बेंगलुरु: बेंगलुरु की सिविल और सेशन कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जे जयललिता के अवैध रूप से अर्जित सोने के आभूषणों को तमिलनाडु सरकार को सौंपने की तारीख तय कर दी है. जयललिता के सोने के आभूषण और अन्य सामान बेंगलुरु की एक विशेष अदालत की कस्टडी में हैं.
शहर के 36वें सिटी सिविल और सत्र न्यायालय के न्यायाधीश ने आरटीआई कार्यकर्ता टी नरसिम्हामूर्ति द्वारा दायर अपील पर सुनवाई की. उन्होंने 6 और 7 मार्च 2024 की तारीख तय की. न्यायाधीश ने उन दो दिनों में अन्य मामलों की सुनवाई नहीं करने का फैसला किया है.
जज ने साथ ही अपने आदेश में कहा कि 'सोने के आभूषण लेने के लिए एक अधिकारी को नियुक्त किया गया है. प्रमुख सचिव, गृह विभाग, तमिलनाडु सरकार और तमिलनाडु के आईजीपी को उस व्यक्ति (आधिकारिक) के साथ जाना चाहिए. ऐसे में फोटोग्राफर, वीडियोग्राफर और छह बड़े बक्से (ट्रंक) आवश्यक सुरक्षा के साथ लाएं और सोने के आभूषण ले जाएं. तमिलनाडु के डीएसपी को इस मामले को गृह विभाग के प्रधान सचिव के संज्ञान में लाना चाहिए.'
न्यायाधीश ने इस निर्देश कि इसके अलावा इस मामले में कोर्ट रजिस्ट्रार को स्थानीय पुलिस द्वारा सिविल कोर्ट में दो दिनों के लिए आवश्यक सुरक्षा प्रदान करने के लिए कदम उठाना चाहिए. इसके साथ ही न्यायाधीश ने सुनवाई 6 मार्च 2024 तक के लिए स्थगित कर दी.
वकील ने ईटीवी भारत को जानकारी दी कि 'तमिलनाडु सरकार पहले ही मामले की जांच के लिए कर्नाटक सरकार द्वारा खर्च किए गए 5 करोड़ रुपये का डीडी दे चुकी है. लेकिन राज्य सरकार के खाते में पैसे आने का सिलसिला अभी भी जारी है.'
क्या सामान है?: 468 प्रकार के सोने और हीरे के आभूषण जिनका वजन 7,040 ग्राम है, चांदी के आभूषण जिनका वजन 700 किलोग्राम है, 740 महंगी चप्पलें, 11,344 रेशम की साड़ियां, 250 शॉल, 12 रेफ्रिजरेटर, 10 टीवी सेट, 8 वीसीआर, 1 वीडियो कैमरा, 4 सीडी प्लेयर्स, 2 ऑडियो डेक, 24 टू-इन-वन टेप रिकॉर्डर, 1040 वीडियो कैसेट, 3 लोहे के लॉकर, 1,93,202 रुपये नकद जयललिता के पास से जब्त किए गए.
क्या है मामला: 27 सितंबर, 2014 को बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने अवैध संपत्ति अधिग्रहण के मामले में जयललिता को चार साल की जेल और 100 करोड़ रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी. साथ ही, जयललिता की जब्त की गई कीमती चीजों को आरबीआई, एसबीआई या सार्वजनिक नीलामी के माध्यम से बेचा जाना चाहिए. इसने निर्देश दिया कि आय को जुर्माना राशि में समायोजित किया जाना चाहिए. इसी बीच जे. जयललिता की मौत हो गई. इसलिए आरटीआई कार्यकर्ता नरसिम्हामूर्ति ने जयललिता का सामान सौंपने को लेकर कोर्ट में अपील दायर की थी.