भोपाल। अपने बयानों और ट्वीट को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले एमपी के IAS अधिकारी नियाज खान अपने ही एक बयान के बाद फिर सुर्खियों में हैं. दरअसल आईएएस अधिकारी नियाज खान द्वारा भारत को हिंदुओं का देश बताने वाला बयान देश भर में चर्चा में आ गया है.वायरल बयान में प्रसारित किया जा रहा है कि भारत हिंदुओं का देश है और यहां रह रहे मुसलमानों को भी हिंदुओं के त्योहारों में शामिल होना चाहिए. बयान को लेकर नियाज खान मुस्लिम उलेमाओं के निशाने पर हैं.
पहले ये कहा IAS नियाज खान ने
IAS नियाज खान के वायरल हो रहे बयान में कहा गया है कि भारत हिंदुओं का देश है और यहां रह रहे मुसलमानों को भी हिंदुओं के त्योहारों में शामिल होना चाहिए. बयान के वायरल होने के बाद ट्रोल हुए आईएएस नियाज खान ने अब सफाई दी है.दरअसल राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर एक निजी चैनल को इंटरव्यू के दौरान उन्होंने ये बयान दिया था.
अब IAS नियाज खान ने दी सफाई
अब जब बयान वायरल हो गया तो उन्होंने लोगों को समझाया है कि उनके कहने का मतलब वह नहीं था. ETV भारत ने आईएएस नियाज खान से फोन पर इसी मुद्दे को लेकर बातचीत की थी. फोन पर चर्चा करने के दौरान उन्होंने सफाई में कहा कि प्राचीन काल में भारत हिंदुओं का देश रहा है. सबका जींस और फ़ोर फादर एक ही रहे हैं. बाद में समय अनुसार लोगों ने अपना मजहब बदल लिया. भारत हमारा एक ही है, हम सब भाई-भाई हैं, हमारे लिए राष्ट्र सर्वोपरि होना चाहिए. आज भले ही हम अलग-अलग आस्थाओं में जीते हैं अलग-अलग धर्म को मानते हैं, और उसका अनुसरण करते हैं लेकिन हम सभी एक ही के वंशज रहे हैं.
पहले सभी हिंदू थे बाद में हुए कन्वर्ट
उन्होंने कहा कि प्राचीन काल की बात करें तो यहां पर सभी हिंदू ही थे बाद में जब अन्य धर्म के लोग भारत में आए तो देश धर्मों में बंटता चला गया. उन्होंने कहा कि बात अगर 1 हज़ार साल पहले की करें तो यहां पर मुस्लिम शासक आए थे. बाद में ब्रिटिश पुर्तगाल और अन्य आए. उन्होंने शासन करने के साथ-साथ अपने धर्म का प्रचार प्रसार और उसको फैलाना शुरू कर दिया. इतिहास को अगर उठाकर देखें तो बीते 1 हजार साल में जितना भी कन्वर्जन देश के अंदर हुआ है वह सब हिंदुओं से ही हुआ है. ऐसा नहीं है कि देश के अंदर रह रहे सारे मुसलमान सऊदी अरब अफगानिस्तान और अन्य जगहों से आए हुए हैं. सभी लोग भारत के ही रहने वाले हैं, पहले सब हिंदू थे और बाद में जब धर्म का प्रचार प्रसार हुआ तो वह लोग कन्वर्ट होते चले गए.
कंधे से कंधा मिलाकर करें सम्मान
उन्होंने कहा कि हमें एक दूसरे का कंधे से कंधा मिलाकर सम्मान करना चाहिए. पैगंबर मोहम्मद साहब मुस्लिम समुदाय के लिए एक बड़े आदर्श हैं. इसी तरह भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम राम भी हिंदुओं के लिएआदर्श हैं. उन्होंने नए-नए वैल्यू स्थापित किए थे. इसी एंगल को अपनाते हुए मुसलमानों को भी हिंदू भाइयों के त्योहार में शिरकत करनी चाहिए.
बिना वजह दूसरा निकाह करना आपत्तिजनक
चर्चित आईएएस अधिकारी नियाज खान ने भारत में दूसरी शादी करने के बढ़ते चलन पर भी अपनी बात रखी. उनका कहना है कि इस्लाम ने भले ही दूसरी शादी करने का हुक्म दिया है लेकिन उसकी भी शर्त है. अगर आपकी पत्नी का देहांत हो जाए, वह बीमार हो या कोई और स्थिति हो तो आप दूसरा निकाह कर सकते हैं, लेकिन अगर धर्मपत्नी स्वस्थ है ठीक है और आपके साथ अपना जीवन यापन कर रही है तो दूसरा निकाह करना बेहद गलत है. पहली पत्नी के होते हुए आप अगर दूसरा निकाह करते हैं तो वह परम आनंद और सुख के सिवा कुछ नहीं है.
तीन तलाक का समर्थन
नियाज खान ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन तलाक कानून का भी समर्थन किया. साथ ही कहा कि केंद्र सरकार जो कानून लेकर आई है वह बहुत अच्छा फैसला है और स्वागत योग्य कदम है. कानून के आने से महिलाओं को न्याय मिला है और उनकी जिंदगी बदल रही है. जब यह कानून नहीं आया था तब भारत में अगर दाल में नमक कम हो जाता था तो भी लोग अपनी पत्नियों को तलाक दे दिया करते थे. लोगों ने अपनी धर्मपत्नियों को खिलौना समझ लिया था, लेकिन तीन तलाक कानून आने के बाद अब तलाक के मामले कम होते जा रहे हैं.
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मुस्लिम कई कई सदियां करके समाज में पूरे कौम की छवि ख़राब करते हैं। आज़ पूरी दुनियां में मुसलमानो की तारीफ़ कोई नहीं करता। अगर सम्मान पाना है तो सभ्य व्यवहार करें। कमियों में झांके
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तलाक मुश्किल जरूर पर जीवन का अंत नहीं, दुखी शादी से बेहतर सुखी अकेलापन https://t.co/SgMacv9dsc
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हमेशा चर्चाओं में रहते हैं नियाज खान
मध्य प्रदेश के आईएएस अधिकारी नियाज खान का चर्चाओं से पुराना नाता है. वह अपने ट्वीट और बयानों को लेकर हमेशा मध्य प्रदेश सहित देश में चर्चा का केंद्र बने रहते हैं. पूर्व में उन्होंने एमपी में चल रहे धर्मांतरण विवाद पर मुसलमानों को नसीहत दी थी. इसके साथ ही उन्होंने मुसलमानों से गाय पालने की अपील की थी. साथ ही उन्होंने मांसाहारी भोजन त्यागकर शाकाहारी हो जाने का आव्हान भी किया था. साथ ही पिछले दिनों उन्होंने ब्राह्मणों के इतिहास पर एक किताब लिखकर जमकर चर्चा बटोरी थी.