रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड): भारत का हिमालय क्षेत्र प्राचीनकाल से ही ऋषि मुनियों की तपस्थली रहा है. हिमालय में अनेक ऋषि मुनियों ने कठिन तपस्या की है. समय-समय पर देश में अनेक ऋषि मुनियों का अवतरण हुआ है, जो हिमालय की परंपरा और संस्कृति को बचाने के लिए आगे आए हैं. इन्हीं में से एक ललित महाराज भी हैं, जो कई सालों से बाबा केदारनाथ की तपस्या में लीन हैं.
बता दें कि बाबा बर्फानी से प्रसिद्ध ललित महाराज के आश्रम में जो भी व्यक्ति आता है, वो कभी भूखा नहीं जाता है. देश के अनेक हिस्सों के साधु संतों को भी ललित महाराज केदारनाथ स्थित अपने आश्रम में आसरा देते हैं. इन दिनों ललित महाराज के अलावा 6 अन्य संन्यासी कठिन परिस्थितियों में कई फीट बर्फ के बीच बाबा केदारनाथ की तपस्या में लीन हैं.
विख्यात केदारनाथ धाम में इन दिनों 5 फीट तक बर्फ जमी हुई है. धाम में चारों ओर सिर्फ बर्फ ही बर्फ है. बर्फबारी के कारण धाम में कड़कड़ाती ठंड पड़ रही है. बावजूद इसके केदारनाथ धाम में कुछ साधु संत बाबा केदार की तपस्या में लीन हैं. पिछले कई सालों से केदारनाथ धाम में रह रहे संत ललित महाराज भी इन दिनों बर्फ में बाबा केदार की तपस्या कर रहे हैं.
ललित महाराज के अलावा 6 अन्य साधु भी केदारनाथ धाम में रहकर बाबा केदार की भक्ति में डूबे हुए हैं. पूरे शीतकाल में तपस्या लगातार जारी है. बर्फबारी के कारण धाम में काफी ठंड बढ़ गई है, बाजवूद इसके साधु वहां से नीचे नहीं आए हैं. यात्रा सीजन के दौरान ललित महाराज यात्रियों के अलावा साधु संतों की सेवा में जुटे रहते हैं. पुराने यात्रा मार्ग पर केदारनाथ मंदिर से कुछ ही दूरी पर ललित महाराज का आश्रम है.
ललित महाराज के आश्रम में जो भी भक्त या साधु संत पहुंचते हैं, उनके लिए निशुल्क रहने के साथ ही खाने की व्यवस्था की जाती है. इसके अलावा धाम में समय-समय पर ललित महाराज की ओर से भंडारे का भी आयोजन किया जाता है. ललित महाराज की ओर से केदारनाथ धाम में गौशाला भी बनाई गई है. जहां जंगल में छोड़ी गई गाय और नंदी रहते हैं.
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