सीधी। लोकसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश में बीजेपी ने कांग्रेस नेताओं को थोकबंद तरीके से पार्टी में ज्वाइन कराया. लेकिन शनिवार को बीजेपी को उस समय झटका लगा जब सीधी लोकसभा क्षेत्र के दिग्गज नेता व सांसद अजय प्रताप सिंह ने इस्तीपा दे दिया. इससे सीधी जिले की राजनीति में बड़ा परिवर्तन आ सकता है. लोकसभा सीट सीधी से टिकट नहीं मिलने से सांसद अजय प्रताप सिंह नाराज हो गए. वह इस सीट से टिकट के प्रबल दावेदार थे.
सीधी लोकसभा सीट से कर रहे थे दावेदारी
बीजेपी ने सीधी लोकसभा सीट से डॉ.राजेश मिश्रा को प्रत्याशी घोषित किया है. लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अजय प्रताप सिंह विधानसभा चुनाव के बाद से ही तैयारी कर रहे थे. सांसद ने शनिवार को एक होटल में प्रेस वार्ता कर इस्तीफे की जानकारी दी. उन्होंने यह कहा "मैं अभी किसी भी पार्टी में जाना नहीं चाहता हूं. ना ही चुनाव लड़ने की इच्छा है." उन्होंने कहा कि बीजेपी की रीति नीति से नाखुश होकर ही उन्होंने इस्तीफा देने का निर्णय लिया है.
इस्तीफा देने के बाद क्या बोले सांसद अजय प्रताप सिंह
मीडिया से चर्चा के दौरान अजय प्रताप सिंह ने कहा "आज की परिस्थितियों अनुकूल नहीं हैं. मैं फिट नहीं बैठता हूं. मेरे लिए राजनीति सेवा का भाव था. मैंने धन अर्जन के बारे में कभी नहीं सोचा. लेकिन आजकल अब कुछ भी हो सकता है. इसीलिए मेरा मन द्रवित है और मैं भारतीय जनता पार्टी के अपने सभी दायित्वों से इस्तीफा देता हूं. मेरा किसी प्रत्याशी से व्यक्तिगत विरोध नहीं है. लेकिन बीजेपी ने जिस तरीके से प्रत्याशी का चयन किया मैं उसके खिलाफ हूं. मैं थोड़ा विरोधी स्वभाव का हूं. इसलिए गलत बात बर्दाश्त नहीं करता."
राज्यसभा में फिर से उम्मीद नहीं थी और लोकसभा का टिकट मिला नहीं
बीजेपी के राज्यसभा सदस्य अजय प्रताप सिंह ने इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजा है. माना जा रहा है कि वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. बता दें कि बीजेपी ने इन्हे राज्यसभा का टिकट दिया था लेकिन इस बार इनको लग रहा था कि पार्टी राज्यसभा नहीं भेजेगी. इस प्रकार कहीं से भी प्रतिनिधत्व का मौका नहीं मिलेगा. लिहाजा पार्टी से नाराज होकर बगावत का ऐलान कर दिया.
ये खबरें भी पढ़ें... |
लिव-इन रिलेशनशिप पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी
सूत्रों के मुताबिक अजय सिंह की किडनी समस्या हुई थी. जिसके बाद वे सालों इलाज कराते रहे. अब कुछ दिनों से वे सक्रिय दिखाई दे रहे हैं. अजय प्रताप उस समय चर्चा में आए थे, जब पिछले साल उन्होंने लिव-इन रिलेशनशिप पर प्रतिबंध लगाने की जोरदार अपील की थी. अजय प्रताप सिंह 15 मार्च 2018 को मध्य प्रदेश से राज्यसभा में सीट हासिल की. इससे पहले उन्होंने भाजपा मध्य प्रदेश संगठन के महासचिव, उपाध्यक्ष और सचिव के रूप में कार्य किया. 2011 में इन्हे विंध्य विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष (कैबिनेट मंत्री) भी बनाया गया था.