कुचामनसिटी : नावां शहर में इन दिनों नमक का काला कारोबार देश के अन्य शहरों में फैलाने का कार्य धड़ल्ले से किया जा रहा है. नमक में लाल रंग व अन्य पदार्थ मिलाकर किसानों को कृषि उर्वरक व पोटाश बनाकर बेचने का मामला सामने आया है. नावां के एक नमक प्लांट से नमक को पोटाश बनाकर छत्तीसगढ़ में किसानों को बेचा गया. इसके इस्तेमाल से पूरी खेती ही जलकर नष्ट हो गई. इस मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस ने बुधवार को कार्रवाई करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार किया है.
छत्तीसगढ़ पुलिस ने की कार्रवाईः छत्तीसगढ़ पुलिस के सहायक थानाधिकारी खंजूर रामचन्द्र साहू ने बताया कि मामले में छत्तीसगढ़ के खंजूर शहर के किसानों ने नकली उर्वरक से खेती नष्ट होने के मामले में विरोध प्रदर्शन किया था. विधानसभा में भी इसको लेकर प्रश्न उठाया गया था. मामले की गंभीरता को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार के कृषि मंत्री की ओर से छत्तीसगढ़ पुलिस महानिदेशक को विशेष टीम बनाकर कार्रवाई के आदेश दिए गए थे. इस मामले में खंजूर के कृषि विकास अधिकारी ने पुलिस में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाई.
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चार आरोपी गिरफ्तारः मामला जुलाई 2024 में दर्ज हुआ. इसके बाद कृषि अधिकारी ने उर्वरक पर संदेह होने पर एक ट्रक को जब्त कर जांच करवाई, जिसमें उर्वरक नकली पाई गई. मामले में पुलिस ने अनुसंधान करते हुए बुधवार को नावां में 3 नमक व्यापारियों विनोद जैन, विनय जैन, उपकार जैन को और एक ट्रांसपोटर्स दौलतसिंह को गिरफ्तार किया है. उन्होंने बताया कि चारों आरोपियों को नावां न्यायालय में पेश कर ट्रांजिस्ट रिमांड पर लिया गया. साथ ही नमक से नकली उर्वरक बनाने वाले प्लांट को भी सीज करने की कार्रवाई की गई. बता दें कि नावां में नमक कम कीमत में मिलता है, जिसमें रंग मिलाकर उसे नकली उर्वरक बनाकर छत्तीसगढ़ में करीब 1700 रुपए में 50 किलो के बैग के हिसाब से बेचा जा रहा था.