ETV Bharat / bharat

कावेरी जल विवाद: कर्नाटक सरकार ने पानी नहीं छोड़ने के कारण गिनाए - Cauvery Conflict

author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 14, 2024, 11:00 AM IST

Cauvery Conflict What is reasons given by Karnataka : कावेरी जल विवाद पर कर्नाटक सरकार की ओर से तमिलनाडु को पानी न देने को लेकर कारण बताए गए. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

Cauvery Conflict
कावेरी विवाद (ETV Bharat Karnataka Desk)

बेंगलुरु: पिछली बार की तुलना में इस बार कर्नाटक में अच्छी बारिश हो रही है. खाली हो चुके प्रमुख जलाशयों को भरा जा रहा है. हालांकि, मानसून की शुरुआत में ही तमिलनाडु के साथ कावेरी विवाद शुरू हो गया. कावेरी नदी के पानी से भरने वाले चार प्रमुख जलाशयों में जल स्तर बढ़ने के बावजूद कर्नाटक तमिलनाडु को पानी क्यों नहीं छोड़ रहा है. इसके पीछे सरकार की ओर से तर्क दिए गए हैं.

कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कावेरी विवाद मानसून की शुरुआत में ही शुरू हो गया. कावेरी बेसिन के चार प्रमुख जलाशयों का जलस्तर, जो लगभग खाली हो चुका था, धीरे-धीरे भर रहा है. ऐसे में तमिलनाडु कावेरी का पानी छोड़ने पर जोर दे रहा है.

कावेरी जल नियंत्रण समिति (CWRC) की बैठक में कर्नाटक को 12 जुलाई से 31 जुलाई तक प्रतिदिन तमिलनाडु को कावेरी का एक टीएमसी औसत (11,500 क्यूसेक) पानी छोड़ने की सिफारिश की गई है. यह सिफारिश राज्य के लिए एक झटका है जब चारों जलाशय अब तक पूर्ण रूप से भरा नहीं है. राज्य का तर्क है कि जुलाई के अंत तक बारिश और जल भंडारण की स्थिति को देखने के बाद तमिलनाडु को पानी छोड़ने के बारे में निर्णय लिया जाना चाहिए. हालांकि, सीडब्ल्यूआरसी ने पानी छोड़ने की सिफारिश की है.

एक जून से 2 जुलाई तक मौसम विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य में 216.5 मिमी बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन 212.5 मिमी बारिश हुई है. यानी सामान्य से 2फीसदी कम बारिश हुई. जुलाई महीने में सामान्य बारिश 252.2 मिमी होती है. कावेरी बेसिन के सभी 4 जलाशयों में कुल 60 टीएमसी पानी ही उपलब्ध है. हमें कृषि गतिविधियों के लिए भी पानी उपलब्ध कराना है. कर्नाटक राज्य में बारिश की कमी को ध्यान में रखते हुए जुलाई के अंत तक इंतजार करने का तर्क दे रहा है.

सभी कारणों से पानी नहीं दिया जा सकता. 76फीसदी पानी हरंगी बांध में, 56प्रतिशत हेमावती में, 54 फीसदी केआरएस में 96 फीसदी काबिनी जलाशय में संग्रहित है. चारों जलाशयों में औसत जल सामग्री 63प्रतिशत है. 19-20 टीएमसी पानी की कमी है. इसलिए, वर्तमान में तमिलनाडु को एक टीएमसी पानी छोड़ना मुश्किल है. ऐसा जल संसाधन मंत्री डीके शिवकुमार ने कहा.

ये भी पढ़ें- Cauvery row : कर्नाटक ने कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण से आदेश की समीक्षा करने का किया आग्रह

बेंगलुरु: पिछली बार की तुलना में इस बार कर्नाटक में अच्छी बारिश हो रही है. खाली हो चुके प्रमुख जलाशयों को भरा जा रहा है. हालांकि, मानसून की शुरुआत में ही तमिलनाडु के साथ कावेरी विवाद शुरू हो गया. कावेरी नदी के पानी से भरने वाले चार प्रमुख जलाशयों में जल स्तर बढ़ने के बावजूद कर्नाटक तमिलनाडु को पानी क्यों नहीं छोड़ रहा है. इसके पीछे सरकार की ओर से तर्क दिए गए हैं.

कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कावेरी विवाद मानसून की शुरुआत में ही शुरू हो गया. कावेरी बेसिन के चार प्रमुख जलाशयों का जलस्तर, जो लगभग खाली हो चुका था, धीरे-धीरे भर रहा है. ऐसे में तमिलनाडु कावेरी का पानी छोड़ने पर जोर दे रहा है.

कावेरी जल नियंत्रण समिति (CWRC) की बैठक में कर्नाटक को 12 जुलाई से 31 जुलाई तक प्रतिदिन तमिलनाडु को कावेरी का एक टीएमसी औसत (11,500 क्यूसेक) पानी छोड़ने की सिफारिश की गई है. यह सिफारिश राज्य के लिए एक झटका है जब चारों जलाशय अब तक पूर्ण रूप से भरा नहीं है. राज्य का तर्क है कि जुलाई के अंत तक बारिश और जल भंडारण की स्थिति को देखने के बाद तमिलनाडु को पानी छोड़ने के बारे में निर्णय लिया जाना चाहिए. हालांकि, सीडब्ल्यूआरसी ने पानी छोड़ने की सिफारिश की है.

एक जून से 2 जुलाई तक मौसम विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य में 216.5 मिमी बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन 212.5 मिमी बारिश हुई है. यानी सामान्य से 2फीसदी कम बारिश हुई. जुलाई महीने में सामान्य बारिश 252.2 मिमी होती है. कावेरी बेसिन के सभी 4 जलाशयों में कुल 60 टीएमसी पानी ही उपलब्ध है. हमें कृषि गतिविधियों के लिए भी पानी उपलब्ध कराना है. कर्नाटक राज्य में बारिश की कमी को ध्यान में रखते हुए जुलाई के अंत तक इंतजार करने का तर्क दे रहा है.

सभी कारणों से पानी नहीं दिया जा सकता. 76फीसदी पानी हरंगी बांध में, 56प्रतिशत हेमावती में, 54 फीसदी केआरएस में 96 फीसदी काबिनी जलाशय में संग्रहित है. चारों जलाशयों में औसत जल सामग्री 63प्रतिशत है. 19-20 टीएमसी पानी की कमी है. इसलिए, वर्तमान में तमिलनाडु को एक टीएमसी पानी छोड़ना मुश्किल है. ऐसा जल संसाधन मंत्री डीके शिवकुमार ने कहा.

ये भी पढ़ें- Cauvery row : कर्नाटक ने कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण से आदेश की समीक्षा करने का किया आग्रह
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.