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सांसद रशीद इंजीनियर की जमानत याचिका पर फैसला टला, टेरर फंडिंग का है आरोप - RASHID ENGINEER BAIL PETITION - RASHID ENGINEER BAIL PETITION

RASHID ENGINEER BAIL PETITION: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले के आरोपी और सांसद राशिद इंजीनियर की जमानत याचिका पर फैसला टाल दिया है. इससे पहले साल 2022 राशिद इंजीनियर समेत अन्य लोगों पर कोर्ट ने आरोप तय करने का आदेश दिया था.

राशिद इंजीनियर की जमानत याचिका पर फैसला आज
राशिद इंजीनियर की जमानत याचिका पर फैसला आज (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 4, 2024, 10:14 AM IST

Updated : Sep 4, 2024, 4:47 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले के आरोपी और सांसद राशिद इंजीनियर की जमानत याचिका पर फैसला टाल दिया है. जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 11 सितंबर को होगी. इससे पहले कोर्ट ने 27 अगस्त को मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.

वहीं, कोर्ट ने 21 अगस्त को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को नोटिस जारी किया था. बता दें कि कोर्ट ने राशिद इंजीनियर को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए पांच जुलाई को दो घंटे की कस्टडी पेरोल पर रिहा करने का आदेश दिया था. रशीद इंजीनियर ने लोकसभा चुनाव 2024 में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को करीब एक लाख मतों से हराकर जीत हासिल की है. हालांकि, वह फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं. उन्हें 2016 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था.

दरअसल, पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 मार्च, 2022 को हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन, यासिन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम, राशिद इंजीनियर, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहम शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट्ट ऊर्फ पीर सैफुल्ला समेत दूसरे आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था.

एनआईए के मुताबिक, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया. 1993 में अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस की स्थापना की गई.

यह भी पढ़ें- जेल से बाहर आये सीएम केजरीवाल के पीए बिभव कुमार, विजय नायर भी तिहाड़ से निकले बाहर

यही नहीं, हाफिज सईद ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के साथ मिलकर हवाला और दूसरे चैनलों के जरिए आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन का लेन-देन किया. इस धन का उपयोग घाटी में अशांति फैलाने, सुरक्षा बलों पर हमला करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम किया. इसकी सूचना गृह मंत्रालय को मिलने के बाद एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121, 121ए और यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, 20, 38, 39 और 40 के तहत केस दर्ज किया था.

यह भी पढ़ें- CM केजरीवाल के खिलाफ CBI की पूरक चार्जशीट पर कोर्ट ने लिया संज्ञान, अगली सुनवाई 11 सितंबर को

नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले के आरोपी और सांसद राशिद इंजीनियर की जमानत याचिका पर फैसला टाल दिया है. जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 11 सितंबर को होगी. इससे पहले कोर्ट ने 27 अगस्त को मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.

वहीं, कोर्ट ने 21 अगस्त को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को नोटिस जारी किया था. बता दें कि कोर्ट ने राशिद इंजीनियर को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए पांच जुलाई को दो घंटे की कस्टडी पेरोल पर रिहा करने का आदेश दिया था. रशीद इंजीनियर ने लोकसभा चुनाव 2024 में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को करीब एक लाख मतों से हराकर जीत हासिल की है. हालांकि, वह फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं. उन्हें 2016 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था.

दरअसल, पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 मार्च, 2022 को हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन, यासिन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम, राशिद इंजीनियर, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहम शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट्ट ऊर्फ पीर सैफुल्ला समेत दूसरे आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था.

एनआईए के मुताबिक, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया. 1993 में अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस की स्थापना की गई.

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यही नहीं, हाफिज सईद ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के साथ मिलकर हवाला और दूसरे चैनलों के जरिए आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन का लेन-देन किया. इस धन का उपयोग घाटी में अशांति फैलाने, सुरक्षा बलों पर हमला करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम किया. इसकी सूचना गृह मंत्रालय को मिलने के बाद एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121, 121ए और यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, 20, 38, 39 और 40 के तहत केस दर्ज किया था.

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Last Updated : Sep 4, 2024, 4:47 PM IST
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