नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) मंगलवार को लोकसभा में वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पेश किया. इस दौरान बिल को लेकर वोटिंग हुई. मतदान के दौरान बीजेपी के 20 सांसद अनुपस्थित रहे, जिन्हें पार्टी अब नोटिस भेजेगी. भाजपा ने अपने सभी सांसदों को आज सदन में उपस्थित रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया था.
लोकसभा में वोटिंग के दौरान भाजपा के जो सांसद सदन में नहीं थे उनमें से कुछ सांसदों के नाम हैं, शांतनु ठाकुर, जगदंबिका पाल, बीवाई राघवेन्द्र, गिरिराज सिंह, नितिन गडकरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, विजय बघेल, उदयराजे भोंसले, भागीरथ चौधरी (राजस्थान में प्रधानमंत्री के एक कार्यक्रम में थे), जगन्नाथ सरकार, जयंत कुमार रॉय. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी इन सासंदों से अब व्हीप के उल्लंघन के लिए सो कॉज नोटिस जारी कर जवाब मांगेगी.
पार्टी का व्हीप जारी होने पर कोई सांसद गैरहाजिर होता है तो उसको पहले पार्टी के व्हीप ( सचेतक) को कारण बताते हुए सूचित करना पड़ता है. लेकिन अगर कोई कारण बताए बगैर गैरहाजिर रहता है तो पार्टी को ये अधिकार है कि वो उक्त सांसद से नोटिस जारी कर जवाब मांग सकती है. अगर पार्टी जवाब से संतुष्ट नहीं होती तो वो अनुशासनात्मक कार्रवाई भी कर सकती है. यहां तक कि सदस्यता तक जा सकती है.
BJP is likely to issue notices to around 20 MPs who were absent during voting on the 'One Nation, One Election' Bill in Lok Sabha today even after a whip was issued for all BJP MPs to be present in the House: Sources
— ANI (@ANI) December 17, 2024
इसी तरह भाजपा के 20 सांसदों में कुछ सीनियर सदस्य होने की वजह से विपक्ष के बीच भी ये मुद्दा चर्चा का विषय बन चुका है. इसके अलावा भाजपा ही नहीं एनडीए सहयोगियों में जनसेना से सांसद बालसौरी वोटिंग में गैरहाजिर थे. इस मुद्दे पर पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि, ये विषय गंभीर है और पार्टी उनसे पता करेगी और नहीं रहने का कारण पूछेगी.
इससे पहले लगभग 90 मिनट की बहस और मत विभाजन के बाद मेघवाल ने लोकसभा में संविधान (129वां संशोधन) विधेयक पेश किया. विधेयक के पक्ष में 269 और विपक्ष में 198 सदस्यों ने मतदान किया. मेघवाल ने केंद्र शासित प्रदेश संशोधन विधेयक भी पेश किया, जिसमें पुडुचेरी, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेशों में चुनावों को लोकसभा चुनावों के साथ जोड़ने का प्रावधान है. विधेयक को विस्तृत चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजा गया है.
जेपीसी को बिल भेजेगी बीजेपी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर स्तर पर व्यापक विचार-विमर्श के लिए विधेयकों को संसद की संयुक्त समिति को भेजने का समर्थन किया है. शाह ने कहा, "जेपीसी में विस्तृत चर्चा हो सकती है. जेपीसी की रिपोर्ट को कैबिनेट द्वारा मंजूरी दी जाएगी. इसके बाद सदन में इस (विधेयक) पर चर्चा होगी."
विपक्ष ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ बिल की आलोचना की
विपक्षी दलों ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक की आलोचना करते हुए इसे ‘संघवाद के विरुद्ध’ बताया है. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने विधेयकों को पेश किए जाने का विरोध किया और इस कदम को फेडरलिज्म के मूल संरचना पर हमला बताया.
पूर्व केंद्रीय मंत्री तिवारी ने कहा, "संघवाद और हमारे लोकतंत्र की संरचना इसकी सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक है. यह विधेयक संविधान के मूल ढांचे पर हमला करते हैं और इस सदन की विधायी क्षमता से परे हैं."
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार डीएमके के बालू और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) की सदस्य सुप्रिया सुले ने विधेयकों को संसदीय समिति को सौंपने का समर्थन किया.वहीं, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "इस विधेयक का उद्देश्य राजनीतिक लाभ और सुविधा को मैक्सिमाइज करना है. यह विधेयक क्षेत्रीय दलों को खत्म कर देगा."