नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बुधवार को दिल्ली कोचिंग सेंटर में हुई सिविल सेवा परीक्षा के तीन उम्मीदवारों की मौत मामले की जांच अपने हाथों में ले ली है. एक अधिकारी ने बताया कि एजेंसी ने RAUs IAS स्टडी सर्किल के मालिक अभिषेक गुप्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. बुधवार को जांच टीम ने घटना स्थल का दौरा किया और जांच की. दिल्ली पुलिस ने भी जांच से जुड़े सभी दस्तावेज सीबीआई को सौंप दिए हैं.
CBI ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद मंगलवार देर शाम दिल्ली पुलिस से मामले को अपने हाथ में ले लिया. अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी ने निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार कोचिंग के मालिक के खिलाफ फिर से मामला दर्ज किया है. इस मामले में यूपीएससी के तीन अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश की श्रेया यादव (25), तेलंगाना/बिहार की तान्या सोनी (25) और केरल के नेविन डेल्विन (24) 27 जुलाई को भारी बारिश के बाद कोचिंग के बेसमेंट में पानी भर जाने से डूब गए थे. उम्मीदवार बेसमेंट में बनी लाइब्रेरी में पढ़ रहे थे, तभी वहां पानी भर गया, जिससे उनकी मौत हो गई थी.
2 अगस्त को कोर्ट ने CBI जांच का दिया था आदेशः सीबीआई ने गुप्ता के खिलाफ गैर इरादतन हत्या, लापरवाही से मौत, जानबूझकर चोट पहुंचाना, लापरवाहीपूर्ण व्यवहार और साझा इरादे के तहत मामला दर्ज किया है. अधिकारी ने बताया, "शुरुआती औपचारिकताओं के बाद सीबीआई की टीम ने विस्तृत जांच के लिए घटनास्थल का दौरा किया." 2 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी. अदालत मामले में दिल्ली पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं थी.
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इससे पहले बुधवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने बेसमेंट के चार सह-मालिकों की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद सीबीआई को नोटिस जारी किया था. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनुज बजाज चंदना ने सीबीआई को नोटिस जारी किया था. उन्होंने पाया कि हाईकोर्ट के निर्देशानुसार मामले को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. उन्होंने सीबीआई से स्थिति रिपोर्ट मांगी थी. आरोपियों पर 27 जुलाई को पुलिस स्टेशन राजिंदर नगर में दर्ज एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 105,106(1), 115(2), 290, 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
घटना के अगले दिन आरोपियों को पुलिस ने किया था अरेस्टः आरोपियों को 28 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था. 5 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने कोचिंग सेंटरों में सुरक्षा मानदंडों से संबंधित मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लिया था. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने मौखिक रूप से कहा, "ये स्थान (कोचिंग सेंटर) मृत्यु कक्ष बन गए हैं. आप देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले युवाओं की जान ले रहे हैं." अदालत ने आगे सुझाव दिया कि ऐसे संस्थान ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से संचालित होंगे, जब तक कि वे दिल्ली के मास्टर प्लान, 2021 के तहत अग्नि और सुरक्षा मानदंडों का पूरी तरह से पालन नहीं करते हैं.
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