लखनऊ : झारखंड और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी व कांग्रेस के लोक लुभावने वादों पर बसपा मुखिया मायावती ने नाराजगी जताई है. पूर्व मुख्यमंत्री का कहना है कि देश में गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, साफ पानी और कानून व्यवस्था जैसी बुनियादी जरूरतों का जबरदस्त अभाव है. करोड़ों लोगों का जीवन त्रस्त है, लेकिन भाजपा और कांग्रेस आरोप-प्रत्यारोप का खेल खेल रहीं हैं. महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव में फिर से रेवड़ी और लुभावने वादों में व्यस्त हैं. जीवन के जंजालों से मुक्ति के लिए स्वाभाविक तौर पर लोग रेवड़ी नहीं, बल्कि रोजगार की मांग कर रहे हैं.
बहुजन समाज पार्टी कार्यालय की तरफ से मायावती का बयान जारी किया गया है. इसमें बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा है कि हिमाचल और कर्नाटक में कांग्रेस सरकार की जनता से वादाखिलाफी जग जाहिर है, जबकि यूपी समेत अन्य राज्यों में भाजपा सरकार मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए अनेकों प्रकार के जुगाड़ की राजनीति कर रही है. वे कर्म को धर्म नहीं मानकर धर्म के ही कार्यक्रमों में ज्यादातर व्यस्त नजर आते हैं. यह जनहित और जनकल्याण व चुनावी वादाखिलाफी नहीं तो और क्या है?.
04-11-2024-BSP PRESS NOTE-FALSE POLL PROMISES pic.twitter.com/jsilYwDRNu
— Mayawati (@Mayawati) November 4, 2024
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि इसीलिए बहुजन समाज पार्टी चुनाव में जनता को गुमराह करने वाला अपना कोई घोषणा पत्र जारी नहीं करती है, बल्कि गरीबों, मजलूमों और बेरोजगारों के प्रति ईमानदार कर्म को ही अपना संवैधानिक दायित्व और राजनीतिक धर्म मानकर कार्य करती है. सरकार बन जाने पर जनहित और जन कल्याण के ऐतिहासिक और बेमिसाल कार्य करके भी दिखाती है. यूपी में अब तक 4 बार रही बीएसपी की सरकार अपने आप में मिसाल है.
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा के पिछले सभी अनुभवों के मद्देनजर देश के करोड़ों लोगों का दोनों ही पार्टियों से पूछना स्वाभाविक है कि यह बात क्यों कहते हो जो करते नहीं. वह वादा क्यों करते हो जो निभाते नहीं. इसके साथ ही खासकर महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा आम चुनाव के दौरान लोगों की यह मांग भी शत प्रतिशत जायज है कि उन्हें रेवड़ी नहीं रोजगार चाहिए.
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