ETV Bharat / bharat

भारत में घुस सकते हैं बांग्लादेश में जेलों से भागे आतंकी, असम समेत सीमा से लगे राज्यों में हाई अलर्ट - Bangladesh Crisis

author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 10, 2024, 8:50 PM IST

High Alert on India-Bangladesh Border: बांग्लादेश में हिंसा के बाद भारत ने घुसपैठ को रोकने के लिए अपनी सीमाओं पर चौकसी बढ़ी दी है. खुफिया एजेंसियों को संदेह है कि प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के सदस्य भी आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भारत में घुसपैठ कर सकते हैं. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

High Alert on India-Bangladesh Border
भारत-बांग्लादेश सीमा के पास गश्त करते बीएसएफ जवान (ANI)

नई दिल्ली: बांग्लादेश के साथ सीमा साझा करने वाले पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में सुरक्षा एजेंसियों को अधिकतम अलर्ट पर रखा गया है, क्योंकि ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि बांग्लादेश में प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के सदस्य भारत में घुसने की कोशिश कर सकते हैं.

केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने यह अलर्ट उन रिपोर्ट्स के बाद जारी किया है, जिनमें कहा गया था कि पिछले कुछ दिनों में बांग्लादेश में दो जेलों से भागे 709 कैदियों में से कई आतंकी संदिग्ध भारत में घुसने की कोशिश कर सकते हैं. खुफिया विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि हमारे पास ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि जमात के कुछ सदस्य बांग्लादेश की जेल से भी भाग गए हैं.

राज्य और केंद्रीय एजेंसियां पड़ोसी देश से सूचनाएं जुटा रही हैं, राज्य पुलिस अलग-अलग होटलों, लॉज आदि पर कड़ी नजर रख रही है. अधिकारी ने कहा, "इस बात की पूरी संभावना है कि भारत विरोधी जमात के सदस्य भारत मौजूदा स्थिति का फायदा उठाकर देश में घुसने की कोशिश कर सकते हैं और शुरुआत में वे होटलों और लॉज में शरण लेंगे."

बीते मंगलवार को हथियारबंद भीड़ ने शेरपुर जिला जेल पर हमला कर 500 से ज्यादा कैदियों को छुड़ा लिया. उसी दिन गाजीपुर के काशीपुर जेल से करीब 209 कैदी भाग गए.

सीमा सुरक्षा एजेंसी (बीएसएफ) को इस बात की चिंता है कि बांग्लादेश में कथित धार्मिक उत्पीड़न के बाद हजारों लोग भारत में घुसने के लिए सीमावर्ती इलाकों में आते रहते हैं. शुक्रवार को बीएसएफ ने बांग्लादेश से 1000 लोगों को वापस खदेड़ दिया, जो भारत में शरण लेना चाहते थे. अधिकारी ने कहा, "अगर जमात के सदस्य भारत में घुस आए, तो भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी."

पांच भारतीय राज्य बांग्लादेश के साथ कुल 4,096 किलोमीटर लंबी दूरी साझा करते हैं. पश्चिम बंगाल बांग्लादेश के साथ कुल 2,217 किलोमीटर, त्रिपुरा (856 किलोमीटर), मेघालय (443 किलोमीटर), असम (262 किलोमीटर) और मिजोरम बांग्लादेश के साथ 318 किलोमीटर लंबी दूरी साझा करते हैं.

जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध
1971 के बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के बाद से जमात-ए-इस्लामी की गतिविधियां विवादास्पद रही हैं. 1971 युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना का साथ देने के कारण बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की पहली सरकार ने इस संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया था. बांग्लादेश सरकार ने आधिकारिक तौर पर 1 अगस्त, 2024 को जमात-ए-इस्लामी और उसके छात्र विंग छात्र शिबिर पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया दिया था, और 2009 के आतंकवाद विरोधी अधिनियम की धारा 18/1 के तहत आतंकवादी संगठन घोषित किया था. शेख हसीना सरकार ने जमात पर देश में अराजकता फैलाने में भूमिका निभाने का आरोप लगाया था. इस संगठन के गाजा स्थित हमास, फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद और मुस्लिम ब्रदरहुड सहित विभिन्न आतंकवादी समूहों के साथ संबंध हैं.

यह भी पढ़ें- बांग्लादेश के हिंदू नेता प्रमाणिक बोले, 'यहां हिंदू खतरे में नहीं हैं, कुछ छिटपुट घटनाएं ही हुईं'

नई दिल्ली: बांग्लादेश के साथ सीमा साझा करने वाले पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में सुरक्षा एजेंसियों को अधिकतम अलर्ट पर रखा गया है, क्योंकि ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि बांग्लादेश में प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के सदस्य भारत में घुसने की कोशिश कर सकते हैं.

केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने यह अलर्ट उन रिपोर्ट्स के बाद जारी किया है, जिनमें कहा गया था कि पिछले कुछ दिनों में बांग्लादेश में दो जेलों से भागे 709 कैदियों में से कई आतंकी संदिग्ध भारत में घुसने की कोशिश कर सकते हैं. खुफिया विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि हमारे पास ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि जमात के कुछ सदस्य बांग्लादेश की जेल से भी भाग गए हैं.

राज्य और केंद्रीय एजेंसियां पड़ोसी देश से सूचनाएं जुटा रही हैं, राज्य पुलिस अलग-अलग होटलों, लॉज आदि पर कड़ी नजर रख रही है. अधिकारी ने कहा, "इस बात की पूरी संभावना है कि भारत विरोधी जमात के सदस्य भारत मौजूदा स्थिति का फायदा उठाकर देश में घुसने की कोशिश कर सकते हैं और शुरुआत में वे होटलों और लॉज में शरण लेंगे."

बीते मंगलवार को हथियारबंद भीड़ ने शेरपुर जिला जेल पर हमला कर 500 से ज्यादा कैदियों को छुड़ा लिया. उसी दिन गाजीपुर के काशीपुर जेल से करीब 209 कैदी भाग गए.

सीमा सुरक्षा एजेंसी (बीएसएफ) को इस बात की चिंता है कि बांग्लादेश में कथित धार्मिक उत्पीड़न के बाद हजारों लोग भारत में घुसने के लिए सीमावर्ती इलाकों में आते रहते हैं. शुक्रवार को बीएसएफ ने बांग्लादेश से 1000 लोगों को वापस खदेड़ दिया, जो भारत में शरण लेना चाहते थे. अधिकारी ने कहा, "अगर जमात के सदस्य भारत में घुस आए, तो भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी."

पांच भारतीय राज्य बांग्लादेश के साथ कुल 4,096 किलोमीटर लंबी दूरी साझा करते हैं. पश्चिम बंगाल बांग्लादेश के साथ कुल 2,217 किलोमीटर, त्रिपुरा (856 किलोमीटर), मेघालय (443 किलोमीटर), असम (262 किलोमीटर) और मिजोरम बांग्लादेश के साथ 318 किलोमीटर लंबी दूरी साझा करते हैं.

जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध
1971 के बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के बाद से जमात-ए-इस्लामी की गतिविधियां विवादास्पद रही हैं. 1971 युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना का साथ देने के कारण बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की पहली सरकार ने इस संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया था. बांग्लादेश सरकार ने आधिकारिक तौर पर 1 अगस्त, 2024 को जमात-ए-इस्लामी और उसके छात्र विंग छात्र शिबिर पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया दिया था, और 2009 के आतंकवाद विरोधी अधिनियम की धारा 18/1 के तहत आतंकवादी संगठन घोषित किया था. शेख हसीना सरकार ने जमात पर देश में अराजकता फैलाने में भूमिका निभाने का आरोप लगाया था. इस संगठन के गाजा स्थित हमास, फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद और मुस्लिम ब्रदरहुड सहित विभिन्न आतंकवादी समूहों के साथ संबंध हैं.

यह भी पढ़ें- बांग्लादेश के हिंदू नेता प्रमाणिक बोले, 'यहां हिंदू खतरे में नहीं हैं, कुछ छिटपुट घटनाएं ही हुईं'

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.