रांचीः विधानसभा चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी बंगलादेशी घुसपैठ का मुद्दा इन दिनों प्रमुखता से उठाने में जुटी है. संथाल की डेमोग्राफी बदलने का मुद्दा अभी चल ही रहा था कि बीजेपी ने पूरे झारखंड में तेजी से बंगलादेशी घुसपैठ होने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से लिखित शिकायत की है.
मंगलवार को बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश प्रसाद के नेतृत्व में चुनाव आयोग पहुंचे शिष्टमंडल ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान राज्य के विधानसभा क्षेत्रों में अप्रत्याशित रूप से मतदाताओं की संख्या में हुई वृद्धि पर चिंता जताते हुए जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से मुस्लिम क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है, इसकी जांच होनी चाहिए कि आखिर फर्जी दस्तावेज के आधार पर कैसे लोग वोटर बन गए. अमूमन पांच वर्षों में मतदाताओं की संख्या में 15 से 20 फीसदी तक वृद्धि होती है, मगर इस बार यह देखा गया है कि किसी किसी बूथ में 136 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है.
500 से अधिक पेज का बीजेपी ने सर्वे रिपोर्ट सौंपी
भारतीय जनता पार्टी के द्वारा चुनाव आयोग को 500 पृष्ठों की सर्वे रिपोर्ट सौंपा गया है. इस रिपोर्ट में पार्टी ने राज्य के 10 विधानसभा क्षेत्र में कराए गए सर्वे के आधार पर वैसे मतदान केंद्रों की सूची सौंपी है, जहां अप्रत्याशित रूप से मतदाताओं की वृद्धि हुई है. जिन विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या में वृद्धि का दावा किया गया है, उसमें राजमहल, बरहेट, पाकुड़, महेशपुर, जामताड़ा, मधुपुर, मझगांव, हटिया, बिशुनपुर और लोहरदगा शामिल हैं.
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश प्रसाद ने कहा कि राजमहल के 168 नंबर बूथ पर 20 से 123.74% तक मतदाताओं की वृद्धि हुई है. वहीं बरहेट में 114 नंबर मतदान केंद्र पर 20 से 57.72% तक की वृद्धि हुई है. हटिया में बूथ नंबर 163 जहां 20 से 136.58% तक की वृद्धि हुई है. इसी तरह से मधुपुर में बूथ नंबर 225 पर 20% से 117.62% तक की वृद्धि हुई है. जामताड़ा में बूथ नंबर 123 पर 20% से 68.85% तक की वृद्धि देखी जा रही है.
उन्होंने कहा कि यह 10 विधानसभा क्षेत्र तो एक बानगी है. पूरे झारखंड के अति संवेदनशील बूथों पर जांच कराई जाए तो एक सोची समझी योजना के तहत डेमोग्राफी बदलने का षड़यंत्र है. इसमें कहीं ना कहीं विदेशी घुसपैठ या जो वर्तमान में राज्य सरकार के इशारे पर प्रशासनिक अवसरों पर दबाव डालकर मतदाता सूची में नाम अंकित कराया गया है, उनके लिए अवैध रूप से अन्य जरूरी प्रमाण पत्र भी उपलब्ध कराया गया है, जिससे इनका नाम मतदाता सूची में दर्ज हो पाए.
वैसे नाम जो मतदाता सूची में अवैध रूप से दर्ज कराए गए हैं उनको आरपी एक्ट 1950 की धाराओं के आलोक में हटाया जाए. भारतीय जनता पार्टी के शिष्टमंडल द्वारा की गई शिकायत पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने जांच का आश्वासन देते हुए कहा कि जो भी गलत आधार पर मतदाता सूची में नाम दर्ज कराए होंगे उनका नाम हटेगा.
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