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MP में पहली बार मंत्रियों को दो दिन का ट्रेनिंग सेशन, 18 साल के सीएम शिवराज 'सुशासन' के पाठ से दूर क्यों

MP BJP Training Session: मध्य प्रदेश में बीजेपी के मंत्रियों को सुशासन का पाठ पढ़ाने सीएम मोहन यादव ने दो दिन की क्लास लगाई है. लेकिन 18 साल तक सीएम रहे शिवराज शिवराज सिंह चौहान को ट्रेनिंग से दूर रखा गया है. जिसको लेकर शिवराज कांग्रेस के निशाने पर आ गए हैं.

MP BJP Training Session
एमपी में मंत्रियों का ट्रेनिंग सेशन
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 3, 2024, 10:45 PM IST

हेमंत कटारे ने साधा भाजपा पर निशाना

भोपाल। अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान में एमपी के मंत्रियों को दो दिन की ट्रेनिंग दी जा रही है. लेकिन 18 साल तक मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान को सुशासन की पाठशाला से दूर क्यों रखा गया. सियासी गलियारों में इस बात पर चर्चा जोरों पर है. कहा जा रहा है की बीजेपी ने उन्हें साइडलाइन करना शुरू कर दिया है. यही वजह है कि जिस मुख्यमंत्री ने अपने भाषणों में गुड गवर्नेंस की बात की और दावा भी किया कि एमपी में गुड गवर्नेंस है, सवाल ये है की उनको दो दिन के ट्रेनिंग सेशन से दूर क्यों रखा गया है.

विपक्ष ने शिवराज पर उठाए सवाल

हालांकि विपक्ष ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज पर ही सवाल उठाए और कहा कि ''बेहतर होता ये प्रशिक्षण खुद शिवराज और उनके साथ रहे मंत्री देते तो.'' कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे ने आरोप लगाते हुए कहा ''सूत्रों से पता चला है कि मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार कैसे किया जाना है, इसकी ट्रेनिंग मंत्रियों को दी जा रही है. लेकिन इसमें शिवराज को आमंत्रित नहीं किया गया है. शिवराज के समय जो भी भ्रष्टाचार हुए हैं वह उजागर हो चुके हैं. इसलिए अब केंद्रीय नेतृत्व में नए तरह के भ्रष्टाचार करने के लिए यह प्रोग्राम रखा गया है. भाजपा में शिवराज का अपमान हो रहा है. उन्हें चुनाव में दूल्हा दिखाया गया, बारात उनके नाम से निकाली गई और जब विवाह का समय आया तो अचानक दूल्हा बदल दिया गया.''

शिवराज सिंह ने विपक्ष के हमले का जवाब दिया

कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे के जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी पलटवार करने में देर नहीं की. उन्हें ट्रेनिंग ने क्यों नहीं बुलाया गया, इसे लेकर तो जवाब नहीं दिया लेकिन कांग्रेस को आइना दिखाते हुए यही कहा कि ''जा की रही भावना जैसी तिन देखी मूर्त वैसी...जो जैसा करते हैं वैसा ही सोचते हैं.''
मध्यप्रदेश लीडरशिप समिट में मंत्रियों को अलग अलग ट्रेनिंग के सेशन रखे गए हैं. सरकार का मानना है इससे शासन में उनकी कुशलता और दक्षता बढ़ेगी. साथ ही मंत्रालयों और विभागों के साथ तालमेल और समन्वय को सीखने का मौका मिलेगा और नेतृत्व क्षमता को विकसित करने वाला प्रबोधन कार्यक्रम सबके लिए फायदेमंद साबित होगा.

सीएम बोले मंत्रियों के फैसलों से जनता प्रभावित होती है

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अटल बिहारी वाजपेई सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान में मध्यप्रदेश लीडरशिप समिट में मंत्रि-परिषद के दो दिवसीय प्रशिक्षण और ओरिएंटेशन कार्यक्रम को संबोधित किया. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ''राज्य की मंत्रि-परिषद के निर्णय से प्रदेश की समूची जनता प्रभावित होती है. इसलिए मंत्रि-परिषद के सदस्यों का समय-समय पर प्रशिक्षण आवश्यक है. प्रशिक्षण से शासन की बारीकियां सीखने का अवसर मिलेगा, जिससे प्रशासन में कसावट आयेगी और इसका सीधा लाभ मंत्रि-परिषद के निर्णयों के माध्यम से प्रदेश की जनता को मिलेगा.''

डॉ. यादव ने कहा कि ''प्रशिक्षण से मंत्रि-परिषद के सदस्यों को भारत सरकार के मंत्रालयों और राज्य सरकार के विभागों के साथ तालमेल और समन्वय को सीखने का अवसर मिलेगा. वरिष्ठ जन-प्रतिनिधि और नीति आयोग के विशेषज्ञों के उद्बोधन से मंत्रि-परिषद का आत्मविश्वास बढ़ेगा. इससे न सिर्फ शासन में बल्कि व्यक्तिगत जीवन को भी अनुशासित और सफल बनाने में मदद मिलेगी.'' जन-प्रतिनिधियों के ओरिएंटेशन के लिये मुख्यमंत्री डॉ. यादव, वरिष्ठ जन-प्रतिनिधि और नीति आयोग के विशेषज्ञों के उद्बोधन के विभिन्न सत्र आयोजित हुए.

वीडी शर्मा ने भी मंत्रियों को दिए टिप्स

मध्यप्रदेश लीडरशिप समिट के पहले दिन रामभाऊ म्हाळगी प्रबोधनी संस्थान के कार्यकारी संचालक डॉ. जयंत कुलकर्णी ने प्रशिक्षण की रूपरेखा और आवश्यकताओं पर प्रकाश डाला. भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, राष्ट्रीय संगठक व्ही. सतीश, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, सांसद विष्णु दत्त शर्मा ने शासन में नेतृत्व और कुशलता पर अपने विचार रखें. अंतिम सत्र में ''आकांक्षाएँ एवं संकल्प भारत सरकार की अहम पहल'' विषय पर आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम अंतर्गत नीति आयोग भारत सरकार के आनंद शेखर ने बताया कि ''नीति आयोग मध्य प्रदेश के साथ मिलकर 4 डिस्टिंक्ट एरिया में कार्य कर रहा है. सतत विकास के लक्ष्य जिसका नीति आयोग कस्टोडियन है. उसमें मध्यप्रदेश के साथ मिल कर दिनों दिन प्रगति की जा रही है.'' साथ ही ''तनाव प्रबंधन'' पर डॉ. विक्रांत तोमर का उद्बोधन हुआ.

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दूसरे दिन भी चलेगी ट्रेनिंग

लीडरशिप समिट के दूसरे दिन सुबह 10 बजे से शाम 7:30 बजे तक विभिन्न सत्रों का आयोजन होगा. इनमें विधायी कार्य-प्रणाली', अवसर एवं चुनौतियाँ, आकांक्षाएँ एवं संकल्प-भारत सरकार की अहम पहल एवं प्रौद्योगिकी एवं सुशासन विषय पर सत्रों का आयोजन होगा. इन सत्रों को विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, पंचायत एवं ग्रामीण विकास व श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, श्वेता सिंह, डॉ. विनय सहस्रबुद्धे, नगरीय आवास एवं विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय संबोधित करेंगे.

हेमंत कटारे ने साधा भाजपा पर निशाना

भोपाल। अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान में एमपी के मंत्रियों को दो दिन की ट्रेनिंग दी जा रही है. लेकिन 18 साल तक मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान को सुशासन की पाठशाला से दूर क्यों रखा गया. सियासी गलियारों में इस बात पर चर्चा जोरों पर है. कहा जा रहा है की बीजेपी ने उन्हें साइडलाइन करना शुरू कर दिया है. यही वजह है कि जिस मुख्यमंत्री ने अपने भाषणों में गुड गवर्नेंस की बात की और दावा भी किया कि एमपी में गुड गवर्नेंस है, सवाल ये है की उनको दो दिन के ट्रेनिंग सेशन से दूर क्यों रखा गया है.

विपक्ष ने शिवराज पर उठाए सवाल

हालांकि विपक्ष ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज पर ही सवाल उठाए और कहा कि ''बेहतर होता ये प्रशिक्षण खुद शिवराज और उनके साथ रहे मंत्री देते तो.'' कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे ने आरोप लगाते हुए कहा ''सूत्रों से पता चला है कि मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार कैसे किया जाना है, इसकी ट्रेनिंग मंत्रियों को दी जा रही है. लेकिन इसमें शिवराज को आमंत्रित नहीं किया गया है. शिवराज के समय जो भी भ्रष्टाचार हुए हैं वह उजागर हो चुके हैं. इसलिए अब केंद्रीय नेतृत्व में नए तरह के भ्रष्टाचार करने के लिए यह प्रोग्राम रखा गया है. भाजपा में शिवराज का अपमान हो रहा है. उन्हें चुनाव में दूल्हा दिखाया गया, बारात उनके नाम से निकाली गई और जब विवाह का समय आया तो अचानक दूल्हा बदल दिया गया.''

शिवराज सिंह ने विपक्ष के हमले का जवाब दिया

कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे के जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी पलटवार करने में देर नहीं की. उन्हें ट्रेनिंग ने क्यों नहीं बुलाया गया, इसे लेकर तो जवाब नहीं दिया लेकिन कांग्रेस को आइना दिखाते हुए यही कहा कि ''जा की रही भावना जैसी तिन देखी मूर्त वैसी...जो जैसा करते हैं वैसा ही सोचते हैं.''
मध्यप्रदेश लीडरशिप समिट में मंत्रियों को अलग अलग ट्रेनिंग के सेशन रखे गए हैं. सरकार का मानना है इससे शासन में उनकी कुशलता और दक्षता बढ़ेगी. साथ ही मंत्रालयों और विभागों के साथ तालमेल और समन्वय को सीखने का मौका मिलेगा और नेतृत्व क्षमता को विकसित करने वाला प्रबोधन कार्यक्रम सबके लिए फायदेमंद साबित होगा.

सीएम बोले मंत्रियों के फैसलों से जनता प्रभावित होती है

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अटल बिहारी वाजपेई सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान में मध्यप्रदेश लीडरशिप समिट में मंत्रि-परिषद के दो दिवसीय प्रशिक्षण और ओरिएंटेशन कार्यक्रम को संबोधित किया. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ''राज्य की मंत्रि-परिषद के निर्णय से प्रदेश की समूची जनता प्रभावित होती है. इसलिए मंत्रि-परिषद के सदस्यों का समय-समय पर प्रशिक्षण आवश्यक है. प्रशिक्षण से शासन की बारीकियां सीखने का अवसर मिलेगा, जिससे प्रशासन में कसावट आयेगी और इसका सीधा लाभ मंत्रि-परिषद के निर्णयों के माध्यम से प्रदेश की जनता को मिलेगा.''

डॉ. यादव ने कहा कि ''प्रशिक्षण से मंत्रि-परिषद के सदस्यों को भारत सरकार के मंत्रालयों और राज्य सरकार के विभागों के साथ तालमेल और समन्वय को सीखने का अवसर मिलेगा. वरिष्ठ जन-प्रतिनिधि और नीति आयोग के विशेषज्ञों के उद्बोधन से मंत्रि-परिषद का आत्मविश्वास बढ़ेगा. इससे न सिर्फ शासन में बल्कि व्यक्तिगत जीवन को भी अनुशासित और सफल बनाने में मदद मिलेगी.'' जन-प्रतिनिधियों के ओरिएंटेशन के लिये मुख्यमंत्री डॉ. यादव, वरिष्ठ जन-प्रतिनिधि और नीति आयोग के विशेषज्ञों के उद्बोधन के विभिन्न सत्र आयोजित हुए.

वीडी शर्मा ने भी मंत्रियों को दिए टिप्स

मध्यप्रदेश लीडरशिप समिट के पहले दिन रामभाऊ म्हाळगी प्रबोधनी संस्थान के कार्यकारी संचालक डॉ. जयंत कुलकर्णी ने प्रशिक्षण की रूपरेखा और आवश्यकताओं पर प्रकाश डाला. भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, राष्ट्रीय संगठक व्ही. सतीश, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, सांसद विष्णु दत्त शर्मा ने शासन में नेतृत्व और कुशलता पर अपने विचार रखें. अंतिम सत्र में ''आकांक्षाएँ एवं संकल्प भारत सरकार की अहम पहल'' विषय पर आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम अंतर्गत नीति आयोग भारत सरकार के आनंद शेखर ने बताया कि ''नीति आयोग मध्य प्रदेश के साथ मिलकर 4 डिस्टिंक्ट एरिया में कार्य कर रहा है. सतत विकास के लक्ष्य जिसका नीति आयोग कस्टोडियन है. उसमें मध्यप्रदेश के साथ मिल कर दिनों दिन प्रगति की जा रही है.'' साथ ही ''तनाव प्रबंधन'' पर डॉ. विक्रांत तोमर का उद्बोधन हुआ.

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दूसरे दिन भी चलेगी ट्रेनिंग

लीडरशिप समिट के दूसरे दिन सुबह 10 बजे से शाम 7:30 बजे तक विभिन्न सत्रों का आयोजन होगा. इनमें विधायी कार्य-प्रणाली', अवसर एवं चुनौतियाँ, आकांक्षाएँ एवं संकल्प-भारत सरकार की अहम पहल एवं प्रौद्योगिकी एवं सुशासन विषय पर सत्रों का आयोजन होगा. इन सत्रों को विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, पंचायत एवं ग्रामीण विकास व श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, श्वेता सिंह, डॉ. विनय सहस्रबुद्धे, नगरीय आवास एवं विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय संबोधित करेंगे.

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