कोलकाता: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि भाजपा ने मौजूदा लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से 35 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. भाजपा नेता ने कहा कि वे लोग जिन्होंने 2019 के आम चुनावों और उसके बाद के राज्य विधानसभा चुनावों पर नजर रखी है, वे ही केवल जमीनी स्तर पर उस जबरदस्त बदलाव को महसूस कर सकते हैं, जो राज्य में आम जनता के बीच देखा जा रहा है.
केंद्रीय राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि भाजपा ने 2019 में 42 लोकसभा सीटों में से 18 सीटें जीती थीं. टीएमसी को 22 सीटें मिलीं और दो कांग्रेस के पास गईं, लेकिन इस बार टेबल पलटने वाली है. उन्होंने कहा, 'भाजपा ने मौजूदा आम चुनावों में पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से 35 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है'.
सिंह ने दावा किया कि पहले के चुनावों की तरह इस बार भी ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और उसकी सरकार मतदाताओं को डराने, धमकाने या लुभाने के लिए दबाव के सभी हथकंडे अपना रही है. उन्हें यह एहसास नहीं है कि अब मतदाता पहले से कहीं अधिक दृढ़ और संकल्पवान हो गया है. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के आम मतदाता को अब अन्य राज्यों की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'विकसित भारत यात्रा' का हिस्सा नहीं बनने के नुकसान का एहसास हो गया है. वह इस पर समझौता करने के मूड में नहीं हैं, भले ही उन्हें टीएमसी कार्यकर्ताओं और उसके नेताओं द्वारा फैलाए गए आतंक के खिलाफ विद्रोही रुख अपनाने के लिए मजबूर होना पड़े.
सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के समर्थन में न सिर्फ मतदाताओं में उत्साह दिख रहा है, बल्कि मीडिया और आलोचकों की धारणा भी इस बार अलग है. उन्होंने कहा कि पहले के दो चुनावों में आम धारणा यह थी कि चुनाव टीएमसी के पक्ष में जा रहे हैं. इस बार आम धारणा यह है कि सब कुछ मोदी के पक्ष में जा रहा है. युवा मतदाताओं, खासकर पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं से बहुत उम्मीदें हैं, जिनका मोदी और उनकी युवा-अनुकूल पहलों का समर्थन करने में अपना भविष्य बड़ा दांव पर लगा है.
मंत्री ने कहा कि यह एक विडंबना है कि पिछले कई दशकों से पश्चिम बंगाल में एक भी बड़ी औद्योगिक इकाई या बहुराष्ट्रीय प्रतिष्ठान स्थापित नहीं हुआ है. ये उस क्षेत्र और उसके लोगों के लिए माफी है, जिनके बारे में एक समय कहा जाता था कि बंगाली हमेशा अन्य राज्यों से एक कदम आगे रहते हैं. उन्होंने कहा कि जहां अन्य राज्य आगे बढ़ चुके हैं जबकि पश्चिम बंगाल राज्य अभी भी संघर्ष कर रहा है.
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