कोलकाता: विभिन्न मठों और मिशनों के भिक्षुओं के खिलाफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणी पर भारत सेवाश्रम संघ ने सख्त कार्रवाई की है. संघ ने मुख्यमंत्री को कानूनी नोटिस भेजा है. वहीं, भारत सेवाश्रम संघ ने नोटिस के जरिए कहा कि ममता बनर्जी को टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए.
नोटिस में संघ ने बताया है कि मुख्यमंत्री की टिप्पणी से भारत सेवाश्रम और संन्यासी की मानहानि हुई है. नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने सोमवार को अपने एक्स हैंडल पर कानूनी नोटिस की फोटो के साथ पोस्ट किया कि 'मैं सनातन धर्म और उसके संरक्षक सन्यासियों पर ममता बनर्जी के लक्षित हमलों के खिलाफ खड़े होने और आवाज उठाने के लिए पवित्र भिक्षुओं और मठवासी आदेशों के प्रति अपना आभार व्यक्त करता हूं.'
उन्होंने आगे कहा कि 'श्रद्धेय और पवित्र स्वामी प्रदीप्तानंद जी (कार्तिक महाराज) को मेरा प्रणाम. सत्य और सनातनियों की सदैव जय हो.' संयोग से, तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने शनिवार को हुगली के गोघाट में एक सार्वजनिक बैठक के मंच से रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ के संतों के एक समूह के खिलाफ आवाज उठाई.
उन्होंने भारत सेवाश्रम पर हमला बोलते हुए कहा कि 'सभी साधु समान नहीं हैं, हम सभी समान नहीं हैं. बहरामपुर में एक कार्तिक महाराज हैं. मैं भारत सेवाश्रम संघ का बहुत सम्मान करता था. लेकिन मैं उसे संत नहीं मानता जो कहता है कि तृणमूल एजेंट को बैठने मत दो. इसका मतलब है कि वह राजनीति में शामिल होकर सीधे तौर पर देश को बर्बाद कर रहे हैं, मैंने पहचान लिया है कि यह किसने किया है.'
मुख्यमंत्री की इस टिप्पणी के बाद से पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों से भारत सेवाश्रम संघ के संत शिकायत कर रहे हैं कि उन्होंने संतों का अपमान किया है. दुर्गापुर में भारत सेवाश्रम संघ के सचिव ने सीधे तौर पर ममता बनर्जी पर हमला बोला और उन्हें 'पागल' बताया. अब भारत सेवाश्रम संघ ने सीधे मुख्यमंत्री को कानूनी नोटिस जारी कर दिया.