पटना : बिहार वासियों को किस तरह से सुविधा प्रदान की जाए, इसको लेकर राज्य सरकार तत्पर दिखाई पड़ती है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि केन्द्र के फैसले के बाद बिहार ने लागू करने में जरा भी देरी नहीं की. बिहार देश का पहला राज्य बना है जिसने इसको लागू कर दिया है.
प्लेटफॉर्म टिकट पर 5 प्रतिशत जीएसटी कटौती : बिहार में जो प्लेटफॉर्म टिकट आपको 10 रुपये में खरीदना पड़ता था, अब उसपर आपको राज्य जीएसटी खर्च नहीं करना पड़ेगा. 5 प्रतिशत जीएसटी कटौती के साथ बिहार में प्लेटफॉर्म टिकट अब 9 रुपये में मिलेगा.
'जब लागू होगा तब ना..' : रेलयात्री मनोज कुमार ने बताया कि, ''सरकार की तरफ से यह फैसला लिया गया है, यह अच्छी पहल है लेकिन लागू नहीं हुआ है. जब लागू होगा, सुविधा लोगों को मिलने लगेगी तब इसके बेनिफिट से रेल यात्री लाभान्वित होंगे.''
जानिए कितना खर्च करना पड़ेगा : प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत 10 रुपये होती है. 10 रुपये का 5 फीसदी 50 पैसा होता है. यानी अगर प्लेटफॉर्म टिकट से जीएसटी शुल्क हटा दें तो फिर यह 9 रुपये 50 पैसे में मिलेगी. चूंकि 50 पैसे का चलन खत्म हो गया है. ऐसी स्थिति में टिकट 9 रुपये में ही मिलेगा.
डॉरमेट्री वेटिंग रूप और क्लॉक रूम में भी लाभ : दरअसल, विगत दिनों केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी हटाने पर फैसला लिया गया था. जिसपर बिहार सरकार ने मुहर लगा दी है. सिर्फ प्लेटफॉर्म टिकट से ही जीएसटी नहीं हटाया गया है, बल्कि डॉरमेट्री वेटिंग रूप और क्लॉक रूम को भी जीएसटी से मुक्त किया गया है.
''समाचार के माध्यम से यह जानकारी प्राप्त हुई है. इस संबंध में आधिकारिक रूप से जो भी दिशा निर्देश आएगा, उसका पालन किया जाएगा. जीएसटी काउंसिल में अभी यह फैसला लिया गया है, उसके बाद रेलवे बोर्ड की तरफ से इस संबंध में दिशा निर्देश का इंतजार है. निश्चित रूप से इस फैसले से रेल यात्रियों का आर्थिक बोझ कम होगा और प्लेटफॉर्म टिकट के दर में रियायत मिलने से आम जनता को काफी फायदा होगा.''- सरस्वती चंद्र, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पूर्व मध्य रेल
'सरकार का फैसला सराहनीय' : रेल यूनियन के सदस्य एके शर्मा ने बताया कि, सरकार ने प्लेटफार्म टिकट पर लगने वाले जीएसटी को हटा दिया है. इससे वैसे लोगों को फायदा होगा जो अपने परिवार वालों को छोड़ने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंचते हैं. सरकार का यह फैसला सराहनीय है.
50 रुपये तक हो गया था दाम : बता दें कि अपने परिजनों को ट्रेन में छोड़ने या उनको लाने के लिए लोगों को 50 रुपये तक खर्च करने पड़ते थे. कोरोना के वक्त लोगों की भीड़ स्टेशन से कम करने के लिए ऐसा फैसला लिया गया था. हालांकि स्थिति सामान्य होने के बाद उसे 10 रुपये कर दिया गया. वैसे कुछ साल पहले तक प्लेटफॉर्म टिकट 5 रुपये में मिला करते थे.
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