटना ले गई.

इस घटना के बाद पवन की मां अपने बेटे की तलाश में सरायढेला स्थित सीबीआई ऑफिस पहुंची. जहां अधिकारियों ने पवन की मां से कहा कि धनबाद सीबीआई की टीम ने उसे गिरफ्तार नहीं किया है. उसे दूसरे राज्य की सीबीआई ने हिरासत में लेकर अपने साथ पटना ले गई है. जहां उससे नीट परीक्षा पेपर लीक के बारे में पूछताछ की जा रही है. सूत्रों का दावा है कि अब तक नीट परीक्षा लीक मामले में 37 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. सीबीआई सरायढेला स्थित कार्मिक नगर के अमित सिंह को तलाश कर रही है, लेकिन वह एक महीने से फरार चल रहा है, जो अमन सिंह का भाई है.

कौन है अमित सिंह

नीट परीक्षा लीक मामले में जुलाई के प्रथम सप्ताह में सरायढेला के अमन सिंह के बाद बंटी और राहुल भी सीबीआई के हत्थे चढ़ गये. सूत्रों के अनुसार संजीव मुखिया के करीबी चिंटू और मुकेश से मिली जानकारी के बाद आरोपी अमन सिंह को गिरफ्तार किया गया. अमन का बड़ा भाई बीटेक डिग्री होल्डर अमित सिंह एडमिशन कराने का काम करता है. अमन सिंह, पेपर लीक केस में फरार रॉकी का बेहद खास माना जा रहा है. बता दें कि नीट पेपर लीक मामले के तार धनबाद से जुड़ने के बाद पेपर लीक के किंगपिन अमन सिंह को गिरफ्तार किया गया था. उसके अकाउंट से काफी रकम की निकासी के बाद बंटी और राहुल को गिरफ्तार किया गया.

अमन सिंह के घर से मिले थे कैश और कागजात

सूत्रों के अनुसार सीबीआई की टीम ने अमन सिंह के घर में तलाशी ली थी. इसके के बाद कोयला कारोबार से भुगतान के लिए रखे गए करीब चार लाख रुपये, तीन बैंक खाता, चार मोबाइल, गांव की जमीन और दो गाड़ी के कागजात जब्त कर ले गई थी.

धनबाद और हजारीबाग से जुड़े तार

सूत्रों के अनुसार नीट पेपर लीक केस में फरार रॉकी का अमन सिंह काफी करीबी है. राॅकी संजीव मुखिया का भांजा है, जो रांची में होटल के कारोबार से जुड़ा है. रॉकी ने नीट पेपर लीक के बाद उसका जवाब तैयार करने के लिए सॉल्वर्स का जुगाड़ किया था. रॉकी, झारखंड में संजीव मुखिया गिरोह का मास्टरमाइंड है. रांची और पटना के एमबीबीएस स्टूडेंट्स को सॉल्वर्स के तौर पर इस्तेमाल किया गया है. नीट पेपर लीक मामले में हजारीबाग से जमालुद्दीन, ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल शामिल हैं. धनबाद से गिरफ्तार युवकों के तार हजारीबाग के ओएसिस स्कूल से जुड़े है.

फाइल ट्रांसफर के लिए ऐनी डेस्क का इस्तेमाल

सूत्रों के अनुसार अभी तक की जांच में यह साफ हो चुका है कि प्रश्नपत्र हजारीबाग के ओएसिस स्कूल से ही गायब हुआ था. प्रश्नपत्र और हल किए गए उत्तर एक जगह से दूसरी जगह तक भेजने के लिए शातिरों ने उपकरणों के उपयोग में भी सावधानी बरती थी. फाइल ट्रांसफर करने के लिए एनी डेस्क का सहारा लिया गया था. फाइल ट्रांसफर करने के लिए मोबाइल, वाट्सएप का उपयोग करने के बजाय एनी डेस्क का सहारा लिया गया था. हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के लैब में लगे कंप्यूटर के इस्तेमाल से प्रश्नपत्र पटना और अन्य जगह पहुंचे थे.

क्या है एनी डेस्क?

बता दें कि एनी डेस्क ऐसा साफ्टवेयर है, जिसकी मदद से हम कहीं भी बैठकर ऑनलाइन दूसरे के मोबाइल, लैपटाप, कंप्यूटर या अन्य डिवाइस को संचालित कर सकते हैं. गिरोह के लोगों ने हजारीबाग और पटना समेत अलग-अलग शहरों के गेस्ट हाउस में दर्जन भर से अधिक मेडिकल छात्रों को प्रश्नपत्र हल करने के लिए लगा रखे थे. प्रश्नों को हल करवाने के बाद अभ्यर्थियों को परीक्षा के प्रश्न और उत्तर उपलब्ध करा दिए गए थे. जिन अभ्यर्थियों से डील हुई थी, उन्हें पहले ही गेस्ट हाउस में लाकर रखा गया था.

15-15 लाख रुपये की डील

सूत्रों के अनुसार प्रति छात्र लगभग 15-15 लाख रुपये की डील होने की बात अबतक की सीबीआई जांच में सामने आई है. नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के प्राचार्य और उपप्राचार्य को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. हजारीबाग से एक पत्रकार और एक गेस्ट हाउस संचालक की भी गिरफ्तारी हुई है. ये सभी परीक्षा के दौरान, उससे पहले और परीक्षा के बाद लगातार एक-दूसरे के संपर्क में थे. गिरफ्तार लोगों से सीबीआई लगातार पटना में पूछताछ कर रही है.

हजारीबाग के ओएसिस स्कूल में परीक्षा के दिन सुबह 9 से 9.30 बजे के बीच प्रश्नपत्र लीक हो गया था. सीबीआई की टीम जब ओएसिस पहुंची थी तो उनकी जांच पहले प्रश्नपत्र के बक्से और लिफाफे तक ही सीमित थी. क्योंकि जांच में बक्से और लिफाफे में छेड़छाड़ के प्रमाण शुरुआत में ही मिल गए थे. जांच आगे बढ़ी तो सीबीआई की टीम ने स्कूल के कंप्यूटर लैब को खंगाला, जहां एक कंप्यूटर में ऐनी डेस्क साफ्टवेयर डाउनलोड पाया गया. फॉरेसिंक टीम ने जब इसकी हिस्ट्री निकाली तो पाया कि इसका इस्तेमाल 5 मई को किया गया था. इसके बाद स्कूल के प्राचार्य व एनटीए के सिटी को-आर्डिनेटर एहसान उल हक व उप प्राचार्य मो. इम्तियाज आलम से सख्ती से पूछताछ की गई. इसके बाद स्थानीय पत्रकार जमालुद्दीन का नाम सामने आया. पूछताछ में पुख्ता प्रमाण मिलने के बाद ही तीनों की गिरफ्तारी सीबीआई की टीम ने की थी.

फिर से हजारीबाग पहुंची सीबीआई

हजारीबाग के ओएसिस स्कूल से नीट पेपर लीक होने का पुख्ता प्रमाण मिलने के बाद सीबीआई के टीम ने हजारीबाग में दोबारा दबिश दी. बुधवार को ओएसिस स्कूल में टीम द्वारा छानबीन की गयी. इसके बाद गुरुवार को चार गाड़ियों से बिहार पुलिस के साथ सीबीआई रामनगर स्थित राज गेस्ट हाउस पहुंची, यहां भी तीन घंटे छानबीन की गई. सीबीआई यहां पटना से दो संदिग्धों को लेकर पहुंची थी.

सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि इनमें एक गेस्ट हाउस संचालक राजकुमार सिंह और दूसरा आरोपित पंकज कुमार था. सिविल इंजीनियर पंकज को ही मामले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. उसपर ही ओएसिस स्कूल के प्राचार्य तथा उप प्राचार्य की मदद से प्रश्नपत्र चोरी करने का आरोप है. सीबीआई ने गुरुवार को दोबारा गेस्ट हाउस के एक-एक कमरे की तलाशी ली, जांच के बाद गेस्ट हाउस को दोबारा सील कर दिया. परीक्षा के एक दिन पहले इसी गेस्ट हाउस में छात्रों को ठहराया गया था. करीब 20 से 25 छात्रों के यहां रुकने की बात सामने आई है. सॉल्व करवाने के बाद उन्हें नीट परीक्षा की तैयारी कराई जा रही थी. कुछ ब्लूट्रूथ डिवाइस भी यहां से जब्त किए गए थे, जांच एजेंसी की टीम कुछ छात्रों के एडमिट कार्ड लेकर भी यहां पहुंची थी.

इसे भी पढ़ें- नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई की टीम फिर पहुंची हजारीबाग, संदिग्धों के साथ ठिकानों पर की गई जांच - NEET paper leak case

इसे भी पढे़ं- नीट पेपर लीक मामले में रिम्स से हिरासत में ली गयी छात्रा का रामगढ़ कनेक्शन, घर में बंद है ताला! - NEET paper leak

इसे भी पढ़ें- नीट पेपर लीक मामला, रिम्स तक पहुंचा सीबीआई जांच का दायरा, फर्स्ट इयर की छात्रा हिरासत में, प्रश्न पत्र सॉल्वर गैंग से कनेक्शन की आशंका - NEET paper leak case

इसे भी पढ़ें- नीट पेपर लीक मामला: सीबीआई की टीम ने हजारीबाग में फिर की छापेमारी, एक गिरफ्तार - NEET paper leak case

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.