कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को पूर्व न्यायाधीश और तमलुक लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार अभिजीत गंगोपाध्याय के खिलाफ इस महीने की शुरुआत में दर्ज एक केस में पश्चिम बंगाल पुलिस की कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा दी. कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश गंगोपाध्याय के खिलाफ पूर्वी मिदनापुर जिले के तमलुक पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई है.
न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष ने अपने आदेश में कहा कि राज्य पुलिस 14 जून तक गंगोपाध्याय के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकती है. मामले में, न्यायमूर्ति घोष ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए जमानत देने का भी संदर्भ दिया और कहा कि इस विशेष मामले में याचिकाकर्ता खुद एक उम्मीदवार है. मामले में अगली सुनवाई 12 जून को होगी.
उच्च न्यायालय के आदेश के बाद नौकरी से हटाए गए 25,753 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के एक वर्ग द्वारा की गई शिकायत पर गैर-जमानती धाराओं के तहत पांच मई को तमलुक पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी. शिकायत के पीछे चार मई को जब गंगोपाध्याय एक उम्मीदवार के रूप में नामांकन करने जा रहे थे, तमलुक में भाजपा समर्थकों द्वारा निकाला गया जुलूस था.
जुलूस बर्खास्त स्कूल कर्मचारियोें के धरना-स्थल से गुजरा. उस समय वहां तनाव व्याप्त हो गया. इस पर कर्मचारियों ने गंगोपाध्याय के खिलाफ केस दर्ज कराया. गंगोपाध्याय ने एफआईआर रद्द करने की मांग के साथ कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. गुरुवार को गंगोपाध्याय के वकील ने मांग किया कि उनके मुवक्किल के खिलाफ सभी आरोप खारिज किए जाने चाहिए. दोनों पक्षोंं को सुनने के बाद जस्टिस घोष ने मामले में पुलिस कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा दी. तमलुक में छठे चरण के लिए 25 मई को मतदान होना है.