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प. बंगाल के गरीबों से 200 में सिम खरीदते और मेवात के ठगों को 10 हजार में बेच देते, गैंग के तीन आरोपी गिरफ्तार - 3 member of SIM fraud gang arrested

भरतपुर पुलिस ने एक ऐसी गैंग के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है जो पश्चिम बंगाल से 200 रुपए में सिम खरीदते और मेवात के ठगों को 10 हजार रुपए में बेच देते. इन सिमों का इस्तेमाल साइबर ठगी से जुड़े काले धंधों में किया जाता था.

3 member of SIM fraud gang arrested
साइबर अपराध के लिए सिम खरीदने-बेचने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 29, 2024, 4:51 PM IST

भरतपुर. रेंज स्पेशल टीम और डीग पुलिस ने ऑपरेशन एंटी वायरस के तहत कार्रवाई कर ठगों तक सिम पहुंचाने वाली गैंग के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. पुलिस ने तीन ऐसे आरोपियों को दबोचा है, जो पश्चिम बंगाल के गांवों के गरीब लोगों से 200-200 रुपए में सिम खरीदकर लाते और रुक्कू गैंग के माध्यम से मेवात के ठगों को 10 हजार रुपए में बेच देते. ठग इन सिमों का इस्तेमाल साइबर अपराध, ठगी और ठगी की रकम निकासी के लिए बैंक अकाउंट खोलने में करते. गिरफ्तार तीनों आरोपी बीते तीन माह में पश्चिम बंगाल से लाई 3000 सिम मेवात के ठगों को बेच चुके हैं.

आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि रेंज पुलिस टीम और डीग पुलिस टीम ने डीग जिले के पहाड़ी क्षेत्र के गांव समलका से जोधपुर निवासी लियाकत (24) पुत्र हमीदा, जुरहरा के गांव सहसन निवासी रुकमुद्दीन (37) पुत्र रूजदार और महेन्द्र सिंह पुत्र बलदेव सिंह को गिरफ्तार किया है. ये आरोपी पश्चिम बंगाल के गरीब ग्रामीणों से सिम खरीदकर मेवात लेकर आते थे. आरोपियों के कब्जे से 187 फर्जी सिम, एक लैपटॉप, 10 स्मार्टफोन व एक कीपैड फोन, एक अवैध कट्टा व एक कारतूस और एक मोटरसाइकिल जब्त की है.

पढ़ें: लॉरेंस गैंग के नाम से फिरौती मांगने वाले को सिम उपलब्ध कराने वाला आरोपी गिरफ्तार

ऐसे देते थे वारदात को अंजाम: आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी लियाकत के मामा पश्चिम बंगाल में रहते हैं. उन्होंने आरोपी की शादी वर्ष 2022 में पश्चिम बंगाल में करा दी थी. शादी के बाद से आरोपी लगातार पश्चिम बंगाल आता-जाता रहता है. आरोपी के ताऊ का लड़का आसू ऑनलाइन ठगी, ठगों को एटीएम उपलब्ध करवाना और सिम उपलब्ध करवाने का काम करता था. उसकी जनवरी 2024 में मृत्यु हो गई.

पढ़ें: Jodhpur Theft Case : लाखों की चोरी करने वाली गैंग का पर्दाफाश, महिला सहित चार आरोपी गिरफ्तार, 23 सिम कार्ड बरामद

आसू की मौत के बाद जनवरी से आरोपी लियाकत ठगी करने वाली रुक्कू गैंग में शामिल हो गया और रुक्कू के लिए कोलकाता से सिम लाने लगा. कोलकाता में आरोपी का मामा सद्दाम और मौसी का लड़का साबिर रहते हैं, जो वहीं गांव-गांव घूमकर गांवों के लोगों को 200-250 रुपए का लालच देकर सिम खरीदकर लेते हैं. उसके बाद आरोपी लियाकत कोलकाता जाता और सिम लेकर मेवात आ जाता.

पढ़ें: ऑनलाइन ठगों पर पुलिस की नकेल! एक साल में 1 लाख 36 हजार सिम कार्ड किए ब्लॉक, इस तरह बचते थे आरोपी

तीन माह में 3 हजार सिम: आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि आरोपी लियाकत जनवरी 2024 से अब तक करीब 3 हजार सिम लाकर मेवात में बेच चुका है. आरोपी पहली बार कोलकाता से वोडाफोन व एयरटेल की 70 सिम लेकर आया था, जिनमें से 50 सिम रुक्कू को और 20 सिम महेन्द्र को दी थी. दूसरी बार 120 सिम लेकर आया, जो सभी रुक्कू को दे दी. कुछ दिन बाद रुक्कू ने फिर सिम लाने के लिए कहा, तो आरोपी कोलकाता जाकर अपने मामा व मौसी के लड़के से एयरटेल, जियो व वोडाफोन की 187 सिम लेकर वापिस गांव आ रहा था, तभी पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया.

आरोपी कोलकाता से 200-250 रुपए में सिम खरीदता, मेवात में रुक्कू को 1500-2000 रुपए प्रति सिम के हिसाब से बेच देता और रुक्कू 5 से 10 हजार रुपए में ठगी करने वाले लड़कों को बेच देता था. आरोपी रुक्कू की सहसन गांव में ही मोबाइल की दुकान है. महेन्द्र ठगी करने वालों को एटीएम उपलब्ध करवाता है और एकाउन्ट एक्टिव कराने के लिए आरोपी से सिम खरीदता है.

एंटी वायरस अभियान में अब तक की कार्रवाई: पुलिस के एंटी वायरस अभियान में अब तक 105 साइबर अपराधी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. साथ ही 27 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं. इस दौरान 22.70 लाख की नगदी, 237 मोबाइल, 274 सिम कार्ड, 112 एटीएम कार्ड, 9 माइक्रो एटीएम, 5 स्वाइप मशीन, 6 लैपटॉप और 6 कम्प्यूटर, 1 कैश काउंटिंग मशीन, 23 वाहन और 5 हथियार भी जबत किए गए हैं.

भरतपुर. रेंज स्पेशल टीम और डीग पुलिस ने ऑपरेशन एंटी वायरस के तहत कार्रवाई कर ठगों तक सिम पहुंचाने वाली गैंग के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. पुलिस ने तीन ऐसे आरोपियों को दबोचा है, जो पश्चिम बंगाल के गांवों के गरीब लोगों से 200-200 रुपए में सिम खरीदकर लाते और रुक्कू गैंग के माध्यम से मेवात के ठगों को 10 हजार रुपए में बेच देते. ठग इन सिमों का इस्तेमाल साइबर अपराध, ठगी और ठगी की रकम निकासी के लिए बैंक अकाउंट खोलने में करते. गिरफ्तार तीनों आरोपी बीते तीन माह में पश्चिम बंगाल से लाई 3000 सिम मेवात के ठगों को बेच चुके हैं.

आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि रेंज पुलिस टीम और डीग पुलिस टीम ने डीग जिले के पहाड़ी क्षेत्र के गांव समलका से जोधपुर निवासी लियाकत (24) पुत्र हमीदा, जुरहरा के गांव सहसन निवासी रुकमुद्दीन (37) पुत्र रूजदार और महेन्द्र सिंह पुत्र बलदेव सिंह को गिरफ्तार किया है. ये आरोपी पश्चिम बंगाल के गरीब ग्रामीणों से सिम खरीदकर मेवात लेकर आते थे. आरोपियों के कब्जे से 187 फर्जी सिम, एक लैपटॉप, 10 स्मार्टफोन व एक कीपैड फोन, एक अवैध कट्टा व एक कारतूस और एक मोटरसाइकिल जब्त की है.

पढ़ें: लॉरेंस गैंग के नाम से फिरौती मांगने वाले को सिम उपलब्ध कराने वाला आरोपी गिरफ्तार

ऐसे देते थे वारदात को अंजाम: आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी लियाकत के मामा पश्चिम बंगाल में रहते हैं. उन्होंने आरोपी की शादी वर्ष 2022 में पश्चिम बंगाल में करा दी थी. शादी के बाद से आरोपी लगातार पश्चिम बंगाल आता-जाता रहता है. आरोपी के ताऊ का लड़का आसू ऑनलाइन ठगी, ठगों को एटीएम उपलब्ध करवाना और सिम उपलब्ध करवाने का काम करता था. उसकी जनवरी 2024 में मृत्यु हो गई.

पढ़ें: Jodhpur Theft Case : लाखों की चोरी करने वाली गैंग का पर्दाफाश, महिला सहित चार आरोपी गिरफ्तार, 23 सिम कार्ड बरामद

आसू की मौत के बाद जनवरी से आरोपी लियाकत ठगी करने वाली रुक्कू गैंग में शामिल हो गया और रुक्कू के लिए कोलकाता से सिम लाने लगा. कोलकाता में आरोपी का मामा सद्दाम और मौसी का लड़का साबिर रहते हैं, जो वहीं गांव-गांव घूमकर गांवों के लोगों को 200-250 रुपए का लालच देकर सिम खरीदकर लेते हैं. उसके बाद आरोपी लियाकत कोलकाता जाता और सिम लेकर मेवात आ जाता.

पढ़ें: ऑनलाइन ठगों पर पुलिस की नकेल! एक साल में 1 लाख 36 हजार सिम कार्ड किए ब्लॉक, इस तरह बचते थे आरोपी

तीन माह में 3 हजार सिम: आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि आरोपी लियाकत जनवरी 2024 से अब तक करीब 3 हजार सिम लाकर मेवात में बेच चुका है. आरोपी पहली बार कोलकाता से वोडाफोन व एयरटेल की 70 सिम लेकर आया था, जिनमें से 50 सिम रुक्कू को और 20 सिम महेन्द्र को दी थी. दूसरी बार 120 सिम लेकर आया, जो सभी रुक्कू को दे दी. कुछ दिन बाद रुक्कू ने फिर सिम लाने के लिए कहा, तो आरोपी कोलकाता जाकर अपने मामा व मौसी के लड़के से एयरटेल, जियो व वोडाफोन की 187 सिम लेकर वापिस गांव आ रहा था, तभी पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया.

आरोपी कोलकाता से 200-250 रुपए में सिम खरीदता, मेवात में रुक्कू को 1500-2000 रुपए प्रति सिम के हिसाब से बेच देता और रुक्कू 5 से 10 हजार रुपए में ठगी करने वाले लड़कों को बेच देता था. आरोपी रुक्कू की सहसन गांव में ही मोबाइल की दुकान है. महेन्द्र ठगी करने वालों को एटीएम उपलब्ध करवाता है और एकाउन्ट एक्टिव कराने के लिए आरोपी से सिम खरीदता है.

एंटी वायरस अभियान में अब तक की कार्रवाई: पुलिस के एंटी वायरस अभियान में अब तक 105 साइबर अपराधी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. साथ ही 27 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं. इस दौरान 22.70 लाख की नगदी, 237 मोबाइल, 274 सिम कार्ड, 112 एटीएम कार्ड, 9 माइक्रो एटीएम, 5 स्वाइप मशीन, 6 लैपटॉप और 6 कम्प्यूटर, 1 कैश काउंटिंग मशीन, 23 वाहन और 5 हथियार भी जबत किए गए हैं.

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