नई दिल्ली: वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने शनिवार को दावा किया कि लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के बाद से भाजपा को झटके का सामना करना पड़ा है. लोगों ने राम मंदिर के बारे में नहीं बल्कि महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों के बारे में बात करना शुरू कर दिया है.
सिब्बल ने कहा कि 'मुझे जो जानकारी मिल रही है वह यह है कि पांचवें और छठे चरण में काफी बदलाव हुए हैं. पांचवें और छठे चरण में जो तेजी है, वह पहले के चरण में नहीं थी. लोग राम मंदिर के बारे में नहीं बल्कि महंगाई, बेरोजगारी और अन्य मुद्दों के बारे में बात कर रहे हैं जिनका स्थानीय स्तर पर प्रभाव पड़ता है और इन चरणों में भाजपा को काफी नुकसान होगा.'
सिब्बल ने कहा कि 2019 के आम चुनाव में बीजेपी को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के वोटों का एक बड़ा हिस्सा मिला था लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ.
उन्होंने कहा कि 'अगर मुस्लिम, ओबीसी, एससी, एसटी और यादवों का समीकरण बनेगा तो इससे उन्हें (बीजेपी) नुकसान होगा. इसे (भाजपा का 400 पार का नारा) गंभीरता से न लें. उन्होंने मजाक बना दिया है.' लोकसभा चुनाव के छठे चरण का मतदान जारी है. इस चरण में छह राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों की 58 संसदीय सीटों के लिए मतदान हो रहा है.
लोकसभा चुनाव के छठे चरण में बिहार की आठ सीटें, हरियाणा की सभी 10 सीटें, जम्मू-कश्मीर की एक सीट, झारखंड की चार, दिल्ली की सभी सात सीटें, ओडिशा की छह, उत्तर प्रदेश की 14 और पश्चिम बंगाल की आठ सीटें शामिल हैं. कुल 889 उम्मीदवार मैदान में हैं.
छठे चरण में ओडिशा की 42 विधानसभा सीटों पर भी मतदान हुआ. राज्य में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव भी हो रहे हैं. इस चरण में दिल्ली और हरियाणा की सभी संसदीय सीटों पर मतदान हुआ.