नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मुंबई के लोअर परेल और मलाड के पासपोर्ट सेवा केंद्रों (पीएसके) में तैनात वरिष्ठ पासपोर्ट सहायकों और पासपोर्ट सहायकों सहित 32 लोगों के खिलाफ एजेंटों और दलालों के साथ मिलकर भ्रष्टाचार करने के आरोपों में 12 मामले दर्ज किए हैं. सीबीआई के अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि एजेंसी ने मुंबई और नासिक में आरोपी सरकारी कर्मचारियों और दलालों के 33 ठिकानों पर तलाशी ली, जिससे पासपोर्ट दस्तावेजों से संबंधित कई आपत्तिजनक दस्तावेज/डिजिटल साक्ष्य बरामद हुए.
सीबीआई अधिकारियों के अनुसार, आरोपी अधिकारी पासपोर्ट सुविधा एजेंटों के साथ नियमित संपर्क में थे और अपर्याप्त, अधूरे दस्तावेजों के आधार पर या पासपोर्ट आवेदकों के व्यक्तिगत विवरण में हेरफेर करके पासपोर्ट जारी करने के बदले में अनुचित लाभ हासिल करने के लिए उनके साथ साजिश रच रहे थे.
सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि 26 जून को विदेश मंत्रालय के पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम (पीएसपी) डिविजन के सतर्कता अधिकारियों और आरपीओ मुंबई के अधिकारियों के साथ पीएसके, परेल और पीएसके, मलाड में औचक तलाशी अभियान चलाया गया. इस दौरान संदिग्ध अधिकारियों के कार्यालय डेस्क और मोबाइल फोन की सीबीआई टीम और विदेश मंत्रालय के पीएसपी डिवीजन के सतर्कता अधिकारियों ने संयुक्त रूप से जांच की. संदिग्ध लोक सेवकों के दस्तावेजों, सोशल मीडिया चैट और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) आईडी गतिविधियों की जांच से पीएसके के कुछ अधिकारियों द्वारा विभिन्न संदिग्ध लेनदेन का पता चला, जो पासपोर्ट जारी करने के लिए पासपोर्ट सुविधा एजेंटों के माध्यम से अनुचित लाभ की मांग और स्वीकृति के साथ-साथ अपर्याप्त, नकली और जाली दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट जारी करने का संकेत देते हैं.
सीबीआई अधिकारियों ने एक बयान में दावा किया कि पासपोर्ट सेवा केंद्रों के संदिग्ध अधिकारी विभिन्न पासपोर्ट सुविधा एजेंटों और दलालों के साथ मिलीभगत करके कथित तौर पर पासपोर्ट सुविधा एजेंटों और दलालों से सीधे अपने बैंक खातों में या अपने करीबी और परिवार के सदस्यों के बैंक खातों में लाखों रुपये की भारी मात्रा में रिश्वत हासिल कर रहे थे.
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