रांची: सदन के भीतर एनडीए विधायकों के धरना का मामला राजनीतिक तूल पकड़ने लगा है. इसकी तपिश दिल्ली तक पहुंच गई है. इस लड़ाई में झारखंड बीजेपी के प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी भी कूद गए हैं. उन्होंने एक बयान जारी कर आरोप लगाया है कि विधायकों को बंधक बना लिया गया है. बिजली काट दी गई है. एसी को बंद कर दिया गया है. विधायकों को पानी तक नहीं दिया जा रहा है, उन्हें बाथरूम भी जाने नहीं दिया जा रहा है. चारों तरफ मार्शल लगा दिए गए हैं. यह लोकतंत्र की हत्या है.
लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अधूरे वादों पर जवाब की मांग की थी. लेकिन स्पीकर ने कार्यवाही को स्थगित कर दिया. इससे आहत एनडीए विधायक सदन के भीतर वेल में धरना पर बैठ गये. उन्होंने सरकार से मांग की है कि धरना पर बैठे एनडीए विधायकों को सदन से बाहर आने दिया जाए. साथ ही अनुबंध कर्मियों की मांगों को अविलंब पूरा करने की मांग की है.
दरअसल, आज भाजपा विधायक अनंत ओझा के जल जीवन मिशन से जुड़े सवाल पर सरकार के जवाब के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि वह विपक्ष के सभी सवालों का जवाब देंगे. भोजनावकाश के बाद सभा की कार्यवाही शुरू होते नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने व्यवस्था के तहत स्पीकर से आग्रह किया कि मुख्यमंत्री को कार्यवाही के अंतिम दिन जवाब देकर भागने नहीं दिया जाएगा. उन्हें तमाम वादों पर जवाब देना होगा. इस पर चर्चा होनी चाहिए. इस दौरान भाजपा विधायकों ने पूर्व में किए गए वादों से जुड़ा एक बैनर भी वेल में लहराया. हंगामे को देखते हुए स्पीकर ने सभा की कार्यवाही 1 अगस्त कोई 11:00 बजे तक स्थगित कर दी. इसी दौरान भाजपा के विधायकों के साथ आजसू के विधायक लंबोदर महतो विल में बैठ गए और घोषणा कर दी कि जब तक सीएम जवाब नहीं देते, उनका धरना जारी रहेगा.
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