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झारखंड विधानसभा चुनाव: जातीय समीकरण बनाने में जुटी BJP, रघुबर दास की हो सकती है वापसी - Jharkhand Assembly Election 2024 - JHARKHAND ASSEMBLY ELECTION 2024

BJP Preparation for Jharkhand Assembly Election 2024 : हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनाव खत्म होने से पहले ही भाजपा महाराष्ट्र और झारखंड को लेकर चुनावी मूड में आ गई है. झारखंड में सत्ता में वापसी के लिए पार्टी हर तरह से जातीय समीकरण बिठा रही है. सूत्रों की मानें तो ओडिशा के राज्यपाल और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास की जल्द ही सक्रिय राजनीति में वापसी हो सकती है. ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवादाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट.

BJP Preparation for Jharkhand Assembly Elections Caste equation Raghubar Das
27 सितंबर को भुवनेश्वर में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और सीएम मोहन चरण माझी ने ओडिशा के राज्यपाल रघुबर दास से मुलाकात की. (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 1, 2024, 9:50 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) झारखंड में बड़ी संख्या में मौजूद तेली समाज और ओबीसी वोटर्स को साधने के लिए अपनी पार्टी के इस समाज से जुड़े नेताओं को आगे ला रही है. इसी क्रम में ओडिशा के राज्यपाल और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास की जल्द ही राज्य की सक्रिय राजनीति में वापसी हो सकती है.

सूत्रों की मानें तो पिछले दो दिनों में रघुबर दास ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से अलग-अलग मुलाकात कर झारखंड की राजनीति में वापस लौटने की इच्छा जाहिर की है. हालांकि पार्टी के दोनों शीर्ष नेताओं ने रघुबर दास को कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया है.

झारखंड में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एक बड़े ओबीसी चेहरे की कमी से जूझ रही बीजेपी को अब रघुबर दास में उम्मीद नजर आ रही है.

देखें वीडियो (ETV Bharat)

पिछले दिनों झारखंड के सह-चुनाव प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी इसी क्रम में भुवनेश्वर में रघुबर दास से मुलाकात की थी. ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि इस मुलाकात में झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर विस्तृत चर्चा भी हुई थी.

हालांकि इससे पहले भी बीजेपी ऐसे प्रयोग कर चुकी है, जिसमें पार्टी तमिलिसाई सुंदरराजन और बेबी रानी मौर्य को अलग-अलग राज्यों के राज्यपाल के पद से इस्तीफा दिलवाकर पार्टी का उम्मीदवार बना चुकी है. ऐसे में रघुबर दास की इस मुलाकात के बाद भी चर्चा जोरों से है.

सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे पर चर्चा
झारखंड में विधानसभा की कुल 81 सीटें हैं. विधानसभा का कार्यकाल अगले साल जनवरी में खत्म हो रहा है. राज्य में विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा अपनी रणनीति को अब अंतिम रूप दे रही है. भाजपा नेताओं की सहयोगी दलों के साथ पिछले शुक्रवार को दिल्ली में बैठक भी हुई थी, जिसमें आजसू (ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन) और जेडीयू के बीच तालमेल और सीटों के बंटवारे पर चर्चा हुई थी.

सूत्रों के मुताबिक, जहां आजसू 11 से 12 सीटों की मांग कर रही है, वहीं जेडीयू 4 से 5 सीटें चाहती है. एनडीए में शामिल केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी और चिराग पासवान भी अपनी-अपनी पार्टी के लिए सीटों की मांग कर रहे हैं. पार्टी के बड़े नेता सीट बंटवारे पर लगातार मंथन कर रहे हैं. आने वाले कुछ दिनों में भाजपा की रणनीतिक को लेकर स्थिति साफ हो सकती है.

यह भी पढ़ें- "कांग्रेस के युवराज से क्या अपेक्षा करेंगे", 'अग्निवीर' को लेकर राहुल गांधी के बयान पर BJP का पलटवार

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) झारखंड में बड़ी संख्या में मौजूद तेली समाज और ओबीसी वोटर्स को साधने के लिए अपनी पार्टी के इस समाज से जुड़े नेताओं को आगे ला रही है. इसी क्रम में ओडिशा के राज्यपाल और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास की जल्द ही राज्य की सक्रिय राजनीति में वापसी हो सकती है.

सूत्रों की मानें तो पिछले दो दिनों में रघुबर दास ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से अलग-अलग मुलाकात कर झारखंड की राजनीति में वापस लौटने की इच्छा जाहिर की है. हालांकि पार्टी के दोनों शीर्ष नेताओं ने रघुबर दास को कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया है.

झारखंड में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एक बड़े ओबीसी चेहरे की कमी से जूझ रही बीजेपी को अब रघुबर दास में उम्मीद नजर आ रही है.

देखें वीडियो (ETV Bharat)

पिछले दिनों झारखंड के सह-चुनाव प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी इसी क्रम में भुवनेश्वर में रघुबर दास से मुलाकात की थी. ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि इस मुलाकात में झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर विस्तृत चर्चा भी हुई थी.

हालांकि इससे पहले भी बीजेपी ऐसे प्रयोग कर चुकी है, जिसमें पार्टी तमिलिसाई सुंदरराजन और बेबी रानी मौर्य को अलग-अलग राज्यों के राज्यपाल के पद से इस्तीफा दिलवाकर पार्टी का उम्मीदवार बना चुकी है. ऐसे में रघुबर दास की इस मुलाकात के बाद भी चर्चा जोरों से है.

सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे पर चर्चा
झारखंड में विधानसभा की कुल 81 सीटें हैं. विधानसभा का कार्यकाल अगले साल जनवरी में खत्म हो रहा है. राज्य में विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा अपनी रणनीति को अब अंतिम रूप दे रही है. भाजपा नेताओं की सहयोगी दलों के साथ पिछले शुक्रवार को दिल्ली में बैठक भी हुई थी, जिसमें आजसू (ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन) और जेडीयू के बीच तालमेल और सीटों के बंटवारे पर चर्चा हुई थी.

सूत्रों के मुताबिक, जहां आजसू 11 से 12 सीटों की मांग कर रही है, वहीं जेडीयू 4 से 5 सीटें चाहती है. एनडीए में शामिल केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी और चिराग पासवान भी अपनी-अपनी पार्टी के लिए सीटों की मांग कर रहे हैं. पार्टी के बड़े नेता सीट बंटवारे पर लगातार मंथन कर रहे हैं. आने वाले कुछ दिनों में भाजपा की रणनीतिक को लेकर स्थिति साफ हो सकती है.

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