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बिहार में गांव की जमीन पर सुन्नी वक्फ ने बोर्ड लगाकर ठोका दावा, लिखा- 'ये संपत्ति हमारी है, 30 दिन में खाली करो' - Bihar State Sunni Waqf Board

Waqf Board Claimed Land Of Hindus: पटना में बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड का अजीबोगरीब खेला सामने आया है. वक्फ बोर्ड ने गोविंदपुर गांव में एक बोर्ड लगाकर उक्त जमीन पर दावा ठोका है और तीस दिन में जमीन खाली करने को कहा है. वहीं नोटिस मिलने के बाद सात जमीन मालिकों ने पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. जमीन मालिकों का कहना है कि कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला दिया है लेकिन बोर्ड अभी तक हटाया नहीं गया है.

Bihar State Sunni Waqf Board
बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 29, 2024, 5:51 PM IST

Updated : Aug 29, 2024, 6:36 PM IST

बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड का खेला (ETV Bharat)

पटना: वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जारी विवाद अभी तक शांत नहीं हुआ है. वहीं वक्फ बोर्ड के एक और मामले को लेकर विवाद गहराने की पूरी संभावना बन रही है. दरअसल पटना से महज तीस किलोमीटर दूर स्थित फतुहा के गोविंदपुर गांव में बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड का अजीबोगरीब कारनामा सामने आया है.

वक्फ बोर्ड ने इस गांव की जमीन पर ठोका दावा: बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड ने गोविंदपुर गांव की कुछ जमीन के बोर्ड की जमीन होने का दावा किया है. वक्फ बोर्ड ने इसको लेकर उक्त जमीन पर एक बोर्ड लगा दी है और जमीन पर रह रहे लोगों को एक महीने के अंदर जमीन खाली करने का आदेश दिया है. वक्फ बोर्ड द्वारा लगाए गए इस बोर्ड में लिखा है कि यह सम्पति बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड की है. वक्फ सम्पति की खरीद-बिक्री या किसी तरह अतिक्रमण वक्फ अधिनियम 1995 (2013) की धारा 15 (a)(2) के तहत गैर जमानती अपराध है.

Bihar State Sunni Waqf Board
गोविंदपुर गांव के सात लोगों के पास पहुंचा नोटिस (ETV Bharat)

30 दिन में खाली करने का नोटिस: बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड का गोविंदपुर गांव पर दावा किया जा रहा है. यहां के रहने वाले सात लोगों को नोटिस दिया गया है और उनसे कहा गया है कि जिस जमीन पर वे रह रहे हैं, वह वक्फ की है और उसे खाली कर दें. इन लोगों को जमीन खाली करने के लिए 30 दिनों का समय दिया गया है. उन सात लोगों का कहना है कि उनके दादा-परदादा के जमाने से उक्त भूमि का खतियान है. फिर यह उनका न होकर वक्फ बोर्ड का कैसे हुआ? गोविंदपुर गांव के रहने वाले खतियान वंशज बृजेश बल्लभ प्रसाद, राजकिशोर मेहता, रामलाल साव, मालती देवी, संजय प्रसाद, सुदीप कुमार और सुरेंद्र विश्वकर्मा के पास बिहार राज्य सुन्नी बोर्ड का नोटिस आया है.

"हमारे पूर्वज इस जमीन पर रहा करते थे. पीढ़ी दर पीढ़ी ही इस जमीन पर हम लोग काबिज हैं, लेकिन कुछ दिन पूर्व बोर्ड के कुछ लोगों ने रात को जमीन पर अपना बोर्ड लगा दिया और अपना होने का दावा कर रहे हैं. बोर्ड ने जमीन खाली करने का आदेश दिया है."- विरजु, स्थानीय

Bihar State Sunni Waqf Board
पीड़ितों ने पटना हाईकोर्ट का खटखटाया दरवाजा (ETV Bharat)

सुन्नी वक्फ बोर्ड के तुगलकी फरमान के बाद से गोविंदपुर गांव के हिंदू परिवार दहशत में है. पीड़ित कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए पटना हाईकोर्ट पहुंच गए. वहीं पीड़ित परिवारों ने बताया कि कोर्ट से हमें राहत मिली है. फिर भी बोर्ड ने जबरदस्ती अपना बोर्ड लगाकर रखा है.

"खतियान का कागज सब सही है. कोर्ट गए और डिग्री भी हुआ. बबलू मियां जमीन खाली करवाने के लिए जबरदस्ती कर रहे हैं."- सोहन महतो, स्थानीय

जमीन हथियाने का आरोप: वहीं इस आदेश को लेकर वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष इरशादुल्लाह ने कहा कि यह जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड की है. वहीं बिहार सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष इरशादुल्लाह ने कहा कि यह जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड की है, पूर्व में इस जमीन पर श्मशान काबिज था, लेकिन बाद में कुछ परिवारों ने इसे अतिक्रमित कर अपना बोल दिया. वहीं दूसरी ओर पीड़ित परिवारों ने कहा कि इस जमीन पर शमशान नाम का कोई चीज नहीं थी. फिलहाल पीड़ित परिवार न्यायालय का दरवाजा खटखटा रहे हैं.

Bihar State Sunni Waqf Board
वक्फ बोर्ड ने गोविंदपुर गांव की जमीन पर ठोका दावा (ETV Bharat)

"पहले ये ओरल (मौखिक) होता था. कब्रिस्तान कोई रजिस्टर्ड नहीं होता था. श्मशान के लिए लोग मौखिक रूप से जमीन दे दिया करते थे. मस्जिद बनाने के लिए भी ओरल ही जमीन दे दी जाती थी. वक्फ बाई बिल होता है, वक्फ बाई डीड होता है. वक्फ बाई यूजर भी होता है. ओरल तौर पर दी गई जमीन की कोई डीड नहीं है."- इरशादउल्लाह, चेयरमैन, सुन्नी वक्फ बोर्ड

वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर जारी है विवाद: वक्फ बोर्ड के नोटिस से पूरे इलाके के लोग परेशान हैं. वहीं बोर्ड पूरे गोविंदपुर गांव पर अपना दावा पेश कर रहा है. खाता नंबर 128, 130, खसरा नंबर 199, 219, 217 बताया जाता है. बता दें कि केंद्र सरकार ने बीते दिनों लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक को पेश किया था, लेकिन विपक्ष ने इसका जबरदस्त विरोध किया. उसके बाद सरकार ने संधोधन विधेयक को समीक्षा के लिए जेपीसी के पास भेज दिया है. जेपीसी की अध्यक्षता बीजेपी नेता और डुमरियागंज के सांसद जदगंबिका पाल कर रहे हैं.

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बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड का खेला (ETV Bharat)

पटना: वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जारी विवाद अभी तक शांत नहीं हुआ है. वहीं वक्फ बोर्ड के एक और मामले को लेकर विवाद गहराने की पूरी संभावना बन रही है. दरअसल पटना से महज तीस किलोमीटर दूर स्थित फतुहा के गोविंदपुर गांव में बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड का अजीबोगरीब कारनामा सामने आया है.

वक्फ बोर्ड ने इस गांव की जमीन पर ठोका दावा: बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड ने गोविंदपुर गांव की कुछ जमीन के बोर्ड की जमीन होने का दावा किया है. वक्फ बोर्ड ने इसको लेकर उक्त जमीन पर एक बोर्ड लगा दी है और जमीन पर रह रहे लोगों को एक महीने के अंदर जमीन खाली करने का आदेश दिया है. वक्फ बोर्ड द्वारा लगाए गए इस बोर्ड में लिखा है कि यह सम्पति बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड की है. वक्फ सम्पति की खरीद-बिक्री या किसी तरह अतिक्रमण वक्फ अधिनियम 1995 (2013) की धारा 15 (a)(2) के तहत गैर जमानती अपराध है.

Bihar State Sunni Waqf Board
गोविंदपुर गांव के सात लोगों के पास पहुंचा नोटिस (ETV Bharat)

30 दिन में खाली करने का नोटिस: बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड का गोविंदपुर गांव पर दावा किया जा रहा है. यहां के रहने वाले सात लोगों को नोटिस दिया गया है और उनसे कहा गया है कि जिस जमीन पर वे रह रहे हैं, वह वक्फ की है और उसे खाली कर दें. इन लोगों को जमीन खाली करने के लिए 30 दिनों का समय दिया गया है. उन सात लोगों का कहना है कि उनके दादा-परदादा के जमाने से उक्त भूमि का खतियान है. फिर यह उनका न होकर वक्फ बोर्ड का कैसे हुआ? गोविंदपुर गांव के रहने वाले खतियान वंशज बृजेश बल्लभ प्रसाद, राजकिशोर मेहता, रामलाल साव, मालती देवी, संजय प्रसाद, सुदीप कुमार और सुरेंद्र विश्वकर्मा के पास बिहार राज्य सुन्नी बोर्ड का नोटिस आया है.

"हमारे पूर्वज इस जमीन पर रहा करते थे. पीढ़ी दर पीढ़ी ही इस जमीन पर हम लोग काबिज हैं, लेकिन कुछ दिन पूर्व बोर्ड के कुछ लोगों ने रात को जमीन पर अपना बोर्ड लगा दिया और अपना होने का दावा कर रहे हैं. बोर्ड ने जमीन खाली करने का आदेश दिया है."- विरजु, स्थानीय

Bihar State Sunni Waqf Board
पीड़ितों ने पटना हाईकोर्ट का खटखटाया दरवाजा (ETV Bharat)

सुन्नी वक्फ बोर्ड के तुगलकी फरमान के बाद से गोविंदपुर गांव के हिंदू परिवार दहशत में है. पीड़ित कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए पटना हाईकोर्ट पहुंच गए. वहीं पीड़ित परिवारों ने बताया कि कोर्ट से हमें राहत मिली है. फिर भी बोर्ड ने जबरदस्ती अपना बोर्ड लगाकर रखा है.

"खतियान का कागज सब सही है. कोर्ट गए और डिग्री भी हुआ. बबलू मियां जमीन खाली करवाने के लिए जबरदस्ती कर रहे हैं."- सोहन महतो, स्थानीय

जमीन हथियाने का आरोप: वहीं इस आदेश को लेकर वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष इरशादुल्लाह ने कहा कि यह जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड की है. वहीं बिहार सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष इरशादुल्लाह ने कहा कि यह जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड की है, पूर्व में इस जमीन पर श्मशान काबिज था, लेकिन बाद में कुछ परिवारों ने इसे अतिक्रमित कर अपना बोल दिया. वहीं दूसरी ओर पीड़ित परिवारों ने कहा कि इस जमीन पर शमशान नाम का कोई चीज नहीं थी. फिलहाल पीड़ित परिवार न्यायालय का दरवाजा खटखटा रहे हैं.

Bihar State Sunni Waqf Board
वक्फ बोर्ड ने गोविंदपुर गांव की जमीन पर ठोका दावा (ETV Bharat)

"पहले ये ओरल (मौखिक) होता था. कब्रिस्तान कोई रजिस्टर्ड नहीं होता था. श्मशान के लिए लोग मौखिक रूप से जमीन दे दिया करते थे. मस्जिद बनाने के लिए भी ओरल ही जमीन दे दी जाती थी. वक्फ बाई बिल होता है, वक्फ बाई डीड होता है. वक्फ बाई यूजर भी होता है. ओरल तौर पर दी गई जमीन की कोई डीड नहीं है."- इरशादउल्लाह, चेयरमैन, सुन्नी वक्फ बोर्ड

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Last Updated : Aug 29, 2024, 6:36 PM IST
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