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बांधवगढ़ में कैसे हुई 3 दिन में 10 हाथियों की मौत? देशभर की जांच एजेंसियों ने डेरा डाला

बांधवगढ़ टाइगर नेशनल पार्क में हाथियों की मौत से हड़कंप है. केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकार की एजेंसियां जांच में जुटी हैं.

BANDHAVGARH TIGER RESERVE
बांधवगढ़ टाइगर नेशनल पार्क में 10 हाथियों की मौत (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 1, 2024, 10:10 AM IST

उमरिया। उमरिया जिला स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मे इन दिनों शोक का माहौल है. नेशनल पार्क प्रबंधन में हड़कंप है. यहां पिछले 3 दिन से लगातार गजराज दम तोड़ रहे हैं. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में अब तक 10 हाथियों की मौत हो गई है, इससे पूरे देश में ये चर्चा का विषय है. देश के कई हिस्सों से जांच टीमें बांधवगढ़ पार्क पहुंच चुकी हैं. जांच एजेंसियां हर एंगल से जांच में जुटी हैं. आखिर इन हाथियों की मौत कैसे हुई.

गुरुवार को इलाजरत 2 और हाथियों की मौत

गुरुवार सुबह एक और हाथी की मौत हुई, जिसका इलाज किया जा रहा था. इसके बाद शाम होते-होते एक और हाथी की मौत हो गई. उसका भी इलाज किया जा रहा था. इस तरह से मंगलवार से हाथियों की मौत का सिलसिला जो शुरू हुआ था गुरुवार की शाम तक 10 हाथियों तक पहुंच गया है. बांधवगढ़ नेशनल पार्क के सलखनिया बीट गार्ड को 29 अक्टूबर को दिन में 10 से 11 बजे के आसपास पेट्रोलिंग के दौरान कैंप से 2 किलोमीटर की दूरी पर हाथियों की खराब स्थिति दिखी. कुछ हाथी जमीन पर पड़े मिले. तुरंत बीट गॉर्ड ने इसकी सूचना अपने आला अधिकारियों को दी. सूचना मिलते ही दोपहर 2 बजे तक वन विभाग के आला अधिकारी डॉक्टर्स की टीम के साथ वहां पहुंच गए, जहां उन्हें आसपास के एरिया में 10 हाथी जमीन पर पड़े दिखाई दिए.

बांधवगढ़ में ऐसे शुरू हुआ मौत का मंजर

डॉक्टर्स की टीम ने कुछ ही देर में 4 हाथियों को मौके पर ही मृत घोषित कर दिया. इस तरह से मंगलवार को ही 4 हाथियों की मौत हुई. बुधवार सुबह से रात तक में एक-एक करके इलाजरत 4 और हाथियों की मौत हो गई. फिर गुरुवार को इलाजरत 2 और हाथियों की मौत हुई है. इस तरह से यह आंकड़ा टोटल 10 तक पहुंच गया है. वहीं, जिस कोदो की फसल पर 13 हाथियों का ये झुंड गया हुआ था, और जिस कोदो की फसल को खाया है, उसे वन विभाग की टीम ने गुरुवार को नष्ट करवा दिया. पहले खड़ी फसल को ट्रैक्टर से जुतवाया गया और फिर उस पर आग लगवा दी. कोदो की फसल की भी जांच की जा रही है.

कहीं कोदो की फसल खाकर बीमार तो नहीं हुए हाथी

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर पीके वर्मा कहते हैं "विशेषज्ञों से बात की जा रही है. आशंका है कि हाथियों ने कोदो खाया है. कोदो कभी-कभी हाथियों के लिए जहर की तरह काम कर सकता है, हालांकि हम इसी एंगल पर जांच नहीं कर रहे हैं. हम कई अलग-अलग एंगल पर जांच कर रहे हैं. जल्द ही इस बात का पता लगा लिया जाएगा कि आखिर हाथियों की मौत कैसे हुई." वहीं, हाथियों की मौत के बाद केंद्र से लेकर राज्य तक की टीमें बांधवगढ़ में डेरा जमा चुकी हैं और अलग-अलग एंगल पर जांच कर रही हैं. घटनास्थल के 5 किलोमीटर के एरिया में जांच तेज है. आसपास के खेतों की फसलों को देखा जा रहा है.

हाथियों के मूवमेंट वाली जगहों पर जांच

इसके साथ ही जांच टीमें हाथियों के पानी पीने वाले जगह को भी देख रही हैं. आसपास कोदो कुटकी की फसलें थीं, उनकी भी जांच की जा रही है. हाथियों का जहां जहां मूवमेंट था, उन जगहों पर सख्ती से जांच जारी है. गुरुवार को स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स ने डॉग स्क्वायड की मदद से खेतों में पहुंचकर, कुछ घरों में जाकर तलाशी ली. पूछताछ के लिए कई लोगों को हिरासत में भी लिया गया है. लेकिन फिलहाल विभाग अब तक इस बात का पता नहीं लग पाया है कि हाथियों की मौत किस वजह से हुई है. वन विभाग की मानें तो 6 हाथियों का पोस्टमार्टम हो चुका है. रिपोर्ट का इंतजार है.

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छत्तीसगढ़ से बांघवगढ़ नेशनल पार्क हाथियों की आवाजाही

बता दें कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों के आने का सिलसिला 2017 के आसपास शुरू हुआ था. जब झुंड के झुंड में हाथियों ने छत्तीसगढ़ के जंगलों से होते हुए बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व को अपना आशियाना बना लिया था और लगातार इनका कुनबा बढ़ता जा रहा है. साल दर साल छत्तीसगढ़ से हाथी बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व आते जा रहे हैं. माना जा रहा है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों के लिए अच्छा वातावरण है. लेकिन महज 3 दिन में ही 10 हाथियों की मौत हो गई, उसके बाद से अब कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

उमरिया। उमरिया जिला स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मे इन दिनों शोक का माहौल है. नेशनल पार्क प्रबंधन में हड़कंप है. यहां पिछले 3 दिन से लगातार गजराज दम तोड़ रहे हैं. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में अब तक 10 हाथियों की मौत हो गई है, इससे पूरे देश में ये चर्चा का विषय है. देश के कई हिस्सों से जांच टीमें बांधवगढ़ पार्क पहुंच चुकी हैं. जांच एजेंसियां हर एंगल से जांच में जुटी हैं. आखिर इन हाथियों की मौत कैसे हुई.

गुरुवार को इलाजरत 2 और हाथियों की मौत

गुरुवार सुबह एक और हाथी की मौत हुई, जिसका इलाज किया जा रहा था. इसके बाद शाम होते-होते एक और हाथी की मौत हो गई. उसका भी इलाज किया जा रहा था. इस तरह से मंगलवार से हाथियों की मौत का सिलसिला जो शुरू हुआ था गुरुवार की शाम तक 10 हाथियों तक पहुंच गया है. बांधवगढ़ नेशनल पार्क के सलखनिया बीट गार्ड को 29 अक्टूबर को दिन में 10 से 11 बजे के आसपास पेट्रोलिंग के दौरान कैंप से 2 किलोमीटर की दूरी पर हाथियों की खराब स्थिति दिखी. कुछ हाथी जमीन पर पड़े मिले. तुरंत बीट गॉर्ड ने इसकी सूचना अपने आला अधिकारियों को दी. सूचना मिलते ही दोपहर 2 बजे तक वन विभाग के आला अधिकारी डॉक्टर्स की टीम के साथ वहां पहुंच गए, जहां उन्हें आसपास के एरिया में 10 हाथी जमीन पर पड़े दिखाई दिए.

बांधवगढ़ में ऐसे शुरू हुआ मौत का मंजर

डॉक्टर्स की टीम ने कुछ ही देर में 4 हाथियों को मौके पर ही मृत घोषित कर दिया. इस तरह से मंगलवार को ही 4 हाथियों की मौत हुई. बुधवार सुबह से रात तक में एक-एक करके इलाजरत 4 और हाथियों की मौत हो गई. फिर गुरुवार को इलाजरत 2 और हाथियों की मौत हुई है. इस तरह से यह आंकड़ा टोटल 10 तक पहुंच गया है. वहीं, जिस कोदो की फसल पर 13 हाथियों का ये झुंड गया हुआ था, और जिस कोदो की फसल को खाया है, उसे वन विभाग की टीम ने गुरुवार को नष्ट करवा दिया. पहले खड़ी फसल को ट्रैक्टर से जुतवाया गया और फिर उस पर आग लगवा दी. कोदो की फसल की भी जांच की जा रही है.

कहीं कोदो की फसल खाकर बीमार तो नहीं हुए हाथी

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर पीके वर्मा कहते हैं "विशेषज्ञों से बात की जा रही है. आशंका है कि हाथियों ने कोदो खाया है. कोदो कभी-कभी हाथियों के लिए जहर की तरह काम कर सकता है, हालांकि हम इसी एंगल पर जांच नहीं कर रहे हैं. हम कई अलग-अलग एंगल पर जांच कर रहे हैं. जल्द ही इस बात का पता लगा लिया जाएगा कि आखिर हाथियों की मौत कैसे हुई." वहीं, हाथियों की मौत के बाद केंद्र से लेकर राज्य तक की टीमें बांधवगढ़ में डेरा जमा चुकी हैं और अलग-अलग एंगल पर जांच कर रही हैं. घटनास्थल के 5 किलोमीटर के एरिया में जांच तेज है. आसपास के खेतों की फसलों को देखा जा रहा है.

हाथियों के मूवमेंट वाली जगहों पर जांच

इसके साथ ही जांच टीमें हाथियों के पानी पीने वाले जगह को भी देख रही हैं. आसपास कोदो कुटकी की फसलें थीं, उनकी भी जांच की जा रही है. हाथियों का जहां जहां मूवमेंट था, उन जगहों पर सख्ती से जांच जारी है. गुरुवार को स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स ने डॉग स्क्वायड की मदद से खेतों में पहुंचकर, कुछ घरों में जाकर तलाशी ली. पूछताछ के लिए कई लोगों को हिरासत में भी लिया गया है. लेकिन फिलहाल विभाग अब तक इस बात का पता नहीं लग पाया है कि हाथियों की मौत किस वजह से हुई है. वन विभाग की मानें तो 6 हाथियों का पोस्टमार्टम हो चुका है. रिपोर्ट का इंतजार है.

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छत्तीसगढ़ से बांघवगढ़ नेशनल पार्क हाथियों की आवाजाही

बता दें कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों के आने का सिलसिला 2017 के आसपास शुरू हुआ था. जब झुंड के झुंड में हाथियों ने छत्तीसगढ़ के जंगलों से होते हुए बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व को अपना आशियाना बना लिया था और लगातार इनका कुनबा बढ़ता जा रहा है. साल दर साल छत्तीसगढ़ से हाथी बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व आते जा रहे हैं. माना जा रहा है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों के लिए अच्छा वातावरण है. लेकिन महज 3 दिन में ही 10 हाथियों की मौत हो गई, उसके बाद से अब कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

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