मेरठ: भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रामायण सीरियल के 'राम' अरुण गोविल ने मतदान के तुरंत बाद मेरठ में किराए पर लिए बंगले को खाली कर दिया. इसके बाद रातों रात बिना किसी से मिले ही मायानगरी मुंबई अपने घर चले गये हैं. भाजा ने इस बार तीन बार के सांसद राजेंद्र अग्रवाल का टिकट काटकर अरुण गोविल को प्रत्याशी बनाया था. जिसके बाद 26 मार्च को पहली बार अरुण गोविल मेरठ पहुंचे थे और यहां किराए पर बंगला लेकर पत्नी के साथ रह रहे थे. इसके साथ ही चुनाव प्रचार में जुटे हुए थे.
शुक्रवार को चुनाव के दौरान 6:00 बजे के बाद भारतीय जनता पार्टी के साकेत स्थित कार्यालय पर पार्टी के सांसद समेत भाजपा के वह तमाम कार्यकर्ता मौजूद थे, जिन्होंने अरुण गोविल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उनका प्रचार किया. लेकिन अरुण गोविल का घंटों बाद भी नहीं, सब इंतजार करते रह गए. नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर भाजपा के एक नेता ने बताया कि सभी को उम्मीद थी कि अरुण गोविल उन सभी कार्यकर्ताओं व नेताओं से जरूर मिलेंगे, जिन्होंने उनके लिए दिन रात एक करके प्रचार में उनका साथ दिया. बल्कि वह मतदान समाप्त होने के बाद कुछ ही घंटों में किराए पर लिए गये मेरठ कैंट के बंगला नंबर 244 से चले गये, उससे कार्यकर्ताओं में उदासी है. मेरठ के कैंट क्षेत्र सर्कुलर रोड में जिस बंगले में वह रह रहे थे, उसकी सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों ने बताया कि अरुण गोविल अपनी पत्नी श्रीलेखा के साथ मुंबई वापस चले गए हैं. बीजेपी के नेताओं ने बताया कि सभी ने उनके लिए मेहनत की थी, नतीजे भी सकारात्मक ही होंगे.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं अरुण गोविल के समर्थन में प्रचार करने पहुंचे थे. यहीं नहीं सीएम योगी ने गोविल को जीत दिलाने के लिए पांच बार मेरठ में जनसभा कर माहौल बनाया था. राजनैतिक पंडितों की मानें तो मेरठ में माना जा रहा था कि मुकाबला त्रिकोणीय होगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. यह माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी में कांटे की टक्कर है. गौरतलब है कि भाजपा ने जहां अरुण गोविल पर दांव लगाया था, वहीं समाजवादी पार्टी ने यहां से सुनीता वर्मा को प्रत्याशी बनाया था, जबकि बहुजन समाज पार्टी ने देवव्रत त्यागी को इस बार चुनावी रण में उतारा था.
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