नई दिल्ली: भारत के उद्योगपति गौतम अडाणी पर अमेरिक द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद आरोप-प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो गया है. पहले कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा. उसके बाद भारतीय जनता पार्टी की तरफ से पलटवार किया गया.
बीजेपी सांसद और प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉफ्रेंस में निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी के बोलने से पीएम मोदी की विश्वसनीयता पर कोई भी असर नहीं पड़ने वाला. उन्होंने आगे कहा कि राजस्थान में गहलोत सरकार थी तब सीएम ने भी अडाणी की कंपनी में निवेश किया और कर्नाटक में भी कांग्रेस की सरकार है तब भीं एक हजार करोड़ का प्रोजेक्ट अडाणी ग्रुप ऑफ कंपनी को दिया गया है. राहुल गांधी आरोप लगाने से पहले इस बात का जवाब दें.
BJP National Spokesperson Dr. @sambitswaraj addresses press conference at BJP headquarters, New Delhi. https://t.co/jWK3kni6jn
— BJP (@BJP4India) November 21, 2024
संबित पात्रा ने कहा कि आज सुबह से हम मीडिया में एक कंपनी से जुड़ा मुद्दा देख रहे हैं. उस कंपनी के खिलाफ अमेरिका में एक मामला है. आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं. हमारा स्पष्ट मानना है कि जहां तक कंपनी और उसके खिलाफ मामले का सवाल है, कंपनी खुद ही बयान जारी कर अपना बचाव करेगी. कानून अपना काम करेगा.
#WATCH | Delhi: BJP MP Sambit Patra says, " ...the entire matter is about agreements on power purchase and agreements on state distribution companies (sdcs). the distribution of electricity between us and india, there are two companies - one an indian and a us company. four indian… pic.twitter.com/xQwlyirtet
— ANI (@ANI) November 21, 2024
भाजपा सांसद ने कहा कि पूरा मामला बिजली खरीद और राज्य वितरण कंपनियों (एसडीसी) पर समझौतों का है. अमेरिका और भारत के बीच बिजली का वितरण दो कंपनियों से होता है - एक भारतीय और एक अमेरिकी कंपनी. चार भारतीय राज्यों के नाम अमेरिकी अदालत में पेश हुए. यह मामला जुलाई 2021 से फरवरी 2022 के बीच का है. उस समय छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार सत्ता में थी. आंध्र प्रदेश में उस समय वाईएसआरसीपी की सरकार थी. तमिलनाडु में डीएमके सरकार थी - आपके सहयोगी स्टालिन की. ओडिशा में बीजेडी की सरकार थी. इसलिए, दस्तावेज में जिन 4 राज्यों के नाम हैं, उनमें न तो हमारे मुख्यमंत्री थे और न ही हमारे द्वारा समर्थित सरकार थी. उन सभी में कांग्रेस और उसके सहयोगियों की सरकारें थीं. राहुल गांधी ने कहा कि अगर उनके किसी पूर्व मंत्री या नेता से पूछताछ की जाती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. राहुल गांधी, पीएम मोदी की विश्वसनीयता को कम करने का यह आपका पहला प्रयास नहीं है. आपकी मां, पार्टी और आप 2002 से ही ऐसा करने का प्रयास कर रहे हैं.
इससे पहले लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि सरकार इस मामले में कार्रवाई नहीं कर रही है. इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे. अडाणी मामले में जेपीसी जांच होनी चाहिए. राहुल ने आगे कहा कि अमेरिका में यह बात अब बिल्कुल साफ और स्थापित हो चुकी है कि अडाणी ने अमेरिकी कानून और भारतीय कानून दोनों को तोड़ा है. उन पर अमेरिका में अभियोग लगाया गया है और मैं हैरान हूं कि अडाणी अभी भी इस देश में एक स्वतंत्र व्यक्ति की तरह क्यों घूम रहे हैं.'
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