नई दिल्ली : भारत ने गुरुवार को कनाडा से एक बार फिर कहा कि वह अपनी जमीन से गतिविधियों को अंजाम दे रहे भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने उक्त बातें उस समय कहीं जब उनसे उन खबरों के बारे में पूछा गया जिसमें कहा गया था कि कनाडा ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को जान से मारने की धमकी सोशल मीडिया पर देने के मामले में दो लोगों पर आरोप लगाया है, लेकिन भारतीय नेताओं और राजनयिकों को धमकी देने वालों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई नहीं की गई है.
#WATCH | On the reports on the vandalization of the Temple in Edmonton, Canada, MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, " we have strongly taken up the matter with canadian authorities, both in delhi and ottawa. we condemn the vandalization. we expect the local authorities to take… pic.twitter.com/rH4gMD3uPZ
— ANI (@ANI) July 25, 2024
इस पर जायसवाल ने कहा कि हमने ये खबरों को देखा है. जब कोई भी लोकतंत्र कानून के शासन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लागू करने को लेकर अलग-अलग मापदंड अपनाता है, तो इससे उसका अपना दोहरा मापदंड ही सामने आता है. उन्होंने कहा कि हम आशा करते हैं कि कनाडा उन भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करेगा जिन्होंने बार-बार भारतीय नेताओं के अलावा संस्थाओं, एयरलाइन और राजनयिकों को धमकी दी है. प्रवक्ता जायसवाल ने कहा कि हमारे खिलाफ दी जाने वाली धमकियों पर उसी स्तर की कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
राज्य सरकार अपने संवैधानिक अधिकार क्षेत्र से बाहर के मामलों में हस्तक्षेप न करें
वहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि राज्य सरकारों को अपने संवैधानिक अधिकार क्षेत्र से बाहर के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. उन्होंने यह टिप्पणी केरल सरकार द्वारा एक वरिष्ठ अधिकारी को विदेश मामलों में सहयोग का जिम्मा सौंपे जाने के कुछ दिन बाद की है.
#WATCH | On Kerala Govt appointing Secretary for External Cooperation, MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, " ...the constitution of india under the 7th schedule list 1- union list, item 10, clearly specifies that foreign affairs and all matters which bring the union into… pic.twitter.com/JUJUrCNkm0
— ANI (@ANI) July 25, 2024
जायसवाल ने कहा कि भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची सूची 1-संघ सूची, विषय 10 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि विदेशी मामले और वे सभी मामले जो संघ को किसी अन्य देश के साथ संबंध में लाते हैं, संघ सरकार का एकमात्र विशेषाधिकार हैं. प्रवक्ता जायसवाल ने कहा कि यह समवर्ती विषय नहीं है और राज्य का विषय भी नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारा रुख यह है कि राज्य सरकारों को ऐसे मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए जो उनके संवैधानिक अधिकार क्षेत्र से बाहर के हों.
ये भी पढ़ें - भारत ने अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी रिपोर्ट को 'गहरी पक्षपातपूर्ण' बता किया खारिज