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बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की ऐसे करें पूजा, मिलेगा ज्ञान का वरदान - मां सरस्वती की पूजा

Basant Panchami 2024 : बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती को पूजा जाता है. मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए लोग देवी को तरह-तरह से प्रसन्न करने की कोशिश करते है. इस दिन माता को प्रसन्न करने के लिए सभी को स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. पढ़ें पूरी खबर...

Worship Goddess Saraswati like this on Basant Panchami
बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की ऐसे करें पूजा
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 13, 2024, 8:05 PM IST

नई दिल्ली: बसंत पंचमी, जिसे वसंत पंचमी या श्री पंचमी भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है. इसे माघ महीने के पांचवें दिन और वसंत त्रतु के पहले दिन मनाया जाता है. इस साल बसंत पंचमी 14 फरवरी यानी बुधवार को है. बता दें, हिन्दु शास्त्रों में बसंत पंचमी को साल की सबसे शुभ तिथियों में गिना गया है. कहते हैं कि इस दिन ज्ञान और कला और बुद्धि की देवी मां सरस्वती की पूजा-आराधना की जाती है.

बसंत पंचमी होली की तैयारियों की शुरुआत की भी घोषणा करती है. बसंत पंचमी के दौरान भारत में सरसों के फूल खिलते हैं और यह उत्सव पीले रंग से संबंधित है. इस दिन देवी सरस्वती की स्तुति की जाती है. इस दिन शिक्षा, नवीनता और संगीत के चित्रण के रूप में देवी प्रार्थना की जाती है. इस दिन को पूरे भारत में अलग-अलग तरह से मनाया जाता है. मांगलिक कार्य जैसे कि शादी-विवाह के लिए भी इस तिथि को सबसे शुभ माना गया है. बच्चों की शिक्षा की शुरुआत कराने के लिए भी इस तिथि को सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है.

इस दिन क्यों की जाती है सरस्वती माता की पूजा
पौराणिक कथाओं के अनुसार बसंत पंचमी के दिन ही मां सरस्वती का जन्म हुआ था. मान्यता यह भी है कि दुनिया की रचना करने वाले भगवान ब्रह्मा के मुख से बसंत पंचमी के दिन ही बुद्धी और विद्या की देवी माता सरस्वती का जन्म हुआ था. इसलिए बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. माता सरस्वती से बसंत पंचमी के दिन को विद्या, बुद्धि, कला और ज्ञान का वरदान मांगा जाता है. माता की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है. इस दिन लोग पीले रंग का वस्त्र धारण करते हैं, और पीले व्यंजन का भोग देवी सरस्वती को लगाते है. बता दें, देवी सरस्वती को पीला रंग काफी प्रिय है.

बसंत पंचमी का महत्व
बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती को पूजा जाता है. मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए लोग देवी को तरह-तरह से प्रसन्न करने की कोशिश करते है. इस दिन माता को प्रसन्न करने के लिए सभी को स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. बसंत पंचमी के दिन सभी स्कूल-कॉलेज और शिक्षण संस्थानों में देवी सरस्वती की पूजा की जाती है. इस दिन पीले वस्त्र पहनने और दान करने का काफी महत्व है. बता दें, मां सरस्वती को खिचड़ी और पीले चावल का भोग के रूप में चढ़ाया जाता है.

सरस्वती पूजा 2024: समय

  • बसंत पंचमी 2024 का समय इस प्रकार है:
  • वसंत पंचमी मुहूर्त- सुबह 07:01 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक
  • वसंत पंचमी मध्याह्न क्षण - दोपहर 12:35 बजे
  • पंचमी तिथि प्रारंभ- 13 फरवरी 2024 को दोपहर 02:41 बजे से
  • पंचमी तिथि समापन- 14 फरवरी 2024 को दोपहर 12:09 बजे.

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बसंत पंचमी होली की तैयारियों की शुरुआत की भी घोषणा करती है. बसंत पंचमी के दौरान भारत में सरसों के फूल खिलते हैं और यह उत्सव पीले रंग से संबंधित है. इस दिन देवी सरस्वती की स्तुति की जाती है. इस दिन शिक्षा, नवीनता और संगीत के चित्रण के रूप में देवी प्रार्थना की जाती है. इस दिन को पूरे भारत में अलग-अलग तरह से मनाया जाता है. मांगलिक कार्य जैसे कि शादी-विवाह के लिए भी इस तिथि को सबसे शुभ माना गया है. बच्चों की शिक्षा की शुरुआत कराने के लिए भी इस तिथि को सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है.

इस दिन क्यों की जाती है सरस्वती माता की पूजा
पौराणिक कथाओं के अनुसार बसंत पंचमी के दिन ही मां सरस्वती का जन्म हुआ था. मान्यता यह भी है कि दुनिया की रचना करने वाले भगवान ब्रह्मा के मुख से बसंत पंचमी के दिन ही बुद्धी और विद्या की देवी माता सरस्वती का जन्म हुआ था. इसलिए बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. माता सरस्वती से बसंत पंचमी के दिन को विद्या, बुद्धि, कला और ज्ञान का वरदान मांगा जाता है. माता की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है. इस दिन लोग पीले रंग का वस्त्र धारण करते हैं, और पीले व्यंजन का भोग देवी सरस्वती को लगाते है. बता दें, देवी सरस्वती को पीला रंग काफी प्रिय है.

बसंत पंचमी का महत्व
बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती को पूजा जाता है. मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए लोग देवी को तरह-तरह से प्रसन्न करने की कोशिश करते है. इस दिन माता को प्रसन्न करने के लिए सभी को स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. बसंत पंचमी के दिन सभी स्कूल-कॉलेज और शिक्षण संस्थानों में देवी सरस्वती की पूजा की जाती है. इस दिन पीले वस्त्र पहनने और दान करने का काफी महत्व है. बता दें, मां सरस्वती को खिचड़ी और पीले चावल का भोग के रूप में चढ़ाया जाता है.

सरस्वती पूजा 2024: समय

  • बसंत पंचमी 2024 का समय इस प्रकार है:
  • वसंत पंचमी मुहूर्त- सुबह 07:01 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक
  • वसंत पंचमी मध्याह्न क्षण - दोपहर 12:35 बजे
  • पंचमी तिथि प्रारंभ- 13 फरवरी 2024 को दोपहर 02:41 बजे से
  • पंचमी तिथि समापन- 14 फरवरी 2024 को दोपहर 12:09 बजे.

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