नई दिल्ली: देश के चार राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 17 अगस्त को दिल्ली में बड़ी बैठक बुलाई है. इस बैठक में पार्टी के सभी राष्ट्रीय पदाधिकारियों के साथ-साथ सभी प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश संगठन मंत्री भी शामिल होंगे. नए पार्टी अध्यक्ष के चुनाव से पहले यह अभियान पूरा करने का लक्ष्य है. पार्टी की ओर से बुलाई गई इस बैठक की अध्यक्षता खुद वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा करेंगे.सूत्रों की माने तो पार्टी की इस बड़ी बैठक में खुद पीएम मोदी भी शामिल हो सकते हैं.
सूत्रों की माने तो बैठक में चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय और राज्यों के पदाधिकारियों के साथ चर्चा के साथ कौन-कौन से बड़े एजेंडे को लेकर पार्टी को चुनावी मैदान में आगे बढ़ना है और किन मुद्दों को लेकर सरकार संसद और जमीन पर विपक्ष को घेर सकती है, इस पर भी चर्चा की जाएगी.
भाजपा की बैठक में पार्टी के सदस्यता अभियान को अंतिम रूप दिया जाएगा. नए पार्टी अध्यक्ष के चुनाव से पहले यह अभियान पूरा करने का लक्ष्य है. ये मुद्दे भी पार्टी के अहम विषय हो सकते हैं. इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों के अलावा विभिन्न राज्यों में पार्टी संगठन के प्रभारी महासचिव और प्रदेशों के अध्यक्ष भी शामिल होंगे.
यदि राज्यों के चुनाव की बात करें तो भाजपा महाराष्ट्र , हरियाणा और झारखंड को लेकर अंदर खाने काफी मंथन कर रही है. बीजेपी इन राज्यों में पार्टी संगठन को भी और मजबूत करना चाहती है. राजनीतिक उठापटक देखी जाए तो महाराष्ट्र के साथ-साथ हरियाणा और झारखंड में बीजेपी को कड़ी टक्कर मिलने की संभावना है. महाराष्ट्र में पूरा इंडिया गठबंधन एकजुट हैं. शिवसेना यूबीटी के मुखिया उद्धव ठाकरे हाल ही में, दो दिनों के दिल्ली दौरे पर भी आए थे, जहां उन्होंने कांग्रेस के साथ-साथ अन्य विपक्षी दलों से भी मुलाकात की थी.इसके अलावा इसी साल जम्मू कश्मीर में भी चुनाव होने वाले हैं. 370 हटने के बाद केंद्रशासित प्रदेश में ये पहला चुनाव होगा. ऐसे में इन राज्यों के चुनावों को देखते हुए भी ये बैठक खास होगी.
साल के आखिर में महाराष्ट्र हरियाणा झारखंड और केंद्र शासित राज्य जम्मू कश्मीर चारों जगह में चुनाव होने हैं. यदि देखें तो महाराष्ट्र में शिवसेना बीजेपी एनसीपी की गठबंधन वाली महायुति की सरकार है और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री हैं. वहीं हरियाणा में बीजेपी की सरकार है और नायब सिंह मुख्यमंत्री हैं जबकि झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार है और हेमंत सोरेन राज्य के सीएम है. जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद अभी तक विधानसभा चुनाव नहीं हुए हैं ऐसे में फिलहाल वहां उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ही कार्यभार देख रहे हैं. भाजपा इन राज्यों में एड़ी चोटी की अजमाइश लगा रही है.
लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद भाजपा हर मुद्दे पर फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. ऐसा करके बीजेपी यह जानने का प्रयास कर रही है कि आखिर उसकी ओर से चूक कहा हुई. पार्टी चाहती है कि ये कमी किसी भी हाल में राज्यों के चुनाव में ना रहे और जो मुद्दे लोकसभा में पार्टी और सरकार के खिलाफ उछाले गए थे जिनमे संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने जैसी बात थी, उन मुद्दों पर भी नई रणनीति बनाकर जनता के सामने सच्चाई रखी जाएगी.सूत्रों की माने तो इस बैठक से पहले राज्यों से केंद्रीय कार्यालय में रिपोर्ट और फीडबैक मंगवाई गई है.साथ ही बैठक में नेताओं के लिए भी खास निर्देश जारी किए जा सकते है.
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