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बेंगलुरु में जल संकट पर सीएम सिद्धारमैया बोले- 500 MLD पानी की कमी का सामना कर रहा है राज्य

बेंगलुरु में पीने के पानी की भारी कमी के बीच, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जून में शुरू होने वाली कावेरी फाइव परियोजना पर उम्मीदें लगा रखी हैं, जो शहर की अधिकांश जल समस्याओं को दूर करने के लिए जून में शुरू होगी. सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि सरकार 313 स्थानों पर बोरवेल खोदेगी और 1,200 निष्क्रिय बोरवेलों को पुनर्जीवित किया जाएगा.

Bengaluru facing shortfall of 500 MLD water - Karnataka CM
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि बेंगलुरु को 2,600 एमएलडी की आवश्यकता के मुकाबले प्रति दिन लगभग 500 मिलियन लीटर पानी (एमएलडी) की कमी का सामना करना पड़ रहा है.
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 19, 2024, 10:58 AM IST

बेंगलुरु: गंभीर सूखे की स्थिति से जूझ रहे बेंगलुरु के निवासियों को पीने के पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि बेंगलुरु को 2,600 एमएलडी की आवश्यकता के मुकाबले प्रति दिन लगभग 500 मिलियन लीटर पानी (एमएलडी) की कमी का सामना करना पड़ रहा है. अधिकारियों को पानी की कमी से निपटने के लिए प्रतिदिन बैठक करने और एक कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया गया है. सीएम के मुताबिक, 1,470 एमएलडी पानी कावेरी नदी से और 650 एमएलडी पानी बोरवेल से आता है.

बेंगलुरु में 14,000 बोरवेल हैं, जिनमें से 6,900 सूख गए हैं. जलस्रोतों का अतिक्रमण हो गया है या वे नष्ट हो गये हैं. बेंगलुरु को 2,600 एमएलडी पानी की जरूरत है. इसमें से 1,470 एमएलडी कावेरी नदी से और 650 एमएलडी बोरवेल से आता है. मुख्यमंत्री ने नागरिक एजेंसियों और सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, हमारे पास लगभग 500 एमएलडी की कमी है.

सिद्धारमैया को कावेरी फाइव परियोजना पर उम्मीद है, जो शहर की अधिकांश जल समस्याओं के समाधान के लिए जून में शुरू होगी. उन्होंने कहा कि कावेरी फाइव परियोजना 110 गांवों की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होगी, जिन्हें 2006-07 में मेट्रोपॉलिटन बेंगलुरु नगर निगम में जोड़ा गया था.

जल संकट की आशंकाओं को दूर करने के प्रयास में उन्होंने कहा, 'हमारे पास कावेरी और काबिनी में पीने के पानी का पर्याप्त भंडारण है, जो जून तक चलने के लिए पर्याप्त है. केआरएस में 11.04 टीएमसी, काबिनी में 9.02 टीएमसी पानी का भंडारण है. सरकार 313 स्थानों पर बोरवेल खोदेगी और 1,200 निष्क्रिय बोरवेलों को पुनर्जीवित किया जाएगा. संबंधित अधिकारियों को झुग्गियों, ऊंचे इलाकों, 110 गांवों और बोरवेल पर निर्भर क्षेत्रों में कर्नाटक मिल्क फेडरेशन सहित सभी निजी टैंकरों का उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं.

शिकायतों पर तुरंत प्रतिक्रिया देने और पार्कों में पीने के पानी का उपयोग न करने के लिए टास्क फोर्स की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए. सीएम ने कहा कि बेंगलुरु में सूखी झीलों को उपचारित पानी से भरने के लिए कदम उठाए जाएंगे, जैसा कि केसी घाटी में किया गया है. पेयजल उपलब्ध कराने के लिए धन की कोई कमी नहीं है.

अधिकारियों को प्रतिदिन बैठक करने और सप्ताह में एक बार कार्य योजना तैयार करने का निर्देश देने के अलावा, मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में पानी की कोई कमी न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाएगा.

पढ़ें: पीएम मोदी की कर्नाटक रैली से पहले कांग्रेस का हमला- 'गंभीर जल संकट से जूझ रहा राज्य, केंद्र का मदद से इनकार'

बेंगलुरु: गंभीर सूखे की स्थिति से जूझ रहे बेंगलुरु के निवासियों को पीने के पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि बेंगलुरु को 2,600 एमएलडी की आवश्यकता के मुकाबले प्रति दिन लगभग 500 मिलियन लीटर पानी (एमएलडी) की कमी का सामना करना पड़ रहा है. अधिकारियों को पानी की कमी से निपटने के लिए प्रतिदिन बैठक करने और एक कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया गया है. सीएम के मुताबिक, 1,470 एमएलडी पानी कावेरी नदी से और 650 एमएलडी पानी बोरवेल से आता है.

बेंगलुरु में 14,000 बोरवेल हैं, जिनमें से 6,900 सूख गए हैं. जलस्रोतों का अतिक्रमण हो गया है या वे नष्ट हो गये हैं. बेंगलुरु को 2,600 एमएलडी पानी की जरूरत है. इसमें से 1,470 एमएलडी कावेरी नदी से और 650 एमएलडी बोरवेल से आता है. मुख्यमंत्री ने नागरिक एजेंसियों और सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, हमारे पास लगभग 500 एमएलडी की कमी है.

सिद्धारमैया को कावेरी फाइव परियोजना पर उम्मीद है, जो शहर की अधिकांश जल समस्याओं के समाधान के लिए जून में शुरू होगी. उन्होंने कहा कि कावेरी फाइव परियोजना 110 गांवों की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होगी, जिन्हें 2006-07 में मेट्रोपॉलिटन बेंगलुरु नगर निगम में जोड़ा गया था.

जल संकट की आशंकाओं को दूर करने के प्रयास में उन्होंने कहा, 'हमारे पास कावेरी और काबिनी में पीने के पानी का पर्याप्त भंडारण है, जो जून तक चलने के लिए पर्याप्त है. केआरएस में 11.04 टीएमसी, काबिनी में 9.02 टीएमसी पानी का भंडारण है. सरकार 313 स्थानों पर बोरवेल खोदेगी और 1,200 निष्क्रिय बोरवेलों को पुनर्जीवित किया जाएगा. संबंधित अधिकारियों को झुग्गियों, ऊंचे इलाकों, 110 गांवों और बोरवेल पर निर्भर क्षेत्रों में कर्नाटक मिल्क फेडरेशन सहित सभी निजी टैंकरों का उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं.

शिकायतों पर तुरंत प्रतिक्रिया देने और पार्कों में पीने के पानी का उपयोग न करने के लिए टास्क फोर्स की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए. सीएम ने कहा कि बेंगलुरु में सूखी झीलों को उपचारित पानी से भरने के लिए कदम उठाए जाएंगे, जैसा कि केसी घाटी में किया गया है. पेयजल उपलब्ध कराने के लिए धन की कोई कमी नहीं है.

अधिकारियों को प्रतिदिन बैठक करने और सप्ताह में एक बार कार्य योजना तैयार करने का निर्देश देने के अलावा, मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में पानी की कोई कमी न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाएगा.

पढ़ें: पीएम मोदी की कर्नाटक रैली से पहले कांग्रेस का हमला- 'गंभीर जल संकट से जूझ रहा राज्य, केंद्र का मदद से इनकार'

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