सुपौल: 'हमें बचा लीजिए. एक छोटे से कमरे में लगभग 24 मजदूरों को बंद करके रखा गया है और स्थानीय लोग जाने के लिए कह रहे हैं. हमें जान से मारने की धमकी दी जा रही है.' यह गुहार लगा रहे हैं बिहार के मजदूर जो किर्गिस्तान में फंसे हैं और अपने वतन वापस आना चाहते हैं.
किर्गिस्तान में फंसे बिहारी मजदूर: किर्गिस्तान में हो रहे दंगे के बीच भारत के कई मजदूर वहां फंसे हुए हैं और सरकार से वतन वापसी की गुहार लगा रहे हैं. इन मजदूरों में सुपौल जिला अंतर्गत प्रतापगंज प्रखंड के भवानीपुर दक्षिण पंचायत का एक युवक भी शामिल है, जिसने एक वीडियो जारी कर बताया कि लगभग 24 बिहारी मजदूर वहां फंसे हुए हैं.
सुपौल के युवक ने वीडियो जारी कर लगाई मदद की गुहार: दरअसल, भवानीपुर दक्षिण पंचायत के वार्ड 01 निवासी मो रब्बान का 21 वर्षीय पुत्र मो इजराइल 10 महीने पहले ही मजदूरी के लिए किर्गिस्तान गया था. वह किसी कपड़े की फैक्ट्री में टेलरिंग का काम करता था. वीडियो में इजराइल बता रहा है कि 13 मई से ही किर्गिस्तान में तनाव का माहौल है. हालांकि इस बीच भी उसका काम जारी रहा.
1 छोटे से कमरे में 24 मजदूर: 18 मई को अचानक माहौल ज्यादा बिगड़ गया. इसके बाद कंपनी के लोगों ने इजराइल सहित करीब दो दर्जन मजदूरों को एक कमरे में शिफ्ट कर दिया. कंपनी की ओर से उपलब्ध कराए गए उस कमरे में भोजन पानी का भी इंतजाम किया गया है. समस्या यह है कि कंपनी के लोग भी ज्यादा दिनों तक तनाव रहने की स्थिति में उनका साथ नहीं दे पाएंगे. सोमवार की देर रात इजराइल ने स्थानीय वार्ड सदस्य सादिक अंसारी और पंसस प्रतिनिधि सुशील नांग उर्फ बौआ नांग सहित परिजनों से संपर्क साधा.
'भारतीय उच्चायोग से नहीं मिल रही सहायता': इजराइल ने एक वीडियो संदेश भी जारी किया है. जिसमें एक ही कमरे में दो दर्जन से ज्यादा मजदूर नजर आ रहे हैं. वीडियो में इजराइल यह दावा कर रहा है कि हालात बिगड़ने के बाद वहां कमरे में मौजूद मजदूरों ने किर्गिस्तान में भारतीय उच्चायोग से भी संपर्क साधा. हालांकि वहां से भी मजदूरों को कोई मदद नहीं मिली.
"किर्गिस्तान में हम सब भारतीय फंसे हुए हैं. एंबेसी से कोई मदद नहीं मिल रही है. हमें एंबेसी से जवाब दिया जा रहा है कि क्या आप हमसे पूछ कर आए थे. कई लोगों को मारा गया है."- मोहम्मद इजराइल, किर्गिस्तान में फंसे सुपौल के मजदूर
किर्गिस्तान में फंसे मजदूरों के नाम: कमरे में मौजूद मजदूरों में सुपौल के इजराइल सहित छपरा जिला के एमडी मोहम्मद, उतर प्रदेश स्थित माऊ के बृजेश, दरभंगा जिला के सुनील, मोतिहारी जिला के आरिफ, पूर्णिया जिला के इरफान, सीतामढ़ी जिला के बैदेही और शिव पूजन, किशनगंज जिला के मकसूद और अंसार सहित अन्य लोग शामिल हैं.
"बिहार के बेतिया से हम दोनों हैं. प्रशासन के सामने हमें मारा गया. हमारे मालिक भी वहां थे. फौजी वाले आए तब हम किसी तरह से बचे."- किर्गिस्तान में फंसे मजदूर
"मेरा सीटी स्कैन हुआ है. नाक की हड्डी फ्रैक्चर हो गई है. बिहार,राजस्थान से हैं हम. हमें कोई सहायता नहीं दी जा रही है. यहां की एंबेसी हमारी बात नहीं सुन रही है. अब हम किस पर भरोसा करेंगे."- किर्गिस्तान में फंसे मजदूर
इजराइल परिवार का पहला विदेश जाने वाला शख्स: किर्गिस्तान में फंसा इजराइल अपने परिवार से विदेश जाने वाला पहला शख्स है. उसके पिता मो रब्बान गांव में ही राजमिस्त्री का काम करते हैं. पांच भाई-बहनों में इजराइल बड़ा है. उससे छोटा भाई मो जिब्राइल जयपुर में मजदूरी करता है.जबकि अन्य दो बहन और एक भाई पढ़ाई करते हैं.
परिजनों को सता रहा अनहोनी का डर: इजराइल के विदेश में फंसे होने की खबर मिलने के बाद उसकी मां सबिला खातून सहित अन्य परिजनों को उसकी चिंता सताने लगी है. परिजन सरकार से उसके वतन वापसी के लिए सरकार से पहल की अपील कर रहे हैं. कुछ मजदूरों की पिटाई भी गई है, वे जख्मी है. उनलोगों का मोबाइल और पैसे भी छीन लिए गए हैं. सभी भारतीय मजदूर काफी डरे व सहमे हुए हैं.
'जिला प्रशासन हरसंभव मदद करेगी'-DM: वहीं मामला सामने आने के बाद सुपौल के डीएम कौशल कुमार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि 'परिजन इंडियन एंबेसी से संपर्क करें, जिला प्रशासन हरसंभव मदद करेगी.'
क्या है पूरा मामला?: किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में विदेशी छात्रों से मारपीट का मामला सामने आया है. दरअसल 13 मई को मिस्र की छात्राओं के साथ छेड़छाड़ का एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसके बाद राजधानी बिश्केक में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले विदेशी छात्रों के हॉस्टल पर स्थानीय छात्रों ने हमला कर दिया. कुछ विदेशी और स्थानीय लोगों के बीच झड़प की घटना हुई. भीड़ ने विदेशी छात्रों के हॉस्टल को निशाना बनाया. स्थानीय छात्र लड़कियों के साथ छेड़खानी का विरोध कर रहे थे.
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