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भाकपा माले विधायक मनोज मंजिल समेत 23 को उम्रकैद, हत्या के मामले में भोजपुर कोर्ट ने सुनाया फैसला

Life imprisonment to Manoj Manzil : भाकपा माले विधायक मनोज मंजिल समेत 23 दोषियों को हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा हुई है. सभी पर कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया है. भोजपुर कोर्ट के बाहर विधायक समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ी हुई है. 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान जेपी सिंह नाम के शख्स की हत्या के मामले में कोर्ट ने ये उम्रकैद की सजा सुनाई है.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 13, 2024, 3:16 PM IST

Updated : Feb 13, 2024, 6:04 PM IST

भाकपा माले विधायक मनोज मंजिल की पहली प्रतिक्रिया

भोजपुर : भोजपुर के अगिआंव विधायक से माले विधायक मनोज मंजिल को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. 2015 विधानसभा चुनाव के समय जेपी सिंह नाम के व्यक्ति की हुई थी हत्या. उसी मामले में आरा सिविल कोर्ट एडीजे 3 के द्वारा विधायक सहित 23 को उम्रकैद और 25 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है. फैसले के बाद मनोज मंजिल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. उन्हें जेल ले जाते समय उन्होंने कहा कि वो इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर करेंगे. उनके खिलाफ साजिश की गई है.

''हम इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में जाएंगे. ये हमारे खिलाफ साजिश की गई है. हमें फंसाया गया है. हम इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे. हम निर्दोष हैं हमें उम्मीद है कि कोर्ट से हमें न्याय मिलेगा. हम यूं ही दलितों, पीड़ितों, शोषितों की आवाज उठाते रहेंगे. ये कार्रवाई हमारी उस आवाज को खामोश करने के लिए की गई है.''- मनोज मंजिल, माले विधायक

माले विधायक मनोज मंजिल को उम्रकैद : एमपी एमएलए कोर्ट के इस फैसले के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है. वहीं माले विधायक मनोज मंजिल को कोर्ट द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने की बात जैसे ही माले कार्यकर्ता और विधायक के समर्थकों को मिली तो भारी संख्या में समर्थक कोर्ट पहुंच गए. जबकि कोर्ट द्वारा माले विधायक को सजा सुनाए जाने के बाद कोर्ट की सुरक्षा बढ़ा दी गई और पुलिस हर परिस्थिति से निपटने के लिए डंटी रही.

9 साल पुराने मामले में सजा : दरअसल ये मामला 20 अगस्त 2015 का है. जब जिले के अजीमाबाद थाना क्षेत्र के बड़गांव निवासी जयप्रकाश सिंह एक सभा को संबोधित कर अपने बेटे के साथ शाम को घर आ रहे थे. मनोज मंजिल समेत 23 लोगों ने लाठी डंडे और ईंट से पीटकर उनकी हत्या कर दी थी. इसकी शिकायत मृतक जयप्रकाश सिंह के बेटे चंदन कुमार ने अजीमाबाद थाने में दर्ज करायी. जिसके बाद पुलिस ने घटना के करीब एक सप्ताह बाद 27 अगस्त 2015 को अजीमाबाद थाना क्षेत्र के सितुहारी नहर से जय प्रकाश सिंह का क्षत-विक्षत अवस्था में शव बरामद किया था.

23 लोगों को एक साथ उम्रकैद : इधर हत्याकांड में अगिआंव विधायक मनोज मंजिल समेत कुल 23 लोगों को कोर्ट के द्वारा आजीवन कारावास की सजा के मामले में एडीजे कोर्ट के अपर लोक अभियोजक सिया राम सिंह ने बताया कि ''अजीमाबाद थाना क्षेत्र के 51/2015 में दर्ज एक हत्याकांड में अगिआंव विधानसभा के माले विधायक मनोज मंजिल और उसके साथ रहे 23 लोगों पर केस दर्ज किए गए. हत्या के मुकदमे में कोर्ट ने उनके खिलाफ प्रस्तुत किए गए साक्ष्य के आधार पर सभी लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही सभी लोगों पर 23 हजार रुपए का आर्थिक दंड लगाया है.''

मनोज मंजिल की विधायकी पर खतरा : सजा का ऐलान होते ही विधायक मनोज मंजिल को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. उन्हे कोर्ट के निर्देश पर जेल लेकर जाया जाएगा. उनके वकील इस फैसले के खिलाफ उच्च अदालत में अपील करेंगे. ऐसे में अगर ऊपरी अदालत से राहत नहीं मिलती है तो इनकी विधायकी पर भी खतरा है. बता दें कि दो साल से ऊपर की सजा पर जनप्रतिनिधि कानून अधिनियम के तहत इनकी विधायकी भी जानी तय है.

आईसा से राजनीति में इंट्री : कोर्ट द्वारा चर्चित हत्याकांड में दोषी पाएं भाकपा माले विधायक मनोज मंजिल की राजनीतिक शुरुआत पार्टी के आइसा विंग से छात्र आंदोलन से हुई थी. जिसके बाद भाकपा माले ने उन्हें अगिआंव विधानसभा(सुरक्षित) सीट से 2015 के चुनावी मैदान में उतारा था. लेकिन उसे समय माले नेता मनोज मंजिल को हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद पार्टी ने इन्हें फिर पुन: अगिआंव विधानसभा सीट से मैदान में उतारा और वो जदयू के विधायक प्रभु नाथ राम को हराकर अगिआंव विधानसभा से विधायक बने. विधायक मनोज मंजिल जिले में क्रांतिकारी विधायक के तौर पर जाने जाते हैं.

ये भी पढ़ें- भाकपा माले विधायक ने सदन में उठाया बेरोजगारी का मुद्दा, कहा- रोजगार कैलेंडर जारी करे सरकार

भाकपा माले विधायक मनोज मंजिल की पहली प्रतिक्रिया

भोजपुर : भोजपुर के अगिआंव विधायक से माले विधायक मनोज मंजिल को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. 2015 विधानसभा चुनाव के समय जेपी सिंह नाम के व्यक्ति की हुई थी हत्या. उसी मामले में आरा सिविल कोर्ट एडीजे 3 के द्वारा विधायक सहित 23 को उम्रकैद और 25 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है. फैसले के बाद मनोज मंजिल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. उन्हें जेल ले जाते समय उन्होंने कहा कि वो इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर करेंगे. उनके खिलाफ साजिश की गई है.

''हम इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में जाएंगे. ये हमारे खिलाफ साजिश की गई है. हमें फंसाया गया है. हम इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे. हम निर्दोष हैं हमें उम्मीद है कि कोर्ट से हमें न्याय मिलेगा. हम यूं ही दलितों, पीड़ितों, शोषितों की आवाज उठाते रहेंगे. ये कार्रवाई हमारी उस आवाज को खामोश करने के लिए की गई है.''- मनोज मंजिल, माले विधायक

माले विधायक मनोज मंजिल को उम्रकैद : एमपी एमएलए कोर्ट के इस फैसले के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है. वहीं माले विधायक मनोज मंजिल को कोर्ट द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने की बात जैसे ही माले कार्यकर्ता और विधायक के समर्थकों को मिली तो भारी संख्या में समर्थक कोर्ट पहुंच गए. जबकि कोर्ट द्वारा माले विधायक को सजा सुनाए जाने के बाद कोर्ट की सुरक्षा बढ़ा दी गई और पुलिस हर परिस्थिति से निपटने के लिए डंटी रही.

9 साल पुराने मामले में सजा : दरअसल ये मामला 20 अगस्त 2015 का है. जब जिले के अजीमाबाद थाना क्षेत्र के बड़गांव निवासी जयप्रकाश सिंह एक सभा को संबोधित कर अपने बेटे के साथ शाम को घर आ रहे थे. मनोज मंजिल समेत 23 लोगों ने लाठी डंडे और ईंट से पीटकर उनकी हत्या कर दी थी. इसकी शिकायत मृतक जयप्रकाश सिंह के बेटे चंदन कुमार ने अजीमाबाद थाने में दर्ज करायी. जिसके बाद पुलिस ने घटना के करीब एक सप्ताह बाद 27 अगस्त 2015 को अजीमाबाद थाना क्षेत्र के सितुहारी नहर से जय प्रकाश सिंह का क्षत-विक्षत अवस्था में शव बरामद किया था.

23 लोगों को एक साथ उम्रकैद : इधर हत्याकांड में अगिआंव विधायक मनोज मंजिल समेत कुल 23 लोगों को कोर्ट के द्वारा आजीवन कारावास की सजा के मामले में एडीजे कोर्ट के अपर लोक अभियोजक सिया राम सिंह ने बताया कि ''अजीमाबाद थाना क्षेत्र के 51/2015 में दर्ज एक हत्याकांड में अगिआंव विधानसभा के माले विधायक मनोज मंजिल और उसके साथ रहे 23 लोगों पर केस दर्ज किए गए. हत्या के मुकदमे में कोर्ट ने उनके खिलाफ प्रस्तुत किए गए साक्ष्य के आधार पर सभी लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही सभी लोगों पर 23 हजार रुपए का आर्थिक दंड लगाया है.''

मनोज मंजिल की विधायकी पर खतरा : सजा का ऐलान होते ही विधायक मनोज मंजिल को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. उन्हे कोर्ट के निर्देश पर जेल लेकर जाया जाएगा. उनके वकील इस फैसले के खिलाफ उच्च अदालत में अपील करेंगे. ऐसे में अगर ऊपरी अदालत से राहत नहीं मिलती है तो इनकी विधायकी पर भी खतरा है. बता दें कि दो साल से ऊपर की सजा पर जनप्रतिनिधि कानून अधिनियम के तहत इनकी विधायकी भी जानी तय है.

आईसा से राजनीति में इंट्री : कोर्ट द्वारा चर्चित हत्याकांड में दोषी पाएं भाकपा माले विधायक मनोज मंजिल की राजनीतिक शुरुआत पार्टी के आइसा विंग से छात्र आंदोलन से हुई थी. जिसके बाद भाकपा माले ने उन्हें अगिआंव विधानसभा(सुरक्षित) सीट से 2015 के चुनावी मैदान में उतारा था. लेकिन उसे समय माले नेता मनोज मंजिल को हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद पार्टी ने इन्हें फिर पुन: अगिआंव विधानसभा सीट से मैदान में उतारा और वो जदयू के विधायक प्रभु नाथ राम को हराकर अगिआंव विधानसभा से विधायक बने. विधायक मनोज मंजिल जिले में क्रांतिकारी विधायक के तौर पर जाने जाते हैं.

ये भी पढ़ें- भाकपा माले विधायक ने सदन में उठाया बेरोजगारी का मुद्दा, कहा- रोजगार कैलेंडर जारी करे सरकार

Last Updated : Feb 13, 2024, 6:04 PM IST
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