रायपुर: मोदी मंत्रिमंडल में बिलासपुर सांसद तोखन साहू को शहरी विकास राज्य मंत्री बनाया गया है. तोखन साहू को प्रधानमंत्री मोदी ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. तोखन साहू को लेकर सियासी हलकों में पहले से ही कयास लगाया जा रहा था कि उनको पीएम मोदी बड़ी जिम्मेदारी देने वाले हैं. दिल्ली से जब उनको फोन आया तो ये साफ हो गया कि उनको मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा. तोखन साहू साल 2013 में पहली बार विधायक चुने गए. 2024 में वो पहली बार सांसद बने. सांसद बनते ही उनको मंत्रिमंडल में शामिल होने का मौका मिल गया.
''तोखन साहू को जो जिम्मेदारी दी गई है वो उनकी कार्यक्षमता को दिखाता है. तोखन साहू को मंत्रिमंडल में जगह दी गई ये छत्तीसगढ़ के सम्मान की बात है. अपने अनुभव और कार्यक्षमता की बदौलत वो जनता के हित में बेहतर काम करेंगे. छत्तीसगढ़ और देश के विकास में हमेशा अपना योगदान देते रहेंगे. पूरी छत्तीसगढ़ की जनता की और से मैं पीएम मोदी को धन्यवाद देता हूं.'' - विष्णु देव साय, मुख्यमंत्री
बिलासपुर से हासिल की थी बड़ी जीत: बिलासपुर लोकसभा सीट से तोखन साहू ने बड़ी जीत हासिल की है. तोखन साहू ने 1 लाख 64 हजार से ज्यादा वोटों से कांग्रेस प्रत्याशी को हराया. तोखन साहू के सामने कांग्रेस के दिग्गज नेता देवेंद्र यादव मैदान में रहे. तोखन साहू ने ग्रास रुट लेवल पर काम करते हुए कार्यकर्ताओं को एकजुट किया. चुनाव के दौरान वो गांव गांव घूमते रहे. संगठन से लेकर बूथ स्तर तक मेहनत की. उनकी मेहनत का ही नतीजा रहा कि उन्होने डेढ़ लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की. ओबीसी समाज से आने वाले तोखन साहू को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने बीजेपी को आने वाले वक्त में काफी फायदा मिलेगा.
तोखन साहू का राजनीतिक सफर: तोखन साहू ने पंच पद से अपने सफर की शुरुआत की. उसके बाद वो साल 2013 में लोरमी से विधायक चुने गए. विधायक चुने जाने के बाद वो बीजेपी में कई पदों पर भी रहे. सत्ता से लेकर संगठन तक में काम किया. रमन सिंह सरकार के दौरान वो संसदीय सचिव भी रहे. पार्टी ने उनकी प्रतिभा को देखते हुए इस बार बड़ी जिम्मेदारी से नवाजा है.
कौन हैं तोखन साहू
- बिलासपुर लोकसभा सीट से बड़ी जीत हासिल की.
- देवेंद्र यादव को डेढ़ लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया.
- तोखन साहू कभी विवादों में नहीं रहे, कोई आपराधिक मामला भी दर्ज नहीं हैं
- साल 1994 में राजनीति में कार्यकर्ता के तौर पर एंट्री की.
- पंच पद से राजनीति में पैर जमाना शुरु किया.
- योग्यता को देखते हुए पार्टी ने कई बड़ी जिम्मेदारियां दी.
- रमन सिंह के शासन काल में 2015 में संसदीय सचिव बने.
- 2013 में बिलासपुर के लोरमी से विधायक बने.