देहरादून: देश में एक से बढ़कर एक जांबाज पुलिस अफसर हुए हैं. इन्हीं में से एक पुलिस अफसर थे विजय रमन. मध्य प्रदेश कैडर के 1975 बैच के IPS अफसर विजय रमन के नाम से चंबल के खूंखार डकैतों से लेकर जम्मू कश्मीर के दुर्दांत आंतकवादी तक कांपते थे. पान सिंह तोमर से लेकर संसद हमले के मास्टरमाइंड गाजी बाबा का एनकाउंटर करने वाले IPS अफसर की कहानी एक किताब के जरिए सामने आई है. उनकी पत्नी वीना रमन उनके जीवन के तमाम ऑपरेशंस और हैरतअंगेज कारनामों को एक किताब के जरिए देश के सामने लायी हैं. पेश है ईटीवी भारत संवाददाता धीरज सजवाण की जांबाज आईपीएस विजय रमन की पत्नी वीना रमन से खास बातचीत.
पान सिंह तोमर नाम के बागी का एनकाउंटर विजय रमन ने ही किया था. संसद हमले के मास्टरमाइंड आतंकवादी गाजी बाबा को भी आईपीएस विजय रमन ने ही एनकाउंटर में ढेर किया था. विजय रमन अपनी आईपीएस यात्रा पर निभाई गई जिम्मेदारियों पर किताब लिख रहे थे. लेकिन उसे पूरा करने से पहले ही वो दुनिया से चल बसे.
IPS विजय रमन की बहादुरी के किस्से: चंबल के बीहड़ों में कई खूंखार डकैतों का एनकाउंटर कर उन्हें घुटनों के बल पर लाने वाले, चार-चार प्रधानमंत्रियों की सिक्योरिटी फोर्स में रह चुके IPS विजय रमन देश के कुछ चुनिंदा जांबाज पुलिस अधिकारियों के से एक थे. अपनी जांबाजी के किस्से लिखते हुए अपनी किताब के आखिरी अध्याय के दौरान उनका निधन हो गया था.
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डकैतों का सफाया करने के लिए जाने जाते हैं IPS विजय रमन: चंबल में डाकू पान सिंह तोमर का एनकाउंटर, डाकू फूलन देवी और मलखान सिंह का सरेंडर, संसद हमले के मास्टरमाइंड गाजी बाबा का एनकाउंटर, जम्मू और कश्मीर में मौजूद भारत और पाकिस्तान की सीमा पर फेंसिंग की शुरुआत, यह कुछ ऐसी उपलब्धियां हैं, जो 1975 बैच के मध्य प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी विजय रमन के नाम दर्ज हैं.
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IPS विजय रमन की पत्नी वीना ने साझा किए अनुभव: एलएलबी में गोल्ड मेडलिस्ट आईपीएस अधिकारी विजय रमन राष्ट्रपति पुलिस वीरता पदक से सम्मानित हैं. देहरादून में चल रहे हैं क्राइम लिटरेचर फेस्टिवल में उनकी पुस्तक जिसे वह पूरा नहीं लिख पाए थे और आखिरी अध्याय लिखते समय कैंसर की बीमारी डिटेक्ट हुई थी. फिर कुछ समय बाद उनका निधन हो गया था. इस किताब को उनकी पत्नी वीना रमन ने पूरा किया है. इस किताब के साथ-साथ आईपीएस अधिकारी विजय रमन के जीवन के कुछ महत्वपूर्ण अनुभवों को उनकी पत्नी वीना रमन ने ईटीवी भारत के दर्शकों और पाठकों से साझा किया.
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चंबल इलाके में मिली थी पहली पोस्टिंग: ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए आईपीएस अधिकारी दिवंगत विजय रमन की पत्नी वीना रमन ने बताया कि उनके पति आईपीएस अधिकारी विजय रमन बहुत बड़े-बड़े काम करके घर लौटते थे. लेकिन उनके चेहरे पर बिल्कुल इसका असर नहीं देखने को मिलता था. वह बताती हैं कि वह अपने काम को बेहद ईमानदारी और प्रोफेशनल तरीके से करते थे. वह विजय रमन के शुरुआती सर्विस के दौर को याद करते हुए कहती हैं कि शुरुआत में थोड़ा सा चुनौतियां जरूर आईं. जब चंबल इलाके में डाकुओं का राज हुआ करता था और उसी इलाके में उनकी पोस्टिंग हुई.
चंबल में डाकुओं का खात्मा करने में विजय रमन की अहम भूमिका: आईपीएस अधिकारी विजय रमन की पत्नी वीना रमन ने ईटीवी भारत को बताया कि आजकल डाकुओं के बारे में सिर्फ किस्से- कहानियों में सुना जाता है. लेकिन उनके पति वह व्यक्ति थे जिन्होंने खूंखार डाकुओं का साक्षात सामना किया था. उन्होंने बताया कि चंबल जब पूरी तरह से डाकुओं की गिरफ्त में था, तो उस समय उनके पति विजय रमन की पहली पोस्टिंग चंबल में हुई थी.
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डाकू पान सिंह तोमर का एनकाउंटर किया था: एक परिवार के तौर पर उन्हें काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता था. क्योंकि वह ज्यादातर समय अपनी ड्यूटी को देते थे. घर पर उतना समय नहीं दे पा रहे थे. वह हर बार नई चुनौतियों को स्वीकार करते थे. उन चुनौतियों को अपने कौशल और दिलेरी से उपलब्धियों में तब्दील कर देते थे. उन्होंने बताया कि उनके पति ने जब बागी पान सिंह तोमर का एनकाउंटर किया था, तो यह देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ था, जब डाकुओं को लगा कि हां उनका भी एनकाउंटर हो सकता है. यानी उन्हें भी मारा जा सकता है.
चार प्रधानमंत्रियों की सुरक्षा में तैनात रहे IPS विजय रमन: चंबल में पान सिंह तोमर के एनकाउंटर के बाद डाकुओं में दहशत का माहौल बना. फूलन देवी और मलखान सिंह ने भी सरेंडर किया. कहते हैं दोनों ने यह शर्त रखी कि वह आईपीएस विजय रमन के सामने सरेंडर नहीं करेंगे. इसके बाद विजय रमन को एसपीजी के लिए पीएमओ बुला लिया गया. यहां पर उन्होंने देश के लगातार चार प्रधानमंत्रियों राजीव गांधी, नरसिम्हा राव, वीपी सिंह और चंद्रशेखर की सुरक्षा में अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई.
कश्मीर में पाकिस्तान बॉर्डर पर कराई फेंसिंग: इसके बाद उन्हें जम्मू कश्मीर में भारत-पाकिस्तान के बॉर्डर खुले होने की वजह से आतंकवादियों पर लगाम लगाने के लिए शुरू की गई फेंसिंग के काम के लिए चुना गया. यह अपने आप में बेहद चुनौती भरा काम था. लेकिन विजय रमन ने इस जान जोखिम में डालने वाली चुनौती को भी जिम्मेदारी से निभाया और आतंकवादियों के कश्मीर में बे रोकटोक घुसने के रास्ते बंद कर दिए. विजय रमन की पत्नी वीना रमन बताती हैं कि यह वहां के स्थानीय लोगों और आतंकवादियों के लिए बेहद अस्वीकार्य था. इस काम को करने में कई चैलेंज भी सामने आए, उसके बावजूद भी विजय रमन ने जम्मू कश्मीर में भारत और पाकिस्तान की सीमा पर फेंसिंग का कार्य अपनी देखरेख में शुरू करवाया.
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संसद हमले के मास्टरमाइंड गाजी बाबा को भी मार गिराया: आईपीएस अधिकारी विजय रमन की पत्नी वीना रमन बताती है कि जब उनके पति की पोस्टिंग जम्मू कश्मीर में थी तो उसी दौरान उन्हें टिप मिली थी कि संसद हमले का मास्टरमाइंड गाजी बाबा भी जम्मू में है. इस दौरान उन्होंने एक ऑपरेशन कर गाजी बाबा को मार गिराया.
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इतने कारनामों के बाद भी बोले रमन 'Did I Really Do This': अपने जीवन के तमाम साहसिक कार्यों और उपलब्धियों को संजोते हुए आईपीएस अधिकारी विजय रमन ने एक किताब लिखनी शुरू की. हालांकि इसका नाम क्या रखेंगे, यह नहीं सोचा था. उनकी पत्नी वीना बताती हैं कि वह बस अपने जीवन के सफर को कोरे पन्नों पर उतारते गए. इसी दौरान जब वह पलट कर सारी चीज पढ़ते थे, तो वह अपनी पत्नी से कहते थे कि वीना 'Did I Really Do This'. यानी क्या मैंने सच में यह सारे काम किए हैं. यानी कि उनका व्यक्तित्व बताता था कि उन्होंने जितने भी बड़े काम किए, कभी भी उसका ना तो घमंड किया और ना ही कभी बखान किया.
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उनकी पत्नी बताती हैं कि आखिरी का चैप्टर जब वह लिख रहे थे, तो अचानक उन्हें कैंसर डिटेक्ट हुआ. वह अपनी किताब को पूरा नहीं कर पाए. पत्नी वीना रमन ने पति IPS विजय रमन की उपलब्धियों वाली किताब को पूरा किया है. देश के जांबाज IPS अफसर विजय रमन पर 'Did I Really Do This' नाम से किताब पब्लिश हो चुकी है.
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