नई दिल्ली: भारत में खुफिया एजेंसियों को संदेह है कि बांग्लादेश स्थित आतंकवादी समूह शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के सत्ता से बाहर होने के बाद भारत के कई राज्यों, विशेषकर पश्चिम बंगाल और असम में अराजकता फैलाने की कोशिश करेंगे.
दरअसल, गृह मंत्रालय में हाल ही में प्रस्तुत बहु-एजेंसी रिपोर्ट में बताया गया है कि बांग्लादेश स्थित आतंकवादी समूह अंसार बांग्ला टीम (एबीटी) का एक वरिष्ठ नेता अब्दुल्ला तलह कोलकाता और असम दोनों राज्यों में एबीटी के अड्डे स्थापित करने की कोशिश कर रहा है.
एबीटी भारतीय उपमहाद्वीप में आतंकवादी संगठन अलकायदा का एक सहयोगी संगठन है, जो अपने संबद्ध समूहों के साथ भारत में प्रतिबंधित है. भारत के सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने शुक्रवार को ईटीवी भारत को बताया कि अब्दुल्ला तलाह पहले भी असम का दौरा कर चुका था. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा दिए गए इनपुट के बाद शेख हसिना सरकार ने गिरफ्तार किया था.
सूत्रों ने गृह मंत्रालय में जमा की गई खुफिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा, 'तालाह फिलहाल जेल से बाहर है. वह पूर्वोत्तर में एबीटी के ठिकानों को फैलाने के प्रयास के पीछे मुख्य व्यक्ति था. तलाह फिर से अपनी गतिविधियों को अंजाम देने और भारत में एबीटी के ठिकानों को स्थापित करने की कोशिश करेगा.'
इस साल मई में असम में दो संदिग्ध बांग्लादेशी आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया था. बहार मिया और रेयरली मिया के रूप में पहचाने जाने वाले ये दोनों राज्य में एबीटी गतिविधियों को फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. इस बीच, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) भारत-बांग्लादेश सीमा पर चौबीसों घंटे गश्त कर रहा है. एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि सीमा सुरक्षा एजेंसी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रहने वाले भारतीय ग्रामीणों के साथ ग्राम समन्वय बैठकें भी कर रही है ताकि उन्हें बांग्लादेश में मौजूदा स्थिति के बारे में जागरूक किया जा सके और सीमा प्रबंधन में उनका सहयोग मांगा जा सके.
अधिकारी ने कहा, 'पिछले 15 दिनों में कुल 614 ऐसी बैठकें हुई हैं. इनमें ग्रामीणों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया. इसके अलावा, इस अवधि के दौरान सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सहयोगी एजेंसियों के साथ कई बैठकें हुई. अधिकारी के अनुसार भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थिति शांतिपूर्ण है और बीएसएफ अंतरराष्ट्रीय सीमा की पवित्रता बनाए रखने के साथ-साथ सीमा के पास रहने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
अधिकारी ने कहा, 'समन्वित सीमा प्रबंधन योजना (सीबीएमपी) के मद्देनजर बीएसएफ के जवान बीजीबी के साथ आपसी सहयोग से अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के लिए चौबीसों घंटे (24x7) ड्यूटी कर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि गृह मंत्रालय के निर्देशों के बाद भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थिति की जांच करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था. खासकर बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बाद इसका गठन किया गया था.
भारत-बांग्लादेश सीमा पर वर्तमान स्थिति की निगरानी के लिए गुरुवार को बीएसएफ (पूर्वी कमान) के एडीजी रवि गांधी की अध्यक्षता में एक समिति की बैठक हुई, जिसमें भारतीय भूमि बंदरगाह प्राधिकरण (एलपीएआई) के सदस्यों सहित सभी सदस्यों ने भाग लिया.
बैठक के दौरान बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) के साथ विभिन्न संचार की प्रगति और बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा की स्थिति, विशेष रूप से सीमावर्ती जिलों में, पर चर्चा की गई. 12 अगस्त से अब तक दोनों सीमा सुरक्षा बलों ने विभिन्न स्तरों पर लगभग 722 सीमा बैठकें की हैं. दोनों सीमा सुरक्षा बलों ने पूर्वी कमान के उत्तरदायित्व वाले क्षेत्र में संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों में 1367 समकालिक समन्वय गश्त (एससीपी) की.
अधिकारी ने कहा, 'इन सीमा बैठकों के दौरान बीजीबी अधिकारियों को बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय क्षेत्र में अवैध रूप से घुसपैठ करने से रोकने के लिए अवगत कराया गया. बैठकों के दौरान बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) ने भारतीय नागरिकों और बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित लोगों की सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाने का आश्वासन दिया.'