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संदेशखाली मामला : पुलिस की सख्ती के बाद हाईकोर्ट ने धारा 144 लगाने का आदेश किया रद्द

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By IANS

Published : Feb 13, 2024, 6:51 PM IST

Sandeshkhali Episode : संदेशखाली मामला गंभीर होता जा रहा है. भाजपा और टीएमसी के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए. पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठियां बरसाईं. दूसरी ओर कलकत्ता हाईकोर्ट ने संदेशखाली में धारा 144 लगाए जाने के आदेश को रद्द कर दिया. भाजपा ने यहां पर महिला के साथ हुए यौन उत्पीड़न का मामला उठाया है.

sandesh khali
संदेशखाली मामला

नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली हिंसा और महिला के साथ हुए यौन उत्पीड़न को लेकर बवाल मचा हुआ है. भारतीय जनता पार्टी ने इस मामले को लेकर बंगाल की ममता सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

इसी क्रम में भाजपा कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को सड़कों पर उतरकर अपना रोष प्रकट किया. लेकिन, पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ दिए. जिसमें कई महिला और पुरुष कार्यकर्ता जख्मी भी हुए हैं. ये आरोप भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने लगाए हैं.

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो भी शेयर करते हुए बंगाल की ममता सरकार पर हमला बोला. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि बंगाल पुलिस भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठियां बरसा रही है.

अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा, ''पश्चिम बंगाल में खून बह रहा है। शाहजहां शेख और उसके सहयोगी संदेशखाली की युवा विवाहित महिलाओं को कैद में रखते हैं और उनके साथ दुष्कर्म करते हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल की तानाशाह ममता बनर्जी की पुलिस ने बशीरहाट एसपी कार्यालय के बाहर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठियां बरसाई और पथराव किए. साथ ही उन पर आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए, जिसमें भाजपा की महिला और पुरुष कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए."

उन्होंने बताया, "बंगाल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुकांत मजूमदार के नेतृत्व में यह प्रदर्शन किया गया." भाजपा नेता अमित मालवीय ने लिखा, ''इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष और अन्य नेताओं को सड़क मार्ग से संदेशखाली की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी और उन्हें वहां के लिए ट्रेन लेनी पड़ी. आरोपी शाहजहां शेख को बचाने के लिए ममता बनर्जी इतनी बेचैन क्यों हैं? वह पश्चिम बंगाल में हिंदू महिलाओं के साथ बलात्कार को क्यों बढ़ावा दे रही हैं?''

ज्ञात हो कि टीएमसी नेता शेख शाहजहां के घर ईडी की टीम छापा मारने पहुंची थी तो उस वक्त उनके समर्थकों ने ईडी टीम पर हमला कर दिया था, जिसमें कई अधिकारियों को चोटें भी आई थी.

कलकत्ता हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई

कलकत्ता हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में धारा 144 लगाने के आदेश को रद्द कर दिया. न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की बेंच ने कहा कि इस तरह के निषेधाज्ञा आदेश केवल अशांत क्षेत्रों के रूप में पहचाने गए स्थानों पर जारी किए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि क्योंकि इस मामले में, पूरे क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी गई है, इसलिए निषेधाज्ञा आदेशों पर अधिसूचना को रद्द करने का फैसला किया गया. अदालत ने उसी समय संदेशखाली में अतिरिक्त सशस्त्र पुलिस कर्मियों की तैनाती का आदेश दिया. अब, निषेधाज्ञा रद्द होने के साथ, राज्य के भाजपा नेता बिना किसी बाधा के संदेशखाली का दौरा कर सकेंगे.

ये भी पढ़ें : प.बंगाल संदेशखाली हमला : राज्य की जांच एजेंसी पर ईडी को संदेह

नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली हिंसा और महिला के साथ हुए यौन उत्पीड़न को लेकर बवाल मचा हुआ है. भारतीय जनता पार्टी ने इस मामले को लेकर बंगाल की ममता सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

इसी क्रम में भाजपा कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को सड़कों पर उतरकर अपना रोष प्रकट किया. लेकिन, पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ दिए. जिसमें कई महिला और पुरुष कार्यकर्ता जख्मी भी हुए हैं. ये आरोप भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने लगाए हैं.

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो भी शेयर करते हुए बंगाल की ममता सरकार पर हमला बोला. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि बंगाल पुलिस भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठियां बरसा रही है.

अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा, ''पश्चिम बंगाल में खून बह रहा है। शाहजहां शेख और उसके सहयोगी संदेशखाली की युवा विवाहित महिलाओं को कैद में रखते हैं और उनके साथ दुष्कर्म करते हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल की तानाशाह ममता बनर्जी की पुलिस ने बशीरहाट एसपी कार्यालय के बाहर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठियां बरसाई और पथराव किए. साथ ही उन पर आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए, जिसमें भाजपा की महिला और पुरुष कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए."

उन्होंने बताया, "बंगाल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुकांत मजूमदार के नेतृत्व में यह प्रदर्शन किया गया." भाजपा नेता अमित मालवीय ने लिखा, ''इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष और अन्य नेताओं को सड़क मार्ग से संदेशखाली की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी और उन्हें वहां के लिए ट्रेन लेनी पड़ी. आरोपी शाहजहां शेख को बचाने के लिए ममता बनर्जी इतनी बेचैन क्यों हैं? वह पश्चिम बंगाल में हिंदू महिलाओं के साथ बलात्कार को क्यों बढ़ावा दे रही हैं?''

ज्ञात हो कि टीएमसी नेता शेख शाहजहां के घर ईडी की टीम छापा मारने पहुंची थी तो उस वक्त उनके समर्थकों ने ईडी टीम पर हमला कर दिया था, जिसमें कई अधिकारियों को चोटें भी आई थी.

कलकत्ता हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई

कलकत्ता हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में धारा 144 लगाने के आदेश को रद्द कर दिया. न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की बेंच ने कहा कि इस तरह के निषेधाज्ञा आदेश केवल अशांत क्षेत्रों के रूप में पहचाने गए स्थानों पर जारी किए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि क्योंकि इस मामले में, पूरे क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी गई है, इसलिए निषेधाज्ञा आदेशों पर अधिसूचना को रद्द करने का फैसला किया गया. अदालत ने उसी समय संदेशखाली में अतिरिक्त सशस्त्र पुलिस कर्मियों की तैनाती का आदेश दिया. अब, निषेधाज्ञा रद्द होने के साथ, राज्य के भाजपा नेता बिना किसी बाधा के संदेशखाली का दौरा कर सकेंगे.

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