रायपुर: महादेव बेटिंग एप केस में भूपेश बघेल के खिलाफ FIR दर्ज होते ही प्रदेश का सियासी पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया है. लोकसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरु हो चुका है. जिन धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है उन धाराओं के तहत गिरफ्तारी भी संभव है. ऐसे में अब ये सवाल उठने लगे हैं कि क्या चुनाव से पहले गिरफ्तारी भी संभव है. कानून के जानकार इसे गंभीर विषय मान रहे हैंं
FIR को बताया राजनीतिक साजिश: महादेव बेटिंग एप मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय में एफआईआर दर्ज किया गया है. FIR दर्ज होने की जानकारी जैसे ही कांग्रेस को लगी कांग्रेस ने तुरंत मोर्चा संभाल लिया. कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने एक सुर में कहा कि ये राजनीतिक षडयंत्र है. बीजेपी प्रायोजित साजिश है. बीजेपी कांग्रेस को ट्रैप करने की कोशिश कर रही है.
क्या कहते हैं कानून के जानकार: कानून के जानकार इस विषय को काफी गंभीर मानते हैं. उनका कहना है कि जब किसी मामले में ईडी खुद मामला दर्ज कर कार्रवाई करे तो EOW में FIR दर्ज करने की क्या जरूरत है. मामला उलझा हुआ है और एक ही मामले में दो FIR दर्ज नहीं हो सकती है.
इस मामले में जो एफआईआर दर्ज कराई गई है. एफआईआर में प्रार्थी खुद एक सरकारी कर्मचारी है, प्रार्थी खुद मामले की जांच कर रहा है. एक ही एफआईआर में एक ही चीज पर दूसरा एफआईआर दर्ज कराना कानून के विरुद्ध है. सबसे पहले जो दो एफआईआर हुई है एक एफआईआर महादेव मामले में पहले से ही ईडी ने कर रखा है, उसके बाद जो विवेचना अधिकारी है वहीं दूसरी जगह ईओडब्ल्यू में फिर से एफआईआर कर रहा है. यह एक अलग मामला सामने आ रहा है. एक ही मामले पर दो एफआईआर नहीं हो सकती, जो दो एफआईआर हुई है ईओडब्ल्यू ने की है, कानूनी तौर पर यह एफआईआर अपने आप में गलत साबित होता है. - फैसल रिजवी, वकील
बघेल पर क्या है आरोप: कांग्रेस की सरकार के वक्त भूपेश बघेल पर महादेव बेटिंग एप के जरिए पैसे लेने आरोप है. वकील रिजवी का कहना है कि जब खुद भूपेश बघेल उस वक्त मामला दर्ज करा रहे थे, लोगों को पकड़वा रहे थे तब ऐसे में वो प्रोटेक्शन मनी कैसे लेंगे. रायपुर की आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने महादेव ऐप मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. शिकायत आईपीसी की धारा 120बी, 34, 406, 420, 467, 468 और 471 के तहत दर्ज किया गया. भूपेश बघेल और 21 अन्य लोगों के खिलाफ 4 मार्च को मामला दर्ज किया गया. बघेल पर महादेव मामले में कार्रवाई न करने के लिए प्रोटेक्शन मनी लेने का आरोप लगा है.
महादेव एप केस में कांग्रेस ने क्या कार्रवाई की: पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में महादेव मामले को लेकर रायपुर में 33 केस दर्ज किए गए. जांच के दौरान 209 लोगों को गिरफ्तार किया गया. जांच के दौरान 90 लैपटॉप, 410 मोबाइल फोन, 210 एटीएम और करीब 1.36 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई. 18.50 लाख कैश भी बरामद किए गए. 710 बैंक खातों को फ्रीज किया गया. फ्रीज किए गए खातों में डेढ़ करोड़ से ज्यादा की रकम थी. दुर्ग में 26 मामले दर्ज किए गए, जिसमें 194 गिरफ्तारी हुई. दुर्ग जिले से 78 लैपटॉप, 271 मोबाइल फोन सहित 231 बैंक अकाउंट में लगभग 2 करोड रुपए फ़ीज़ किए गए.
बिलासपुर में भी हुआ एक्शन: बिलासपुर में भी इस मामले में FIR दर्ज की गई. 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया. कार्रवाई के दौरान बिलासपुर से 23 लैपटॉप , 79 मोबाइल फोन, 10 एटीएम कार्ड , 20 लाख की संपत्ति, 18 लाख नकद सहित लगभग 12.60 करोड़ रुपए बैंक खातों में फ्रीज़ किए गए.
जगदलपुर में एक्शन: जगदलपुर में भी इस मामले में एक एफआईआर दर्ज की गई. 4 लोगों की गिरफ्तारी हुई. कार्रवाई के दौरान 5 मोबाइल फोन सहित 1.05 लाख से ज्यादा राशि नकद जब्त्त की गई है. अंबिकापुर में भी 3 एफआईआर दर्ज हुई. 13 लोगों की गिरफ्तारी हुई.
जांच की आंच में बघेल: कांग्रेस का पहले भी ये दावा रहा है कि उसने ही महादेव एप मामले में कानूनी कार्रवाई शुरु की. पूर्व की सरकार ने कुल 72 मामले दर्ज कराए. 449 लोगों को इसमें गिरफ्तार किया गया. अब जिस तरह से भूपेश बघेल पर जांच की आंच पहुंची है उससे कांग्रेस बौखलाहट में जरुर नजर आ रही है. भूपेश बघेल बेशक ये बता रहे हैं कि वो गीदड़ भभकियों से डरने वाले नहीं हैं. बघेल राजनांदगांव सीट से उम्मीदवार हैं. कानूनी शिकंजा कसने पर चुनाव में पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.