रामपुर: आचार संहिता उल्लंघन के मामले में रामपुर की पूर्व सांसद और फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा को बड़ी राहत मिली है. एमपी एमएलए कोर्ट ने जयाप्रदा को साक्ष्य के अभाव में दोष मुक्त कर दिया है. फैसला सुनाए जाने के दौरान जयाप्रदा भी कोर्ट में मौजूद थीं. बाहर निकल कर जयाप्रदा ने कोर्ट का धन्यवाद किया. साथ ही साथ उन्होंने चुनाव लड़ने की भी इच्छा जाहिर की. कहा कि भाजपा शीर्ष नेतृत्व का फैसला होगा तो चुनाव भी लडूंगी. इसके साथ ही जया के मुरादाबाद की कंदरकी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा शुरू हो गई है.
जयाप्रदा के अधिवक्ता अरुण प्रकाश सक्सेना ने मीडिया को बताया कि जयाप्रदा नाहटा ने 2019 में लोकसभा का चुनाव लड़ा था. इसी दौरान उनकी रैलियां और रोड शो भी हुए थे. स्वार क्षेत्र के ग्राम नूरपुर में उड़न दस्ते के प्रभारी ने एक एफआईआर लिखवाई थी. इसमें कहा गया था कि एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें जयाप्रदा द्वारा एक सड़क का उद्घाटन किया गया है. ये आचार संहिता का उल्लंघन है, इसलिए मुकदमा दर्ज किया जाए. इसी मुकदमे को लेकर आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. बुधवार को कोर्ट ने जयाप्रदा को आचार संहिता उल्लंघन के मामले में साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. सुनवाई के दौरान जया प्रदा भी कोर्ट में मौजूद रहीं, जिसके बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है.
वहीं, कोर्ट से बाहर निकलकर जयाप्रदा मीडिया से रूबरू हुईं. जयाप्रदा ने न्यायालय का आभार जताया. कहा, '2019 में एक फेक वीडियो वायरल किया गया था. उस पर केस दर्ज हुआ था. आज लड़ते-लड़ते इस मुकाम पर पहुंचे हैं. कहा कि मुझे रामपुर से चुनाव लड़ने से रोकने के लिए यह सारी चीज प्लांटेड थी. आज मैं बहुत खुश हूं. अदालत ने मुझे बरी किया है. मैं रामपुर की जनता का और अपने एडवोकेट का धन्यवाद देना चाहती हूं. कहा कि रामपुर आती रहूंगी और रामपुर वालों की सेवा करूंगी'.
फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा ने अपने विरोधियों पर पर कहा जिन लोगों ने मेरे खिलाफ षड्यंत्र कर मुझे चुनाव लड़ने से रोका, समय आने पर उनको जवाब दूंगी. वहीं मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से उपचुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि शीर्ष नेतृत्व जो भी निर्णय लेगा, उसके हिसाब से होगा.
बता दें कि इससे पहले आचार संहिता उल्लंघन के एक और केस में वह बरी हो चुकी हैं. केमरी थाने में 2019 में ही सपा नेता आजम खां के खिलाफ आपत्तिजनक भाषण देने के आरोप में उनपर मामला दर्ज हुआ था. इसमें कोर्ट ने गवाह के अभाव में उन्हें बरी कर दिया था. जिसके बाद दूसरे आचार संहिता उल्लंघन मामले में जयाप्रदा को राहत दी है.
जया का राजनीतिक करियर
- फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा 2004 में समाजवादी पार्टी में शामिल हुईं और रामपुर से लोकसभा का चुनाव सपा से लड़ा.
- जयाप्रदा ने कांग्रेस की बड़ी नेता और प्रत्याशी बेगम नूर बानो को पराजित किया.
- साल 2009 में दोबारा लोकसभा चुनाव हुआ, इस बार भी आजम की नाराजगी के बावजूद सांसद बनीं
- साल 2014 में जयाप्रदा लोकसभा का चुनाव रामपुर की जगह बिजनौर से आरएलडी के टिकट पर लड़ीं, हार गईं.
- वर्ष 2019 में जयाप्रदा भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुईं.
- रामपुर में विधानसभा चुनाव में जयाप्रदा भारतीय जनता पार्टी से आकाश सक्सेना का चुनाव प्रचार प्रसार करती नजर आईं.
कभी आजम का था समर्थन : फिल्म अभिनेत्री और रामपुर की पूर्व सांसद जयाप्रदा को कभी आजम खान का समर्थन था. 2004 में समाजवादी पार्टी में शामिल होने के बाद जब उनको रामपुर से लोकसभा का टिकट दिया गया तो उस वक्त आजम खान का उनको समर्थन प्राप्त था. जया ने तब रामपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस की कद्दावर नेता और प्रत्याशी बेगम नूर बानो को शिकस्त दी थी. इस तरह जया पहली बार 2004 में सांसद बनीं. हालांकि 2009 के लोकसभा चुनाव में जया से आजम खान की नाराजगी जगजाहिर थी. आजम खान ने जयाप्रदा का लोकसभा चुनाव में विरोध किया, लेकिन फिर भी वे जीतीं और सांसद बनीं. उनकी इस जीत ने उनका कद बढ़ा दिया लेकिन आजम से खटास बनी रही. 2014 में जयाप्रदा लोकसभा का चुनाव रामपुर की जगह बिजनौर से आरएलडी के टिकट पर लड़ीं लेकिन वहां से हार गईं.
भाजपा की ली सदस्यता: आजम के विरोध और चुनाव हारने के बाद जयाप्रदा ने 2019 में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले ली. उन्होंने भाजपा की सदस्यता दिल्ली में ग्रहण की. उसके बाद रामपुर में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान जया ने पार्टी प्रत्याशी आकाश सक्सेना के लिए चुनाव प्रचार किया.
यह भी पढ़ें : आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से झटका, रामपुर पब्लिक स्कूल मामले में दाखिल याचिका खारिज